
#गिरिडीह #साइबर_अपराध : मातृत्व राशि के नाम पर ठगी करने वाले दो साइबर अपराधी गिरफ्तार
- दिनांक 08.11.2025 को पुलिस अधीक्षक गिरिडीह को मिली गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई।
- साइबर थाना गिरिडीह के प्रभारी पु०नि० रामेश्वर भगत के नेतृत्व में छापामारी दल ने दो अपराधियों को धर दबोचा।
- गिरफ्तार अभियुक्त शंकर कुमार वर्मा (29 वर्ष) एवं धनूषधारी प्रसाद वर्मा (25 वर्ष), दोनों लाछुवाडीह, बेंगाबाद के निवासी।
- अभियुक्त गर्भवती महिलाओं को मातृत्व राशि का लाभ दिलाने का झांसा देकर मोबाइल रिचार्ज और ऑनलाइन खरीदारी के लिए ठगी कर रहे थे।
- छापामारी में बरामद सामान में 3 मोबाइल, 3 सिम, 3 एटीएम कार्ड, 2 आधार कार्ड, 1 पैन कार्ड, 1 श्रम कार्ड और 1 वोटर कार्ड शामिल।
- छापामारी दल में शामिल पुलिस कर्मियों में पु०नि० रामेश्वर भगत, पु०नि० पुनित गौतम, पु०नि० गुंजन कुमार, पु०अ०नि० राम प्रवेश यादव, स०अ०नि० संजय मुखियार एवं पुलिस लाइन से सशस्त्र बल शामिल थे।
गिरिडीह जिले के खंडोली डैम स्थित शहरपुरा गाँव के आस-पास के जंगलों में साइबर अपराधियों द्वारा आम लोगों के साथ ठगी की सूचना मिलने के बाद साइबर थाना गिरिडीह ने तुरंत कार्रवाई की। पु०नि० रामेश्वर भगत के नेतृत्व में गठित छापामारी दल ने जंगलों में बैठे अपराधियों को धर दबोचा। गिरफ्तार आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे आगंबाड़ी अधिकारी बनकर गर्भवती महिलाओं को कॉल करते थे और मातृत्व राशि दिलाने के नाम पर ठगी कर रहे थे। ठगी की राशि से मोबाइल रिचार्ज और ऑनलाइन खरीदारी की जाती थी। इस मामले में साइबर थाना कांड सं0-37/2025 दिनांक-08.11.2025 दर्ज किया गया है।
गिरफ्तारी और बरामदगी
गिरफ्तार अभियुक्तों शंकर कुमार वर्मा और धनूषधारी प्रसाद वर्मा दोनों ही बेंगाबाद के लाछुवाडीह निवासी हैं। छापामारी में अभियुक्तों के पास से तीन मोबाइल, तीन सिम कार्ड, तीन एटीएम कार्ड, दो आधार कार्ड, एक पैन कार्ड, एक श्रम कार्ड और एक वोटर कार्ड बरामद हुआ।
पु०नि० रामेश्वर भगत ने कहा: “हमने तुरंत कार्रवाई करते हुए अपराधियों को गिरफ्तार किया है और आगे सभी ठगी के बिंदुओं पर अनुसंधान कर रहे हैं। जनता को साइबर ठगी से बचाने के लिए सतर्कता जरूरी है।”
छापामारी दल में शामिल पुलिस कर्मियों ने जंगलों में जाकर अभियुक्तों के ठिकानों की जांच की और बरामदगी को दर्ज किया। इसमें पुनित गौतम, गुंजन कुमार, राम प्रवेश यादव, संजय मुखियार और पुलिस लाइन से सशस्त्र बल शामिल थे।
साइबर ठगी के तरीकों पर ध्यान
पुलिस के अनुसार, अभियुक्त आम लोगों, विशेषकर गर्भवती महिलाओं को फोन कॉल कर भ्रमित करते थे और उनके भरोसे का फायदा उठाते थे। यह मामला स्पष्ट करता है कि साइबर ठगी के अपराधी अक्सर सामान्य लोगों की जानकारी और भरोसे का फायदा उठाकर वित्तीय नुकसान पहुंचाते हैं।
न्यूज़ देखो: गिरिडीह पुलिस की तत्परता ने साइबर ठगी की बड़ी घटना रोकी
इस कार्रवाई से यह साबित होता है कि साइबर अपराध के खिलाफ पुलिस की सक्रियता और त्वरित कार्रवाई आम जनता की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। गिरफ्तार अभियुक्तों के माध्यम से यह संदेश गया कि डिजिटल माध्यम से ठगी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
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जागरूक रहें, साइबर अपराध से बचें
आज के डिजिटल युग में सतर्कता ही सुरक्षा है। अपने मोबाइल और व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखें, अनजान कॉल और संदेशों पर भरोसा न करें। अपनी सुरक्षा के लिए अपने आस-पास के लोगों को भी जागरूक करें। इस खबर को शेयर करें और कमेंट में अपने सुझाव दें ताकि साइबर ठगी से बचाव के उपाय साझा किए जा सकें।




