
#देवघर #साइबर_क्राइम : बढ़ते ऑनलाइन ठगी मामलों पर पुलिस की कड़ी कार्रवाई की तैयारी
- पुलिस अधीक्षक सौरभ ने साइबर प्रभावित थाना प्रभारियों के साथ की समीक्षा बैठक।
- साइबर अपराध की रोकथाम और ठगों की गिरफ्तारी के लिए दिए गए सख्त निर्देश।
- अवैध संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने का आदेश।
- प्रभावित इलाकों में सघन छापेमारी अभियान चलाने की रणनीति तैयार।
- जनता में साइबर सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने पर भी दिया गया जोर।
देवघर जिले में बढ़ते साइबर अपराध के मामलों को देखते हुए पुलिस प्रशासन अब पूरी तरह सक्रिय हो गया है। शुक्रवार को एसपी सौरभ ने जिले के सभी साइबर प्रभावित थाना प्रभारियों और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक का मुख्य उद्देश्य साइबर ठगी, फर्जी कॉलिंग, ऑनलाइन लिंक फ्रॉड और फिशिंग जैसे अपराधों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करना था।
साइबर अपराध की रोकथाम पर बनी रणनीति
बैठक में एसपी सौरभ ने कहा कि साइबर अपराध आज समाज और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। देवघर जिले के कई इलाकों में ऐसे गिरोह सक्रिय हैं जो भोले-भाले लोगों को फर्जी लिंक, ऐप या कॉल के माध्यम से ठगते हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी थाना प्रभारी ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करें और पीड़ितों की शिकायतों को गंभीरता से लें।
एसपी सौरभ ने कहा: “साइबर अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे लोगों की संपत्ति जब्त की जाएगी और उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
सघन छापेमारी और निगरानी पर जोर
बैठक में निर्णय लिया गया कि साइबर अपराध प्रभावित क्षेत्रों में नियमित रूप से सघन छापेमारी अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा, संदिग्ध मोबाइल नंबर, खातों और ऑनलाइन ट्रांजेक्शनों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। पुलिस की साइबर सेल को भी और अधिक सशक्त बनाने के निर्देश दिए गए ताकि जांच प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके।
एसपी सौरभ ने अधिकारियों से कहा: “हर थाना अपने क्षेत्र में साइबर अपराधियों की पहचान कर उनकी गतिविधियों पर नजर रखे। जरूरत पड़ने पर तकनीकी सहायता लेकर आरोपियों को पकड़ने की प्रक्रिया में तेजी लाएं।”
अवैध संपत्ति की जब्ती और नेटवर्क ध्वस्त करने पर ध्यान
बैठक में एसपी ने यह भी कहा कि जो भी साइबर अपराधी ठगी के पैसे से संपत्ति बना चुके हैं, उनकी अवैध संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया तेज की जाए। उन्होंने वित्तीय जांच इकाइयों और बैंकिंग टीमों को समन्वय में काम करने का निर्देश दिया ताकि इन गिरोहों की आर्थिक कमर तोड़ी जा सके।
साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सिर्फ गिरफ्तारी से काम नहीं चलेगा — जब तक इनके पूरे नेटवर्क को ध्वस्त नहीं किया जाएगा, तब तक जिले में साइबर अपराध पर प्रभावी रोक संभव नहीं है।
जनता में जागरूकता फैलाने पर बल
बैठक में पुलिस अधीक्षक ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में जनजागरूकता अभियान चलाएं। उन्होंने कहा कि लोगों को बताया जाए कि किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें, फर्जी कॉल पर OTP साझा न करें और संदिग्ध ट्रांजेक्शन की तुरंत सूचना पुलिस को दें।
उन्होंने कहा कि साइबर अपराध को रोकने में पुलिस के साथ-साथ जनता की सतर्कता भी उतनी ही जरूरी है। हर व्यक्ति को डिजिटल सुरक्षा के नियमों को समझना होगा तभी यह लड़ाई जीती जा सकती है।
न्यूज़ देखो: साइबर अपराध के खिलाफ देवघर पुलिस का सख्त मोर्चा
देवघर पुलिस ने जिस गंभीरता से साइबर अपराध पर कार्रवाई की रूपरेखा तैयार की है, वह न केवल जिले के लिए बल्कि पूरे राज्य के लिए एक मिसाल है। एसपी सौरभ की पहल से अब साइबर ठगी करने वालों को स्पष्ट संदेश गया है कि अपराध का कोई भी रूप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनता की सुरक्षा और विश्वास बनाए रखने के लिए यह कदम बेहद अहम साबित हो सकता है।
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जागरूक बनें, सुरक्षित रहें
आज के डिजिटल युग में सबसे बड़ा हथियार सतर्कता है। एक छोटी सी गलती किसी की मेहनत की कमाई को मिनटों में छीन सकती है। इसलिए जागरूक रहें, किसी भी संदिग्ध कॉल, लिंक या संदेश पर भरोसा न करें।
अब समय है कि हम सब मिलकर साइबर अपराध के खिलाफ एकजुट हों। अपनी राय कमेंट में लिखें और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करें ताकि हर कोई जागरूक और सुरक्षित रह सके।




