
#दुमका #सड़क_सुरक्षा : उपायुक्त की अध्यक्षता में बैठक, यातायात नियमों के सख्त अनुपालन के निर्देश।
दुमका जिले में सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। उपायुक्त अभिजीत सिन्हा की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सड़क सुरक्षा समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में स्कूल बसों की जांच, ड्रिंक एंड ड्राइव पर कार्रवाई और दुर्घटनाओं की रोकथाम को लेकर अहम निर्णय लिए गए। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि नियमों की अनदेखी पर कड़ी कार्रवाई तय है।
- उपायुक्त अभिजीत सिन्हा की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई समीक्षा बैठक।
- सभी स्कूल बसों का रंग पीला और जीपीएस सिस्टम अनिवार्य।
- ड्रिंक एंड ड्राइव के 11 मामलों में चालकों का लाइसेंस रद्द।
- हिट एंड रन के 50 लंबित मामलों के शीघ्र निष्पादन के निर्देश।
- 3 माह में 3431 वाहनों की जांच, ₹42.81 लाख से अधिक राजस्व वसूली।
- दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में कॉन्वेक्स मिरर लगाने पर जोर।
दुमका जिले में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने यातायात नियमों के सख्त अनुपालन का निर्णय लिया है। उपायुक्त अभिजीत सिन्हा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सड़क सुरक्षा से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। बैठक में प्रशासन, पुलिस और परिवहन विभाग के बीच समन्वय बनाकर दुर्घटनाओं को न्यूनतम स्तर पर लाने पर विशेष जोर दिया गया।
स्कूल बसों की जांच पर सख्ती
उपायुक्त ने निर्देश दिया कि जिले में संचालित सभी स्कूल बसों का रंग अनिवार्य रूप से पीला होना चाहिए। साथ ही प्रत्येक स्कूल बस में जीपीएस सिस्टम लगाया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान यदि किसी बस में जीपीएस नहीं पाया गया या निर्धारित रंग का पालन नहीं किया गया, तो संबंधित स्कूल प्रबंधन या बस संचालक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
ड्रिंक एंड ड्राइव पर प्रशासन का कड़ा रुख
बैठक में जानकारी दी गई कि जिले में ड्रिंक एंड ड्राइव के मामलों को लेकर लगातार विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा है। ब्रेथ एनालाइजर के माध्यम से वाहन चालकों की जांच की जा रही है। अब तक 11 वाहन चालकों का लाइसेंस रद्द किया जा चुका है।
उपायुक्त ने निर्देश दिया कि बस स्टैंड, बाजार और अन्य भीड़भाड़ वाले इलाकों में नियमित जांच अभियान चलाया जाए, ताकि शराब पीकर वाहन चलाने की घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लगाया जा सके।
हिट एंड रन मामलों पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश
बैठक के दौरान बताया गया कि जिले में हिट एंड रन से जुड़े 50 मामले लंबित हैं। उपायुक्त ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया कि इन मामलों में तेजी से कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा कि पीड़ितों को समय पर न्याय और मुआवजा मिलना चाहिए, इसके लिए प्रशासन को संवेदनशीलता के साथ कार्य करना होगा।
हेलमेट, ओवरलोडिंग और वाहन जांच पर जोर
उपायुक्त ने वाहन जांच के दौरान हेलमेट पहनने की सख्त जांच करने का निर्देश दिया। साथ ही ओवरलोडिंग के विरुद्ध निरंतर कार्रवाई जारी रखने को कहा।
उन्होंने कहा कि यातायात नियमों का पालन केवल चालान तक सीमित न रहे, बल्कि लोगों में जागरूकता भी बढ़ाई जाए, ताकि दुर्घटनाओं की संख्या में वास्तविक कमी आ सके।
सड़क की स्थिति और अतिक्रमण पर निर्देश
सड़क की स्थिति को लेकर उपायुक्त ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि जिले में कहीं भी सड़क पर गड्ढे न रहें। यदि किसी स्थान पर गड्ढे पाए जाते हैं, तो तत्काल मरम्मत कराई जाए।
इसके अलावा अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाकर सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने और दोबारा अतिक्रमण न हो, इसके लिए निरंतर मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया गया।
दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में सुरक्षा उपाय
उपायुक्त ने दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में कॉन्वेक्स मिरर लगाए जाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा का लक्ष्य यह होना चाहिए कि जिले में एक भी व्यक्ति सड़क दुर्घटना का शिकार न हो। इसके लिए सभी विभाग आपसी समन्वय बनाकर जिम्मेदारी के साथ कार्य करें।
जांच अभियान से बढ़ा राजस्व
समीक्षा बैठक में जानकारी दी गई कि सितंबर, अक्टूबर और नवंबर माह में जिले में कुल 3431 वाहनों की जांच की गई। इस दौरान ₹42.81 लाख से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। यह दर्शाता है कि सख्त जांच से न केवल नियमों का पालन बढ़ता है, बल्कि सरकारी राजस्व में भी वृद्धि होती है।
बैठक में पुलिस अधीक्षक, अनुमंडल पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी सहित सभी थाना प्रभारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े रहे।
न्यूज़ देखो: सड़क सुरक्षा में लापरवाही पर नहीं मिलेगी छूट
दुमका प्रशासन का यह रुख साफ संकेत देता है कि अब सड़क सुरक्षा को लेकर ढिलाई नहीं बरती जाएगी। स्कूल बसों से लेकर आम वाहनों तक नियमों का पालन अनिवार्य किया जा रहा है। ड्रिंक एंड ड्राइव और हिट एंड रन जैसे मामलों में सख्ती से यह उम्मीद जगी है कि दुर्घटनाओं में कमी आएगी। अब देखने वाली बात होगी कि जमीनी स्तर पर इन निर्देशों का कितना प्रभावी क्रियान्वयन होता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सुरक्षित सड़कें, सुरक्षित जीवन की ओर कदम
सड़क सुरक्षा केवल प्रशासन की नहीं, हम सभी की जिम्मेदारी है। हेलमेट पहनना, शराब पीकर वाहन न चलाना और यातायात नियमों का पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है।
दुमका में उठाए गए इन कदमों पर आपकी क्या राय है? अपनी बात कमेंट में साझा करें, खबर को आगे बढ़ाएं और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने में सहयोग करें।





