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एनएचएआई की मनमानी के खिलाफ के.एन. त्रिपाठी का बड़ा ऐलान — 24 मार्च को होगा जोरदार प्रोटेस्ट

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हाइलाइट्स :

  • पूर्व मंत्री के. एन. त्रिपाठी 24 मार्च को रैयतों के साथ करेंगे प्रोटेस्ट
  • सिंगरा से सतबरवा तक एनएचएआई के कार्यों को रोकने की चेतावनी
  • केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को लिखा पत्र, बताया रैयतों के अधिकार का उल्लंघन
  • प्रेस वार्ता में कंपनी के अधिकारियों पर बदसलूकी और मनमानी के लगाए गंभीर आरोप
  • स्थानीय ग्रामीणों के स्वास्थ्य और जीवन प्रभावित करने का लगाया आरोप

एनएचएआई की मनमानी के खिलाफ उठी आवाज

झारखंड के पूर्व मंत्री श्री के. एन. त्रिपाठी ने एनएचएआई और उनके ठेकेदारों की मनमानी के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए 24 मार्च 2025 से सिंगरा से सतबरवा तक रैयतों के साथ विरोध-प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा कि एनएचएआई की कार्यशैली कानून और ग्रामीण हितों के खिलाफ है।

“रैयतों को उचित भुगतान किए बिना जबरन कार्य किया जा रहा है और जनता की आवाज़ को दबाया जा रहा है। अब हम चुप नहीं बैठेंगे।” — के. एन. त्रिपाठी

केंद्रीय मंत्री को लिखा पत्र

के. एन. त्रिपाठी ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर इस गंभीर समस्या से अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि एनएचएआई का ठेकेदार स्थानीय ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों से अभद्र व्यवहार कर रहा है।

लगाए गंभीर आरोप

पूर्व मंत्री के पत्र और प्रेस वार्ता में लगाए गए आरोपों के मुख्य बिंदु:

  • महीनों से गांवों में खुले में फ्लाई ऐश डंप किया गया, जिससे ग्रामीणों की सेहत पर गंभीर असर पड़ा।
  • डायवर्शन रोड नहीं बनाए जाने से गांवों में आवागमन की स्थिति दयनीय।
  • गांवों को एनएच से जोड़ने वाली सड़कों का निर्माण अनदेखा।
  • सिंचाई नहर, बिजली कनेक्शन और अन्य बुनियादी सुविधाओं को नुकसान पहुंचाया गया, उनकी मरम्मत नहीं की गई।
  • जब स्थानीय प्रतिनिधियों ने सवाल उठाए, तो कंपनी के अधिकारियों ने अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया और प्रशासन की छवि धूमिल करने का प्रयास किया।

कल से होगा अनिश्चितकालीन विरोध

के. एन. त्रिपाठी ने एलान किया कि 24 मार्च से सिंगरा से सतबरवा तक एनएच कार्यों को पूरी तरह बंद कराया जाएगा। यह आंदोलन अनिश्चितकालीन होगा, जब तक रैयतों को न्याय और सम्मान नहीं मिलता। मौके पर कई रैयत और स्थानीय नेता भी मौजूद थे और आंदोलन में पूरी ताकत से साथ देने की बात कही।

“अब कानून का उल्लंघन और ग्रामीणों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सिंगरा से सतबरवा तक संघर्ष जारी रहेगा।” — के. एन. त्रिपाठी

‘न्यूज़ देखो’ की रिपोर्ट — क्या इस विरोध से रैयतों को मिलेगा उनका हक?

एनएचएआई की मनमानी और ग्रामीणों के उत्पीड़न के आरोप बेहद गंभीर हैं। क्या प्रशासन और केंद्र सरकार इस मामले में सख्त कदम उठाएंगे? ‘न्यूज़ देखो’ इस मुद्दे पर लगातार नजर रखेगा और हर अपडेट आप तक पहुंचाएगा।

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