
#महुआडांड़ #शराब_विवाद : अंग्रेजी शराब दुकान में ग्राहकों से रोज़ झड़प और थोक सप्लाई के खुले दावे से क्षेत्र में तनाव बढ़ा।
- महुआडांड़ की अंग्रेजी शराब दुकान लगातार विवादों में।
- ग्राहकों–कर्मचारियों के बीच रोज़ नोकझोंक।
- कर्मचारियों ने गारू–नेतरहाट तक थोक सप्लाई का दावा किया।
- कर्मचारियों का विवादित बयान — “खबर छपे तो भी फर्क नहीं पड़ेगा।”
- स्थानीय लोगों ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की।
महुआडांड़ प्रखंड मुख्यालय स्थित अंग्रेजी शराब दुकान इन दिनों विवादों के केंद्र में है। दुकान पर रोज़ाना ग्राहकों और कर्मचारियों के बीच तीखी झड़प की घटनाएँ सामने आ रही हैं, जिससे क्षेत्र का वातावरण तनावपूर्ण बना हुआ है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यहां नियमों की खुलेआम अनदेखी हो रही है और कर्मचारी मनमानी पर उतारू हैं।
लोगों के बढ़ते सवालों पर जब दुकान कर्मियों से बात की गई, तो उन्होंने बेखौफ होकर दावा किया कि महुआडांड़ के अलावा गारू और नेतरहाट इलाके में भी थोक में शराब की सप्लाई की जाती है। उनका कहना था कि दुकान मालिक की पूरी पूंजी इस कारोबार में लगी है, इसलिए किसी भी स्थिति में सप्लाई रोकी नहीं जाएगी।
सबसे विवादित बात तब हुई जब कर्मचारियों ने कथित रूप से कहा कि—
“पत्रकार खबर छाप सकते हैं, इससे हमारा कुछ नहीं बिगड़ने वाला।”
इस बयान ने स्थानीय लोगों के आक्रोश को और भड़का दिया है। ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर वाकई में यह दुकान थोक सप्लाई कर रही है, तो बड़ा सवाल यह है कि क्या इसकी अनुमति नियमानुसार है? और यदि नहीं, तो प्रशासन कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा?
थोक सप्लाई पर उठे बड़े सवाल
स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अनुसार खुदरा दुकानों द्वारा थोक सप्लाई किया जाना पूरी तरह अवैध है। इसके बावजूद कर्मचारियों के खुले दावे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हैं। लोगों ने आरोप लगाया कि—
“दुकान के संचालन पर कोई निगरानी नहीं है, इसलिए कर्मचारी मनमानी पर हैं और नियमों को ताक पर रख रहे हैं।”
बढ़ते विवाद से क्षेत्र में असंतोष
दुकान के बाहर आए दिन हो रही नोकझोंक के कारण पास के दुकानदार और राहगीर भी परेशान हैं। कई स्थानीय लोगों ने बताया कि शाम के समय दुकान के बाहर माहौल बेहद अव्यवस्थित हो जाता है, जिससे लोगों, खासकर महिलाओं, को आने-जाने में दिक्कत होती है।
जांच की मांग तेज
सामाजिक कार्यकर्ताओं, ग्रामीणों और कई स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। लोगों का कहना है कि—
“यदि थोक सप्लाई अवैध है, तो तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। यदि वैध है, तो अनुमतियाँ सार्वजनिक की जाएं ताकि भ्रम दूर हो।”
प्रशासन के स्तर पर अब तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, जिसके कारण लोगों में असंतोष और बढ़ रहा है।
न्यूज़ देखो: जिम्मेदारी बनाम लापरवाही
यह मामला साफ तौर पर बताता है कि बिना निगरानी के संचालन किसी भी दुकान को विवाद का केंद्र बना देता है। शराब जैसे संवेदनशील व्यवसाय में नियमों की अनदेखी सार्वजनिक सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है। प्रशासन को तुरंत हस्तक्षेप कर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जागरूक बनें, सवाल पूछें — व्यवस्था को जवाबदेह बनाएं
समाज तभी सुरक्षित और पारदर्शी बनता है, जब लोग आवाज़ उठाते हैं और जिम्मेदारों से जवाब मांगते हैं।
यदि आपके क्षेत्र में भी ऐसी अनियमितताएँ हैं, तो सामने आएं, जागरूकता फैलाएँ और नियमों के पालन की मांग करें।
अपनी राय कमेंट करें, खबर को साझा करें, और इस मुद्दे को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचाकर जिम्मेदारियों को जगाएं।





