
#चंदवा #स्वास्थ्य_संकट : माकपा नेता ने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर ब्लड बैंक और ट्रामा सेंटर चालू करने की मांग – प्रशासन से भी की अपील
- चंदवा प्रखंड में ट्रामा सेंटर और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) दोनों मौजूद हैं, पर अब तक चालू नहीं।
- माकपा नेता अयुब खान ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी को टैग कर ब्लड बैंक और ट्रामा सेंटर चालू करने की मांग की।
- उपायुक्त, सिविल सर्जन और चिकित्सा प्रभारी से भी तत्काल संज्ञान लेने की अपील की गई।
- ब्लड बैंक के लिए उपकरण और संसाधन उपलब्ध, पर वर्षों से उपयोग नहीं।
- एनएच-99 और एनएच-75 पर लगातार हो रहे सड़क हादसों से आपातकालीन व्यवस्था की जरूरत महसूस की जा रही है।
चंदवा प्रखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं का ढांचा तो मौजूद है, लेकिन उसकी कार्यक्षमता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यहां का ट्रामा सेंटर अब तक बंद पड़ा है, जबकि सीएचसी में ब्लड बैंक की सुविधा न होने से मरीजों को हर दिन जान का जोखिम उठाना पड़ता है। इसी समस्या को लेकर माकपा के वरिष्ठ नेता सह पंचायत समिति सदस्य अयुब खान ने स्वास्थ्य मंत्री माननीय डॉ. इरफान अंसारी को एक्स हैंडल पर पोस्ट कर इस दिशा में त्वरित कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने उपायुक्त, सिविल सर्जन और चिकित्सा प्रभारी से भी अनुरोध किया है कि इस मामले को जनहित में तुरंत सुलझाया जाए।
वर्षों से बंद पड़ा ट्रामा सेंटर
चंदवा–कुड़ू पथ में ट्रामा सेंटर का विशाल भवन वर्षों पहले तैयार हुआ था, जिसका उद्देश्य दुर्घटना जोन प्रखंड में आपातकालीन चिकित्सा सुविधा देना था। लेकिन आज तक यह सेंटर चालू नहीं हो सका। अयुब खान ने कहा कि दुर्घटनाओं में घायल मरीजों के लिए ट्रामा सेंटर जीवनदायी साबित हो सकता था, पर इसके निष्क्रिय रहने से लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
उन्होंने कहा कि यदि ट्रामा सेंटर को चालू कर दिया जाए तो एनएच-99 और एनएच-75 पर होने वाले सड़क हादसों में घायल लोगों को त्वरित उपचार मिल सकेगा और उनकी जान बचाई जा सकेगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि केंद्र का भवन सड़क के किनारे होने से मरीजों को तत्काल आपात सुविधा मिल सकती है।
ब्लड बैंक की कमी बन रही जानलेवा
अयुब खान ने अपने प्रेस बयान में बताया कि चंदवा सीएचसी में ब्लड बैंक शुरू करने के लिए सभी संसाधन और उपकरण पहले से उपलब्ध हैं, लेकिन सुविधा शुरू न होने से कई मरीजों को जीवनरक्षक रक्त नहीं मिल पा रहा है। दुर्घटनाओं में घायल लोग, प्रसव पीड़ित महिलाएं और गंभीर मरीज समय पर रक्त न मिलने के कारण दम तोड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जब भी किसी मरीज को रक्त की आवश्यकता होती है, तो परिजन लातेहार या लोहरदगा भागदौड़ करते हैं। इससे न केवल समय बर्बाद होता है बल्कि कई बार मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देता है।
अयुब खान ने कहा: “चंदवा में ब्लड बैंक खुलने से मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। यह सुविधा प्रखंड के हजारों लोगों के जीवन की सुरक्षा से जुड़ी है। ट्रामा सेंटर और ब्लड बैंक दोनों का चालू होना समय की मांग है।”
प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाल
माकपा नेता ने यह भी कहा कि कई सालों से ब्लड बैंक के उपकरण सीएचसी में रखे हैं लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण उनका उपयोग नहीं हो पा रहा। उन्होंने मांग की कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग जल्द से जल्द इसका संज्ञान ले और ब्लड बैंक तथा ट्रामा सेंटर को चालू करे ताकि चंदवा प्रखंड के लोगों को जीवन रक्षक सुविधा मिल सके।
न्यूज़ देखो: चंदवा में स्वास्थ्य तंत्र की खामोशी पर सवाल
चंदवा का यह मामला झारखंड के ग्रामीण स्वास्थ्य तंत्र की सच्चाई बयां करता है। जहां भवन तो बन जाते हैं लेकिन सुविधाएं शुरू नहीं होतीं। जब हर साल सैकड़ों लोग दुर्घटनाओं में घायल होते हैं, तब एक निष्क्रिय ट्रामा सेंटर और अनुपलब्ध ब्लड बैंक सिर्फ कागज़ी उपलब्धि बनकर रह जाता है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग को इस पर त्वरित कार्रवाई करनी होगी ताकि लोगों का विश्वास पुनः बहाल हो सके।
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अब वक्त है जिम्मेदारी लेने का
जनता की जान से जुड़ी सुविधाओं को लेकर अब चुप्पी नहीं, आवाज उठाने का समय है। हर नागरिक का अधिकार है कि उसे अपने प्रखंड में ही जीवनरक्षक सुविधा मिले। जब सरकारें विकास की बातें करती हैं, तो स्वास्थ्य सुरक्षा को प्राथमिकता देना भी उनका कर्तव्य बनता है।
आइए, मिलकर मांग करें कि चंदवा सीएचसी में ब्लड बैंक जल्द से जल्द शुरू हो और ट्रामा सेंटर को चालू कर मरीजों को राहत मिले।
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