- गढ़वा में मंगलवार को “साइबर सुरक्षा” पर सेमिनार का आयोजन किया गया।
- निदेशक सुशील केसरी ने साइबर क्राइम के खतरों से छात्र-छात्राओं को जागरूक किया।
- साइबर ठगी से बचने के लिए व्यक्तिगत जानकारी जैसे आधार नंबर और ओटीपी साझा करने से बचने की सलाह दी।
- विद्यालय के शिक्षक और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं इस सेमिनार में उपस्थित थे।
- प्राचार्य गुलाम सरवर ने कॉल रिसीव करते समय सतर्क रहने की सलाह दी।
- साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान को समाचार पत्रों के माध्यम से भी फैलाया जा रहा है।
गढ़वा में मंगलवार को “साइबर सुरक्षा” पर एक महत्वपूर्ण सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के निदेशक सुशील केसरी ने छात्रों को साइबर क्राइम के खतरों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन दिनों साइबर ठगी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं और यह केवल व्यक्तिगत नुकसान नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरे का कारण बन सकती हैं।
निदेशक ने छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को सलाह दी कि यदि कोई अज्ञात व्यक्ति बैंक के नाम पर, अधिकारी के नाम पर या आपकी व्यक्तिगत जानकारी जैसे आधार नंबर और ओटीपी मांगता है तो उसे तुरंत अस्वीकार करें, क्योंकि यह साइबर ठगी का प्रयास हो सकता है।
इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक जैसे अंजनी कुमार सिंह, ओम प्रकाश शर्मा, मदन मोहन द्विवेदी, और चंदन कुमार के अलावा कई अन्य शिक्षक और छात्र उपस्थित थे। प्राचार्य गुलाम सरवर ने छात्रों को बताया कि इन दिनों साइबर ठगी करने वाले लोग फोन करके अकाउंट से पैसे काटने की कोशिश करते हैं, इसलिए हमें अजनबी कॉल से बचना चाहिए।
यह कार्यक्रम दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर, प्रभात खबर, हिंदुस्तान और खबर मंत्र जैसे प्रमुख समाचार पत्रों के माध्यम से भी लोगों में जागरूकता बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। जागरूकता ही हमारी रक्षा कर सकती है।
साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता से हम अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। अधिक अपडेट्स के लिए ‘न्यूज़ देखो’ के साथ जुड़े रहें।