
#बगोदर #मुखियापरहमला : दोंदलो पंचायत के मुखिया पर हमले के बाद पुलिस कार्रवाई पर उठे सवाल।
गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड अंतर्गत दोंदलो पंचायत के मुखिया तुलसी महतो पर हुए जानलेवा हमले के मामले में 24 घंटे बीत जाने के बाद भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। कुल्हाड़ी से हमला कर गंभीर रूप से घायल करने की इस घटना ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। मामले को लेकर बगोदर मुखिया संघ ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए त्वरित गिरफ्तारी की मांग की है। यह घटना पंचायत प्रतिनिधियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता खड़ी करती है।
- दोंदलो पंचायत के मुखिया तुलसी महतो पर कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला।
- घटना के 24 घंटे बाद भी आरोपी फरार।
- बगोदर मुखिया संघ ने पुलिस से की त्वरित कार्रवाई की मांग।
- थाना प्रभारी विनय कुमार यादव से प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात।
- पंचायत प्रतिनिधियों की सुरक्षा पर उठे सवाल।
गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड में दोंदलो पंचायत के मुखिया तुलसी महतो पर हुए जानलेवा हमले के बाद क्षेत्र में आक्रोश का माहौल है। इस गंभीर घटना को 24 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बावजूद पुलिस अब तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है, जिससे पंचायत प्रतिनिधियों और आम लोगों में असुरक्षा की भावना गहराती जा रही है।
कैसे हुआ मुखिया पर हमला
प्राप्त जानकारी के अनुसार, दोंदलो पंचायत के मुखिया तुलसी महतो पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया था। हमला इतना गंभीर था कि मुखिया को जान बचाने के लिए तत्काल चिकित्सा सहायता लेनी पड़ी। घटना के बाद से आरोपी फरार है, जबकि मामला अत्यंत गंभीर श्रेणी का है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मुखिया जैसे जनप्रतिनिधि पर इस तरह का हमला कानून-व्यवस्था के लिए सीधी चुनौती है। यदि ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई नहीं होती, तो इससे अपराधियों का मनोबल और बढ़ सकता है।
पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल
घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन 24 घंटे बीतने के बावजूद आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई। इस देरी को लेकर क्षेत्र में असंतोष बढ़ता जा रहा है।
पुलिस प्रशासन की ओर से अभी तक आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर कोई ठोस जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है, जिससे लोगों में नाराजगी है।
मुखिया संघ का विरोध और मांग
मामले को लेकर बगोदर मुखिया संघ सक्रिय हो गया है। संघ के प्रतिनिधियों ने बगोदर थाना प्रभारी विनय कुमार यादव से मुलाकात कर आरोपी की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की।
मुखिया संघ का कहना है कि यदि पंचायत प्रतिनिधि ही सुरक्षित नहीं हैं, तो ग्रामीण स्तर पर शासन और प्रशासन की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगना स्वाभाविक है। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आगे आंदोलन का रास्ता भी अपना सकते हैं।
जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा पर चिंता
इस घटना ने एक बार फिर पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मुखिया जनता और प्रशासन के बीच सेतु होते हैं। ऐसे में उन पर हमला होना लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए गंभीर संकेत है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर उदाहरण पेश करना आवश्यक है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।

न्यूज़ देखो: कानून व्यवस्था की कसौटी
दोंदलो पंचायत मुखिया पर हमला केवल एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला है। पुलिस की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई ही जनता का भरोसा बनाए रख सकती है। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन आरोपी को कितनी जल्दी गिरफ्तार कर पाता है।
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जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा, लोकतंत्र की मजबूती
अगर पंचायत प्रतिनिधि सुरक्षित रहेंगे, तभी गांवों में विकास और सुशासन संभव होगा।
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