
#दुमका #प्रशासनिक_बैठक : सर्वे कार्य, बीज वितरण और पीएम कुसुम योजना पर उपायुक्त की सख्त चेतावनी
- उपायुक्त अभिजीत सिन्हा ने विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में दी सख्त चेतावनी।
- सर्वे कार्य नियमपूर्वक करने और हर पंचायत में कृषि मित्र, पोषण सखी और जेएसएलपीएस कर्मियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश।
- नए कुओं वाले क्षेत्रों में दलहन की खेती कराने का आदेश।
- सरसों बीज की टेस्टिंग के बाद शीघ्र वितरण के निर्देश दिए गए।
- पीएम कुसुम योजना में लापरवाही पर बीटीएम और एटीएम का वेतन रोकने की चेतावनी।
दुमका जिला प्रशासन ने कृषि और ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाओं की प्रगति को लेकर सख्त रुख अपनाया है। उपायुक्त अभिजीत सिन्हा की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए। बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के सर्वे कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सर्वे कार्य में पारदर्शिता और जिम्मेदारी अनिवार्य
उपायुक्त ने कहा कि हर पंचायत में कृषि मित्र, पोषण सखी और जेएसएलपीएस कर्मियों की सक्रिय भागीदारी अनिवार्य है। उन्होंने चेताया कि किसी भी स्तर पर शिथिलता पाई गई तो संबंधित कर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि योजनाओं की प्रगति का साप्ताहिक रिपोर्ट तैयार करें और नियमपूर्वक सर्वे कार्य संपन्न करें।
नए कुओं के क्षेत्रों में दलहन खेती का निर्देश
बैठक में उपायुक्त ने विशेष रूप से कहा कि जहां नए कुएं बनकर तैयार हो चुके हैं, वहां दलहन फसल की खेती कराई जाए। उन्होंने बताया कि इससे न केवल किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहेगी।
सरसों बीज की टेस्टिंग और वितरण पर जोर
कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए उपायुक्त ने कहा कि सरसों बीज की गुणवत्ता की टेस्टिंग शीघ्र पूरी की जाए और किसानों तक बीज का वितरण समय पर सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बीज उपलब्ध कराना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
पीएम कुसुम योजना पर सख्त रुख
बैठक में पीएम कुसुम योजना की समीक्षा के दौरान उपायुक्त अभिजीत सिन्हा ने कड़ा संदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि दो दिनों के भीतर यदि आवेदनों का सत्यापन नहीं हुआ, तो संबंधित बीटीएम (Block Technical Manager) और एटीएम (Assistant Technical Manager) का वेतन रोक दिया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि यह योजना किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी है, इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी।
उपायुक्त अभिजीत सिन्हा ने कहा: “प्रशासन की प्राथमिकता है कि योजनाओं का लाभ समय पर और पारदर्शिता के साथ प्रत्येक किसान तक पहुंचे। किसी भी अधिकारी या कर्मी की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
न्यूज़ देखो: प्रशासन की जवाबदेही का सख्त संदेश
दुमका के उपायुक्त की यह समीक्षा बैठक जिला प्रशासन की कार्यशैली में अनुशासन और जवाबदेही को मजबूत करती है। योजनाओं की वास्तविक प्रगति सुनिश्चित करने के लिए इस प्रकार की सख्त निगरानी न केवल अधिकारियों में जवाबदेही लाएगी बल्कि किसानों तक योजनाओं का लाभ भी तेजी से पहुंचेगा।
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सक्रिय प्रशासन, सशक्त किसान
दुमका प्रशासन की यह पहल ग्रामीण विकास की दिशा में एक ठोस कदम है। अब समय है कि किसान और अधिकारी दोनों मिलकर योजनाओं को धरातल पर उतारें। सजग रहें, सहयोग करें और बदलाव की इस प्रक्रिया में हिस्सा बनें। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि जिम्मेदारी और जागरूकता दोनों बढ़ें।





