
#देवघर #रबी_फसल : आत्मा सभागार में आयोजित कार्यशाला में किसानों को दी गई उन्नत कृषि तकनीक की जानकारी
- आत्मा सभागार देवघर में शुक्रवार को जिला स्तरीय रबी कार्यशाला का आयोजन किया गया।
- कार्यक्रम का उद्घाटन संयुक्त कृषि निदेशक सत्य प्रकाश ने दीप प्रज्वलित कर किया।
- कार्यशाला में प्रगतिशील किसान, कृषि पदाधिकारी और तकनीकी प्रबंधक शामिल हुए।
- राजन ओझा और डॉ. वीणा कुमारी टुडू ने आधुनिक तकनीकों पर विस्तृत जानकारी दी।
- किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन और मिट्टी जांच के महत्व पर सलाह दी गई।
- आत्मा परियोजना के अधिकारी, उद्यान पदाधिकारी और विभागीय कर्मी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
देवघर जिले के आत्मा सभागार में शुक्रवार को रबी फसलों की उन्नत तकनीक से खेती को लेकर एक जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। यह कार्यक्रम उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देशानुसार आयोजित किया गया, जिसमें किसानों को नवीनतम कृषि पद्धतियों से अवगत कराया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य रबी सीजन में किसानों को वैज्ञानिक खेती की ओर प्रोत्साहित करना और उत्पादन बढ़ाना था।
दीप प्रज्वलन के साथ कार्यशाला की शुरुआत
कार्यक्रम का उद्घाटन संयुक्त कृषि निदेशक (संताल परगना परिक्षेत्र, दुमका) सत्य प्रकाश ने दीप प्रज्वलित कर किया। उद्घाटन सत्र में जिले के सभी प्रखंडों से आए प्रगतिशील किसान, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक, जनसेवक और कृषक मित्र शामिल हुए।
सत्य प्रकाश ने कहा: “किसानों को नई तकनीकों के माध्यम से खेती को लाभकारी बनाना होगा। विज्ञान आधारित कृषि ही भविष्य का रास्ता है।”
वैज्ञानिकों ने बताए रबी फसलों की उन्नत खेती के उपाय
कार्यशाला में कृषि विज्ञान केंद्र सूजानी देवघर के वरिष्ठ वैज्ञानिक-सह-प्रधान राजन ओझा ने रबी मौसम की फसलों के लिए आधुनिक खेती की तकनीकों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने किसानों को कम लागत में अधिक उपज प्राप्त करने के विभिन्न उपाय बताए और कृषि में मशीनरी के उपयोग को बढ़ाने पर बल दिया।
राजन ओझा ने कहा: “कृषि में आधुनिक तकनीक का समावेश ही किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में सबसे अहम कदम है।”
मिट्टी जांच और फसल चयन पर जोर
जिला कृषि पदाधिकारी देवघर डॉ. वीणा कुमारी टुडू ने किसानों को मिट्टी की जांच करवाने की सलाह दी ताकि उपयुक्त फसल चयन कर उत्पादन में बढ़ोतरी की जा सके। उन्होंने कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं जैसे बीज वितरण, जैविक खेती प्रोत्साहन और सिंचाई सुविधाओं की जानकारी साझा की।
उन्होंने बताया कि रबी मौसम में किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे लागत घटेगी और उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। साथ ही उन्होंने फसलों में लगने वाले प्रमुख रोगों और उनके नियंत्रण के वैज्ञानिक उपायों की जानकारी दी।
विभागों ने दी योजनाओं की जानकारी
कार्यशाला के दौरान कृषि एवं संबद्ध विभागों के अधिकारियों ने अपने-अपने विभागों की योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी और किसानों से आग्रह किया कि वे सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।
मंच से किसानों को बताया गया कि उन्नत कृषि तकनीक, सिंचाई के आधुनिक साधन, और जैविक खाद के प्रयोग से फसल उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि संभव है।
आत्मा परियोजना की भूमिका
इस कार्यक्रम में आत्मा परियोजना देवघर के उप परियोजना निदेशक, जिला उद्यान पदाधिकारी, और अन्य विभागीय कर्मी उपस्थित रहे। उन्होंने किसानों के लिए योजनाओं की सुचारू क्रियान्वयन की बात कही और बताया कि जिले में प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से खेती को अधिक व्यावहारिक और वैज्ञानिक बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास जारी हैं।

न्यूज़ देखो: आधुनिक खेती से आत्मनिर्भर किसान की ओर कदम
देवघर की यह कार्यशाला इस बात का उदाहरण है कि प्रशासन और कृषि विभाग मिलकर किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में गंभीर हैं। तकनीकी जानकारी, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सरकारी योजनाओं के बेहतर समन्वय से जिले के किसान आने वाले समय में उन्नत खेती की मिसाल कायम कर सकते हैं।
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अब वक्त है कृषि को तकनीक से जोड़ने का
खेती केवल परंपरा नहीं, आज यह एक विज्ञान और तकनीक का क्षेत्र बन चुका है। जब किसान आधुनिक तरीकों को अपनाएंगे, तभी कृषि से जुड़ी चुनौतियों का समाधान संभव होगा।
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