
#गांव #सुरक्षा : हादसे के बाद विभाग की पहल, जानलेवा तारों को हटाने का काम शुरू
- बंखनजो में 11 केवी तार से बच्ची करंट की चपेट में आई।
- हादसे के बाद तार को शिफ्ट करने का काम शुरू हुआ।
- ग्रामीणों ने बार-बार शिकायत और मांग उठाई थी।
- स्कूल और घरों के ऊपर से गुजरते तारों को खतरा बताया गया।
- अन्य जगहों की तरह नोएडा में भी हाईटेंशन लाइन शिफ्टिंग प्रक्रिया जारी।
हाल ही में गिरिडीह जिले के बंखनजो गांव में एक बच्ची 11 केवी तार की चपेट में आ गई थी। इस दर्दनाक हादसे ने ग्रामीणों और स्थानीय प्रशासन को झकझोर दिया। इसके बाद बिजली विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए संबंधित तार को शिफ्ट करने का काम शुरू किया है।
हर बारिश और हादसे के बाद उठती मांग
गांवों और कस्बों में कई जगह घरों और स्कूलों की छतों के ऊपर से हाईटेंशन तार गुजरते हैं। ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों द्वारा लंबे समय से यह मांग उठती रही है कि इन तारों को आबादी वाले इलाकों से हटाया जाए। हर बार हादसे के बाद ही विभाग सक्रिय होता है और तार हटाने या शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू करता है।
सुरक्षा के लिए अंडरग्राउंड या इंसुलेटेड तार की जरूरत
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि इन तारों को अंडरग्राउंड किया जाए या फिर इंसुलेटेड तारों से बदला जाए तो भविष्य में हादसे की संभावना कम हो जाएगी। कई परिवारों को डर सताता रहता है कि कहीं उनके घर के ऊपर से गुजरते तार अचानक मौत का कारण न बन जाएं।
अन्य शहरों में भी प्रक्रिया जारी
केवल ग्रामीण इलाकों ही नहीं बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी यह खतरा मौजूद है। नोएडा जैसे बड़े शहरों में भी स्कूलों के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन को शिफ्ट करने के लिए बजट स्वीकृत किया गया है और कमेटी बनाकर काम शुरू किया गया है। योजना है कि दो से तीन महीने में ऐसे तारों को हटा दिया जाए ताकि बच्चों और आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
न्यूज़ देखो: हादसों से सबक लेने की जरूरत
हर हादसा हमें यह याद दिलाता है कि सुरक्षा से बड़ा कोई विकास नहीं हो सकता। विभाग की कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन इसे नियमित प्रक्रिया बनाना जरूरी है ताकि लोगों को हादसे का इंतजार न करना पड़े।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सुरक्षित भविष्य की दिशा में कदम
अब समय है कि प्रशासन, जनप्रतिनिधि और आम लोग मिलकर ऐसी खतरनाक तारों की पहचान करें और उन्हें हटाने की पहल तेज़ करें। आपकी राय क्या है—क्या आपके इलाके में भी ऐसे खतरे वाले तार हैं? कॉमेंट में बताएं और इस खबर को शेयर करें ताकि मिलकर बदलाव लाया जा सके।