
#गिरिडीह #किसान_एकता : चैनपुर पंचायत के तुइयो और परसाटांड के किसानों ने यूनियन से जुड़कर लिया संघर्ष का संकल्प
- झारखंड एकता किसान मजदूर यूनियन के बैनर तले किसानों का संगठन सशक्त हुआ।
- केंद्रीय अध्यक्ष गंगाधर महतो की उपस्थिति में तीन किसानों ने सदस्यता ग्रहण की।
- युगल महतो, तुलेश्वर महतो और परमेश्वर महतो ने यूनियन की नीति पर चलने का वचन लिया।
- मौके पर केंद्रीय महासचिव रवींद्र कुमार और प्रखंड अध्यक्ष राजेंद्र यादव मौजूद रहे।
- किसानों ने एकजुटता और अधिकारों की रक्षा के लिए मिलकर कार्य करने का निर्णय लिया।
गिरिडीह जिले के डुमरी प्रखंड के चैनपुर पंचायत में शनिवार को किसानों ने एक नई सामाजिक एकता की मिसाल पेश की। तुइयो और परसाटांड गांव के तीन किसानों — युगल महतो, तुलेश्वर महतो और परमेश्वर महतो — ने झारखंड एकता किसान मजदूर यूनियन की सदस्यता ग्रहण कर किसान हितों की रक्षा का संकल्प लिया।
यूनियन की विचारधारा से जुड़े ग्रामीण किसान
कार्यक्रम की अध्यक्षता यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष श्री गंगाधर महतो ने की। उन्होंने ग्रामीणों को यूनियन की नीतियों, उद्देश्यों और संघर्ष की दिशा के बारे में विस्तार से बताया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यूनियन का लक्ष्य है कि राज्य के हर किसान और मजदूर को उसका हक और सम्मान मिले।
गंगाधर महतो ने कहा: “हमारा उद्देश्य सिर्फ आंदोलन नहीं, बल्कि किसानों की आवाज़ को नीति-निर्माण के स्तर तक पहुंचाना है। हर सदस्य इस दिशा में अपनी भूमिका निभाए।”
सदस्यता ग्रहण में दिखा उत्साह
सदस्यता ग्रहण कार्यक्रम में किसानों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
केंद्रीय महासचिव रवींद्र कुमार, प्रखंड अध्यक्ष राजेंद्र यादव, होरिल महतो सहित कई यूनियन पदाधिकारी उपस्थित रहे। उन्होंने नए सदस्यों का स्वागत किया और उन्हें संगठन के सिद्धांतों से अवगत कराया।
किसानों ने इस अवसर पर कहा कि यूनियन से जुड़ने से उनकी आवाज़ और बुलंद होगी।
अब वे एकजुट होकर फसल, मूल्य, बीज, सिंचाई और श्रमिक अधिकारों को लेकर संगठित आंदोलन करेंगे।
ग्रामीणों में दिखा नई एकता का संदेश
इस कार्यक्रम ने ग्रामीण इलाकों में नई जागरूकता की भावना जगाई है। यूनियन के विस्तार से किसानों में आत्मविश्वास और सहयोग की भावना को बल मिला है।
ग्रामीणों ने कहा कि वे अब किसी अन्याय या शोषण के खिलाफ चुप नहीं रहेंगे।
रवींद्र कुमार ने कहा: “यह सिर्फ सदस्यता नहीं, बल्कि किसान सम्मान की यात्रा की शुरुआत है। हर गांव में एकता की मशाल जलेगी।”
न्यूज़ देखो: किसान संगठनों की नई जागरूकता
डुमरी के चैनपुर पंचायत में किसानों का यूनियन से जुड़ना ग्रामीण एकता और हक की लड़ाई का संकेत है। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में किसानों की सक्रियता बढ़ रही है, जो झारखंड में कृषि सशक्तिकरण की दिशा में सकारात्मक कदम है। सरकार और प्रशासन को भी इन आवाज़ों को सुनना चाहिए और कृषि नीतियों में सुधार लाना चाहिए।
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एकजुट किसान, सशक्त झारखंड
किसान अगर एकजुट हों तो किसी भी संकट का हल संभव है। यही संदेश डुमरी के किसानों ने दिया है। यह समय है जब हम सब अपने खेत, अपनी मिट्टी और अपने अधिकार की रक्षा के लिए एक मंच पर आएं।
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