
#गिरिडीह #हाथीउत्पात : जनप्रतिनिधियों ने लिया नुकसान का जायजा, प्रभावित परिवार को मुआवजे की मांग
- बगोदर प्रखंड के अड़वारा पंचायत में हाथियों ने मचाया उत्पात।
- जंगली हाथियों ने विधवा महिला के आशियाने को तहस-नहस किया।
- ग्रामीणों में भय और आक्रोश, रातें गुजार रहे हैं दहशत में।
- जिप सदस्य दुर्गेश कुमार साहू ने मौके पर पहुँचकर लिया जायजा।
- प्रभावित परिवार को शीघ्र क्षतिपूर्ति दिलाने का भरोसा दिलाया गया।
गिरिडीह। बगोदर प्रखंड में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते शुक्रवार की रात अड़वारा पंचायत में हाथियों के झुंड ने एक विधवा महिला के आशियाने को निशाना बनाया और पूरे घर को तहस-नहस कर दिया। घटना से महिला और उसके परिजन पूरी तरह से सदमे में हैं।
हाथियों के डर में जी रहे ग्रामीण
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई दिनों से हाथियों का झुंड क्षेत्र में घूम रहा है। खेतों की फसलें बर्बाद हो रही हैं और अब घरों को भी नुकसान पहुँचाया जा रहा है। महिलाएँ और बच्चे भय के साये में जीने को मजबूर हैं।
जनप्रतिनिधियों की सक्रियता
घटना की सूचना मिलते ही जिप सदस्य दुर्गेश कुमार साहू मौके पर पहुँचे और प्रभावित विधवा महिला से मुलाकात कर नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रशासन से बात कर प्रभावित परिवार को शीघ्र ही क्षतिपूर्ति राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने वन विभाग और प्रशासन से हाथियों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है। उनका कहना है कि लगातार हो रही घटनाओं से उनकी जिंदगी और आजीविका दोनों खतरे में हैं।
न्यूज़ देखो: इंसान-हाथी संघर्ष का समाधान कब?
गिरिडीह समेत पूरे झारखंड में हाथियों का उत्पात अब स्थायी समस्या बन चुका है। प्रशासन और वन विभाग को ज़मीनी स्तर पर ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि ग्रामीणों की सुरक्षा और आजीविका दोनों बची रह सके।
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अब चाहिए ठोस समाधान
अब समय है कि सरकार, वन विभाग और स्थानीय प्रतिनिधि मिलकर इंसान-हाथी संघर्ष का स्थायी समाधान निकालें। आप क्या सोचते हैं, हाथियों को आबादी से दूर रखने के लिए कौन से कदम सबसे कारगर साबित हो सकते हैं? अपनी राय कॉमेंट में दें और खबर को साझा करें।