
#जमशेदपुर #एमजीएम – भाजपा के पूर्व नेता विकास सिंह ने मरीजों की सुविधा के लिए झारखंड सरकार से की मांग।
- एमजीएम अस्पताल का संचालन साकची से मानगो में हो रहा स्थानांतरित
- मरीजों को ओपीडी और जांच के लिए दो बार आने-जाने की हो रही है परेशानी
- निजी वाहनों पर निर्भरता से गरीब मरीजों पर बढ़ रहा है आर्थिक बोझ
- विकास सिंह ने सीएमसी रानीपेट मॉडल की तरह बस सेवा लागू करने का दिया सुझाव
- सरकार पहल नहीं करेगी तो सक्षम नागरिकों के सहयोग से चलाएंगे सेवा
साकची से मानगो तक इलाज की भाग-दौड़
एमजीएम अस्पताल जमशेदपुर का संचालन अब धीरे-धीरे साकची से मानगो के नवनिर्मित भवन में शिफ्ट किया जा रहा है। कई विभागों की ओपीडी मानगो में संचालित हो रही है, तो कुछ विभाग साकची में ही चालू हैं।
इस स्थिति में मरीजों को दो अस्पतालों के बीच बार-बार आवाजाही करनी पड़ रही है, जिससे समय की बर्बादी और आर्थिक परेशानी दोनों झेलनी पड़ रही है।
मरीजों की पीड़ा और निजी वाहनों का फायदा
मरीज पहले साकची एमजीएम पहुंचते हैं, वहां से टोकन लेकर डॉक्टर को दिखाते हैं। फिर डॉक्टर उन्हें मानगो के अस्पताल भेज देते हैं।
मानगो में जांच के बाद फिर से कुछ जांच के लिए साकची लौटना पड़ता है। इस पूरी प्रक्रिया में निजी वाहन संचालक मोटी रकम वसूलते हैं और गरीब मरीज आर्थिक संकट में फंस जाते हैं।
विकास सिंह, पूर्व भाजपा नेता ने लिखा:
“मरीजों की इस असुविधा को दूर करने के लिए सरकार को तत्काल साकची से मानगो अस्पताल तक निःशुल्क बस सेवा उपलब्ध करानी चाहिए।”
सीएमसी रानीपेट मॉडल की तरह बस सेवा का सुझाव
विकास सिंह ने तमिलनाडु के सीएमसी वेल्लोर अस्पताल की शाखा सीएमसी रानीपेट का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां हर 5 मिनट पर आरामदायक, निःशुल्क बस सेवा मरीजों के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहती है।
उसी तर्ज पर जमशेदपुर में भी एमजीएम अस्पताल के दो परिसरों के बीच जब तक पूरी तरह ट्रांजिशन नहीं हो जाता, बस सेवा चालू करनी चाहिए।
जनसहयोग से सेवा बहाल करने की चेतावनी
विकास सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर राज्य सरकार इस मांग पर ध्यान नहीं देती है, तो वे जमशेदपुर के सक्षम नागरिकों से मिलकर इस सेवा को स्वैच्छिक रूप से शुरू कराने का प्रयास करेंगे।
यह जनहित का मामला है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
न्यूज़ देखो: मरीजों की सुविधा की अनदेखी कब तक?
सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दो जगह दौड़ाना न केवल अमानवीय है, बल्कि चिकित्सा प्रणाली की असफलता भी उजागर करता है।
विकास सिंह जैसे नेताओं की पहल इस दिशा में एक जरूरी चेतावनी है — अगर सरकार व्यवस्था नहीं करेगी तो समाज को आगे आना पड़ेगा।
न्यूज़ देखो इस मुद्दे को सामने लाकर प्रशासन को जागरूक करना अपना दायित्व समझता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
नागरिकों की भागीदारी से बनेगी व्यवस्था मजबूत
मरीजों के लिए सुलभ, सुरक्षित और सम्मानजनक चिकित्सा सुविधा हर सरकार का प्राथमिक दायित्व है।
अब वक्त आ गया है कि सरकार और समाज दोनों मिलकर मरीजों को राहत पहुंचाने के प्रयास करें।
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