
#गढ़वा #जलजीवनमिशन : उपायुक्त दिनेश कुमार यादव ने पाचाड़ूमर गांव में औचक निरीक्षण कर योजना की खामियों पर नाराजगी जताई
- पाचाड़ूमर गांव में हुआ औचक निरीक्षण।
- 100 घरों का उपायुक्त ने खुद किया भौतिक सत्यापन।
- अधिकांश घरों में नल कनेक्शन अधूरा या पानी सप्लाई बंद।
- कनीय अभियंता व संवेदक पर शो-कॉज नोटिस जारी।
- दो दिन का अल्टीमेटम पाइप लीकेज बंद करने और नल लगाने का आदेश।
गढ़वा जिले के केतार प्रखंड के पाचाड़ूमर गांव में बुधवार को उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी दिनेश कुमार यादव ने औचक निरीक्षण कर जल जीवन मिशन के अंतर्गत चल रहे हर घर नल जल योजना की हकीकत जानी। निरीक्षण में योजना की गंभीर खामियां सामने आईं। कई घरों में नल ही नहीं लगे थे, जहां लगे थे वहां से पानी की सप्लाई नहीं हो रही थी। जगह-जगह टूटी पाइपलाइन से पानी बर्बाद हो रहा था।
उपायुक्त की सख्त कार्रवाई
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त यादव ने गांव के लगभग 100 घरों का खुद सत्यापन किया। अधिकांश घरों में पानी की सप्लाई नहीं मिली। उपायुक्त ने स्थिति को बेहद असंतोषजनक पाते हुए कनीय अभियंता और संवेदक से स्पष्टीकरण मांगा और दोनों पर शो-कॉज जारी किया। उन्होंने कहा कि योजनाओं में लापरवाही किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
दो दिन की समय-सीमा
उपायुक्त ने संवेदक को निर्देश दिया कि दो दिनों के भीतर सभी पाइप लीकेज बंद कराए जाएं और जहां-जहां नल नहीं लगे हैं, वहां तुरंत नल लगाकर जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि समयसीमा में सुधार नहीं हुआ तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों की शिकायतें
ग्रामीणों ने उपायुक्त से शिकायत की कि नल से पानी कभी-कभी ही आता है और उसका भी कोई तय समय नहीं है। पाइपलाइन सड़क की सतह के ऊपर ही डाल दी गई है, जिससे आए दिन पाइप टूटते रहते हैं और सड़क पर पानी बहता रहता है। इससे आवागमन भी बाधित होता है। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि पीसीसी सड़क को तोड़कर पाइपलाइन बिछाई गई, लेकिन मरम्मत का काम अब तक नहीं हुआ।
ग्रामीणों ने कहा: “कभी-कभी ही पानी आता है, उसका भी कोई समय तय नहीं। सड़कों पर पानी बहने से आवागमन में दिक्कत हो रही है।”
पंचायत भवन में बैठक
निरीक्षण के बाद पंचायत भवन में उपायुक्त यादव की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें जलसहिया, अभियंता, संवेदक और ग्रामीण उपस्थित थे। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि जल सहिया के माध्यम से नियमित रूप से पानी की जांच कराई जाए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आपूर्ति किया जा रहा पानी पीने योग्य है।
19 गांवों को मिलना है लाभ
जल जीवन मिशन के तहत भवनाथपुर, केतार और खरौंधी प्रखंड के कुल 19 गांवों में हर घर तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। उपायुक्त ने कहा कि इस मिशन को गंभीरता से पूरा करना जरूरी है, क्योंकि यह सीधे ग्रामीणों की सेहत और जीवन से जुड़ा हुआ है।



न्यूज़ देखो: योजनाओं की लापरवाही पर अब नहीं चलेगी ढिलाई
गढ़वा में जल जीवन मिशन की स्थिति यह बताती है कि योजनाओं की निगरानी और गुणवत्ता जांच कितनी जरूरी है। उपायुक्त की कड़ी कार्रवाई से यह संदेश गया है कि अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। जनता की बुनियादी ज़रूरतों को नजरअंदाज करना सीधे जवाबदेही तय करने जैसा है।
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पानी है जीवन, जिम्मेदारी है सभी की
हर नागरिक को शुद्ध पेयजल का अधिकार है। यह तभी संभव होगा जब प्रशासन और संवेदक ईमानदारी से काम करें और ग्रामीण भी सतर्क रहकर निगरानी करें। अब समय है कि हम सब मिलकर जल जीवन मिशन को सफल बनाएं। अपनी राय कमेंट में साझा करें और खबर को आगे बढ़ाएं ताकि यह संदेश हर घर तक पहुँचे।