
#सिमडेगा #पर्यटन_स्थल : बानो प्रखंड के पहाड़ों में छिपा डाडिंग जलप्रपात सैलानियों को कर रहा आकर्षित।
सिमडेगा जिले के बानो प्रखंड में स्थित डाडिंग जलप्रपात अपनी मनोरम प्राकृतिक छटाओं और एडवेंचर संभावनाओं के कारण चर्चा में है। पहाड़ों, हरियाली और कोयल नदी की कलकल धाराओं से घिरा यह क्षेत्र एक संभावनाशील पर्यटन स्थल के रूप में उभर रहा है। अब तक प्रशासनिक नजरों से दूर रहा यह स्थल बेहतर बुनियादी सुविधाओं के अभाव में सीमित पहचान रखता है। स्थानीय लोगों और पर्यटकों की मांग है कि इसे विकसित कर सिमडेगा के प्रमुख पिकनिक स्पॉट के रूप में स्थापित किया जाए।
- डाडिंग जलप्रपात बानो प्रखंड मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित।
- बांकी पंचायत के नवमिल क्षेत्र से करीब 10 किलोमीटर अंदर पहाड़ियों के बीच अवस्थित।
- कोयल नदी की धाराएं और चट्टानों से गिरते झरने प्रमुख आकर्षण।
- हर मौसम में पर्यटकों की आवाजाही, बरसात में दृश्य सबसे मनमोहक।
- सड़क, दिशा-सूचक और पर्यटन सुविधाओं के विकास की आवश्यकता।
सिमडेगा जिला प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर क्षेत्रों में गिना जाता है और यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। इसी कड़ी में बानो प्रखंड के अंतर्गत स्थित डाडिंग जलप्रपात एक ऐसा रमणीय स्थल है, जो अब धीरे-धीरे लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है। पहाड़ों के बीच बहती कोयल नदी, ऊंची चट्टानों से गिरते झरने और चारों ओर फैली हरियाली इस स्थान को खास बनाती है।
पहाड़ों के बीच छिपा प्राकृतिक खजाना
डाडिंग जलप्रपात बानो प्रखंड मुख्यालय से महज 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्थल बांकी पंचायत के अंतर्गत नवमिल से करीब 10 किलोमीटर अंदर पहाड़ियों के बीच बसा हुआ है। यहां पहुंचते ही पर्यटकों को ऐसा अनुभव होता है, मानो वे झारखंड नहीं बल्कि हिमाचल प्रदेश की वादियों में भ्रमण कर रहे हों। दोनों ओर ऊंचे पहाड़, घने जंगल और बीच से बहती कोयल नदी का दृश्य मन को मोह लेता है।
कोयल नदी और झरनों का अद्भुत संगम
इस क्षेत्र की सबसे बड़ी खासियत है कोयल नदी, जो चट्टानों के ऊपर से बहते हुए दर्जनों छोटे-बड़े झरनों का रूप ले लेती है। नदी की सफेद धाराएं दूर से बर्फीली नदी का आभास कराती हैं। चट्टानों के बीच से निकलती जलधाराएं और हरियाली से घिरा वातावरण इसे एक आदर्श पिकनिक और एडवेंचर स्थल बनाता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां का दृश्य हर मौसम में अलग-अलग रंग बिखेरता है।
गुमनामी में छुपा पर्यटन स्थल
इतनी प्राकृतिक खूबसूरती के बावजूद डाडिंग जलप्रपात अब तक प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की नजरों से काफी हद तक अनछुआ रहा है। वर्तमान में यहां हर मौसम में लोगों की आवाजाही बनी रहती है, लेकिन बरसात के मौसम में सड़क सुविधा नहीं होने के कारण पर्यटकों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। न तो पक्की सड़क है, न ही दिशा-सूचक बोर्ड या सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाएं।
विकास से बदलेगी पहचान
स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि डाडिंग जलप्रपात को एक सुनियोजित पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए तो यह न केवल सिमडेगा, बल्कि पूरे झारखंड में अपनी अलग पहचान बना सकता है। बेहतर सड़क, पार्किंग, दिशा-सूचक, प्रचार-प्रसार और सुरक्षा व्यवस्था होने से यहां पर्यटकों की संख्या कई गुना बढ़ सकती है। इससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से उम्मीद
क्षेत्रवासियों की मांग है कि जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करते हुए पर्यटन विकास की दिशा में ठोस कदम उठाएं। इससे सिमडेगा जिले को पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान मिलेगी और प्रकृति प्रेमियों के लिए यह स्थल एक पसंदीदा गंतव्य बन सकता है।

न्यूज़ देखो: सिमडेगा की पर्यटन क्षमता का नया चेहरा
डाडिंग जलप्रपात यह साबित करता है कि सिमडेगा में पर्यटन की असीम संभावनाएं मौजूद हैं, जरूरत है तो सिर्फ सही योजना और इच्छाशक्ति की। प्रशासनिक उदासीनता के कारण अब तक यह स्थल गुमनामी में रहा, लेकिन थोड़े से प्रयास से यह झारखंड का प्रमुख एडवेंचर और पिकनिक डेस्टिनेशन बन सकता है। सवाल यह है कि कब तक ऐसी प्राकृतिक धरोहरें अनदेखी रहेंगी? हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
प्रकृति को सहेजें, पर्यटन को बढ़ावा दें
डाडिंग जलप्रपात जैसे स्थल हमें प्रकृति के करीब लाते हैं और जिम्मेदार पर्यटन का संदेश देते हैं। समय आ गया है कि हम इन धरोहरों को संरक्षित करने के साथ-साथ उनके विकास की मांग उठाएं। आप भी अपनी राय साझा करें, इस खबर को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं और सिमडेगा के इस छुपे स्वर्ग को पहचान दिलाने में अपनी भूमिका निभाएं।





