
#महुआडांड़ #विद्यालय_अव्यवस्था : चुटिया विद्यालय के शिक्षक पर नशे में रहने और पढ़ाई ठप करने के आरोपों से शिक्षा व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल
- चुटिया विद्यालय के शिक्षक रमेश नागेसिया पर स्कूल समय में नशे की हालत में रहने का आरोप।
- ग्रामीणों का कहना—शिक्षक न समय पर आते, न पढ़ाते, कई बार धुत अवस्था में दिखे।
- विद्यालय के प्राचार्य विजय नागेसिया ने भी शिक्षक के रवैये से परेशान होने की बात स्वीकार की।
- सैकड़ों बच्चे पढ़ाई से वंचित, शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमराई।
- ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से तत्काल कार्रवाई और नए शिक्षक की मांग की।
महुआडांड़ प्रखंड में शिक्षा व्यवस्था की बदहाल तस्वीर एक बार फिर सामने आई है। प्रखंड अंतर्गत चुटिया स्थित सरकारी विद्यालय में पदस्थापित शिक्षक रमेश नागेसिया पर गंभीर आरोप लगे हैं कि वे स्कूल समय में नशे की हालत में विद्यालय आते हैं और बच्चों को पढ़ाने में बिल्कुल रुचि नहीं दिखाते। ग्रामीणों के अनुसार, कई महीनों से बच्चे ठीक ढंग से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं, जिससे विद्यालय में सैकड़ों छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। यह मामला न केवल स्कूल प्रशासन बल्कि पूरे शिक्षा विभाग पर बड़े सवाल खड़े करता है।
शिक्षक पर गंभीर आरोप, बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित
ग्रामीण बताते हैं कि शिक्षक रमेश नागेसिया अक्सर स्कूल देर से आते हैं और कई बार नशे की हालत में कक्षाओं में पहुँचते हैं। ऐसे समय में बच्चे उनसे डरते भी हैं और पढ़ाई पूरी तरह ठप हो जाती है।
एक ग्रामीण ने कहा, “हमारे बच्चे पढ़ने जाते हैं, लेकिन शिक्षक खुद ही पढ़ाने की हालत में नहीं रहते। इस तरह तो बच्चों का भविष्य बर्बाद हो जाएगा।”
कई ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों को पढ़ाई कराने की बजाय शिक्षक का अधिकांश समय स्कूल परिसर में ही नशे में झूमते हुए बीत जाता है।
प्राचार्य ने भी मानी समस्या, पर कार्रवाई अब तक नहीं
मामले पर जब विद्यालय के प्राचार्य विजय नागेसिया से जवाब मांगा गया तो उन्होंने भी खुले तौर पर स्वीकार किया कि शिक्षक के व्यवहार से वे काफी परेशान हैं।
प्राचार्य ने बताया: “उन्हें कई बार समझाया गया है, लेकिन उनके रवैये में कोई सुधार नहीं हुआ। अब मामला गंभीर हो गया है।”
प्राचार्य का यह बयान साबित करता है कि यह समस्या नई नहीं है और विद्यालय प्रबंधन भी इससे निपटने में असमर्थ रहा है। सबसे गंभीर बात यह है कि अब तक विभागीय स्तर पर कोई सख्त कार्रवाई शुरू नहीं की गई है।
प्रशासन की उदासीनता पर उठे सवाल
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार स्थानीय अधिकारियों और शिक्षा विभाग तक शिकायत पहुंचाई, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिला। कार्रवाई न होने से ग्रामीणों में नाराज़गी बढ़ रही है। कई अभिभावक मजबूरी में बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं, जबकि कई ने बच्चों की पढ़ाई बंद कर दी है।
ग्रामीणों का कहना है कि जब शिक्षक ही नशे में होगा तो बच्चों को अनुशासन और शिक्षा क्या सिखाएगा? यह स्थिति पूरे प्रखंड की शिक्षा व्यवस्था के लिए चिंताजनक है।
योग्य शिक्षक की मांग, ग्रामीणों में आक्रोश
लंबे समय से जारी इस अव्यवस्था के कारण अब ग्रामीणों का सब्र टूट चुका है। लोगों ने जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप कर शिक्षक पर सख्त कार्रवाई करने और विद्यालय में नए, योग्य व जिम्मेदार शिक्षक की नियुक्ति सुनिश्चित करने की मांग की है।
ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों का भविष्य किसी भी तरह की लापरवाही के हवाले नहीं किया जा सकता।
न्यूज़ देखो: शिक्षा व्यवस्था में सुधार की सख्त जरूरत
चुटिया विद्यालय का मामला यह दिखाता है कि जमीनी स्तर पर शिक्षा व्यवस्था कितनी कमजोर हो चुकी है। शिक्षक का नशे में रहना और बच्चों की पढ़ाई ठप होना अत्यंत गंभीर मुद्दा है। यदि समय रहते विभाग ने कठोर कदम नहीं उठाए, तो बच्चों का भविष्य अंधकार में डूब सकता है। प्रशासन को तुरंत हस्तक्षेप कर ऐसी घटनाओं पर शून्य सहनशीलता की नीति अपनानी चाहिए। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
शिक्षा बचाएँ, बच्चों का भविष्य संवारें
विद्यालय बच्चों के सपनों की नींव होता है—उस नींव को कमजोर नहीं होने देना है। यदि कहीं भी अव्यवस्था दिखे, तुरंत आवाज उठाएँ। बच्चे सुरक्षित माहौल और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के हकदार हैं। आइए, इस मुद्दे को गंभीरता से लें और शिक्षा सुधार की मुहिम को मजबूत करें। अपनी राय कमेंट में लिखें और इस खबर को साझा कर जागरूकता फैलाएँ।





