#गढ़वा #कृषि_सहायता : उपायुक्त दिनेश यादव ने कहा – “72 घंटे के भीतर दें फसल क्षति की सूचना, ताकि मिल सके बीमा योजना का लाभ”
- गढ़वा जिले में हाल की चक्रवाती वर्षा से कई प्रखंडों में फसलों को गंभीर क्षति पहुँची है।
- उपायुक्त दिनेश यादव ने किसानों से 72 घंटे के भीतर फसल हानि की सूचना देने की अपील की।
- सूचना टोल-फ्री नंबर 14447, व्हाट्सएप (+91 7065514447) या सहकारिता कार्यालय में दी जा सकती है।
- बीमा रहित किसानों के लिए आपदा प्रबंधन विभाग के माध्यम से मुआवजे की व्यवस्था होगी।
- अंचल अधिकारियों को फसल क्षति का शीघ्र आकलन करने और किसानों को राहत पहुँचाने के निर्देश दिए गए हैं।
गढ़वा जिले में हाल ही में आए चक्रवाती तूफान और भारी वर्षा ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। कई इलाकों में धान, मकई और सब्जी की फसलें बर्बाद हो गई हैं। इस स्थिति में उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी दिनेश यादव ने किसानों से समय पर सूचना देने की अपील की है, ताकि वे बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (B-PMFBY) और आपदा राहत सहायता का लाभ समय पर प्राप्त कर सकें।
उपायुक्त का स्पष्ट निर्देश
उपायुक्त श्री यादव ने बताया कि फसल क्षति की सूचना 72 घंटे के भीतर देना अनिवार्य है, जैसा कि बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नियमों में निर्धारित है। उन्होंने कहा कि जिले के प्रत्येक किसान को चाहिए कि वे अपनी फसल को हुए नुकसान की जानकारी समयसीमा में दर्ज कराएँ।
उपायुक्त दिनेश यादव ने कहा: “जिले के सभी किसान भाई-बहनों से अनुरोध है कि वे समय पर फसल क्षति की सूचना दें, ताकि सरकार द्वारा निर्धारित बीमा राशि एवं आपदा सहायता शीघ्रता से उपलब्ध कराई जा सके।”
फसल क्षति की सूचना देने के तरीके
किसान अपनी फसल हानि की सूचना देने के लिए तीन माध्यमों का उपयोग कर सकते हैं —
- टोल-फ्री नंबर 14447 पर कॉल करके सीधे रिपोर्ट करें।
- व्हाट्सएप नंबर +91 7065514447 पर फोटो और विवरण भेजें।
- संबंधित प्रखंड सहकारिता कार्यालय या जिला कृषि पदाधिकारी के कार्यालय में जाकर लिखित सूचना दें।
बीमा रहित किसानों के लिए राहत का रास्ता
जिन किसानों ने बीमा नहीं कराया है, वे भी राहत से वंचित नहीं रहेंगे। उन्हें अपने खेत की जियो-टैग्ड फोटो, फसल विवरण और क्षेत्रफल के साथ आवेदन संबंधित अंचल कार्यालय में जमा करना होगा। इन आवेदनों पर आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा उचित मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
प्रशासन की सक्रियता और राहत कार्य
उपायुक्त श्री यादव ने सभी अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में कर्मियों और पंचायत सेवकों को भेजकर फसल क्षति का शीघ्र आकलन करें। उन्होंने यह भी कहा कि फसल कटाई के उपरांत 14 दिनों के भीतर हुई क्षति ही बीमा दावे के लिए मान्य मानी जाएगी। इसलिए किसानों को सलाह दी गई है कि वे सूचना देने में विलंब न करें।
इस निर्देश के बाद जिला प्रशासन की टीमें सक्रिय हो गई हैं और विभिन्न प्रखंडों में फसलों की वास्तविक स्थिति का सर्वेक्षण शुरू कर दिया गया है। प्रशासन का उद्देश्य है कि कोई भी पात्र किसान सहायता से वंचित न रह जाए।
न्यूज़ देखो: संवेदनशील प्रशासन और सतर्क किसान ही समाधान
गढ़वा जिला प्रशासन की इस तत्परता से यह स्पष्ट होता है कि सरकार किसानों की पीड़ा को गंभीरता से ले रही है। फसल बीमा योजना और राहत प्रावधान तभी प्रभावी होंगे जब किसान समय पर सूचना देंगे। यह खबर इस बात की याद दिलाती है कि जागरूकता और समय पर कार्रवाई ही किसानों की सुरक्षा कवच है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सजग किसान, सुरक्षित भविष्य
प्रकृति के प्रकोप से बचना संभव नहीं, लेकिन सतर्कता से नुकसान को कम किया जा सकता है। प्रशासन का प्रयास तभी सफल होगा जब किसान समय पर अपनी भूमिका निभाएँ।
अब समय है कि किसान भाई-बहन जागरूक बनें, फसल हानि की सूचना समय पर दें और अपने अधिकारों का लाभ उठाएँ। इस खबर को साझा करें ताकि हर किसान तक यह महत्वपूर्ण सूचना पहुँच सके और कोई भी किसान राहत से वंचित न रहे।




