
#पलामू #पर्यटन : घटियाही पहाड़ी पर स्थित डला कला झरना बना पिकनिक और सैर-सपाटे का नया गंतव्य—पर्यटक संख्या में लगातार बढ़ोतरी
- पलामू जिले के पाण्डु प्रखंड अंतर्गत डला कला पंचायत में खूबसूरत झरना स्थित।
- हरियाली और ठंडी हवाओं से घिरा झरना अब पिकनिक और पर्यटन हब बन रहा।
- छुट्टियों और त्योहारों में यहां भीड़ उमड़ रही है।
- मुखिया राम बाबू ने सड़क और सुविधाओं की मरम्मत की मांग की।
- पत्रकार तीर्थ राज दुबे ने स्थल की रिपोर्ट कर इसे पर्यटन सूची में शामिल करने की अपील की।
पलामू जिले का डला कला झरना अब लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। प्राकृतिक सुंदरता और पहाड़ी के बीच बहते इस झरने को देखने के लिए स्थानीय लोग ही नहीं, बल्कि दूर-दराज़ से भी परिवार और युवा पहुंच रहे हैं। छुट्टियों और त्योहारों में यहां माहौल पूरी तरह पिकनिक स्थल जैसा हो जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर सरकार यहां सड़क और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा दे, तो यह स्थल पलामू के पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान बना सकता है।
प्राकृतिक सौंदर्य का अनोखा नजारा
डला कला पंचायत से मात्र एक किलोमीटर अंदर घटियाही पहाड़ी पर स्थित यह झरना अपनी कल-कल ध्वनि और हरियाली से पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहां की ठंडी हवाएं और प्राकृतिक दृश्य हर किसी को मन मोह लेते हैं। युवा वर्ग यहां घूमने और फोटोग्राफी के लिए पहुंच रहा है, वहीं परिवार भी यहां छुट्टियां बिताने आ रहे हैं।
ग्रामीणों ने कहा: “यह झरना हमारे क्षेत्र की शान है। अगर प्रशासन ध्यान दे तो यह झारखंड के बड़े पर्यटन स्थलों में गिना जाएगा।”
सुविधाओं की कमी और मांग
झरने की बढ़ती लोकप्रियता के बीच सुविधाओं की कमी भी साफ दिख रही है। सड़कें टूटी होने से पर्यटकों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
पंचायत के मुखिया राम बाबू ने कहा: “सरकार को यहां तक पहुंचने वाले रास्ते की मरम्मत करनी चाहिए। अगर सड़क और सुविधाएं दुरुस्त हों, तो यह स्थल बड़ा पर्यटक केंद्र बन जाएगा और ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा।”
पत्रकार की रिपोर्ट और सुझाव
स्थल पर पहुंचे स्थानीय पत्रकार तीर्थ राज दुबे ने इस झरने का फोटो क्लिप तैयार कर प्रकाशित किया है। उन्होंने इसे पलामू जिले का गर्व बताते हुए सुझाव दिया कि सरकार इसे आधिकारिक तौर पर पर्यटन स्थल घोषित करे।
पत्रकार तीर्थ राज दुबे ने कहा: “डला कला का यह झरना पलामू जिले की शान है और सरकार चाहे तो इसे झारखंड के बड़े पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल कर सकती है।”
ग्रामीणों की उम्मीदें
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से इस स्थल को पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग की है। उनका मानना है कि ऐसा होने पर न केवल स्थानीय पहचान बढ़ेगी बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
पर्यटन विकास की संभावनाएं
झारखंड के कई प्राकृतिक स्थल राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं। ऐसे में डला कला का झरना भी बेहतर प्रबंधन और आधारभूत सुविधाओं के विकास के बाद बड़ा आकर्षण केंद्र बन सकता है। यह स्थानीय युवाओं को रोजगार और उद्यमिता के अवसर भी देगा।
न्यूज़ देखो: पलामू का छुपा रत्न
डला कला का झरना यह दर्शाता है कि पलामू प्राकृतिक संपदा से कितना समृद्ध है। प्रशासन यदि सड़क और बुनियादी ढांचे पर ध्यान दे, तो यह स्थल न केवल पर्यटन के लिए पहचान बना सकता है बल्कि स्थानीय लोगों को आर्थिक मजबूती भी दे सकता है।
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पर्यटन से प्रगति की राह
डला कला झरने का यह उदाहरण बताता है कि प्राकृतिक धरोहरों को सही दिशा में आगे बढ़ाकर गांवों की किस्मत बदली जा सकती है। अब समय है कि हम सब भी पर्यटन विकास की इस मुहिम का हिस्सा बनें। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि पलामू का यह सौंदर्य हर किसी तक पहुंचे।