Giridih

पहली महिला राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में गिरिडीह की बेटियों का दबदबा, 8 में से 7 खिलाड़ियों ने जीते पदक

#गिरिडीह #खेल_उपलब्धि : बोकारो में आयोजित राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में गिरिडीह की महिला खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन।

बोकारो में आयोजित प्रथम महिला राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में गिरिडीह की महिला खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन कर जिले और राज्य का नाम रोशन किया। 27 से 29 दिसंबर तक चली इस प्रतियोगिता में गिरिडीह से गई आठ खिलाड़ियों में से सात ने पदक जीतकर अपनी प्रतिभा साबित की। देश के 19 राज्यों से करीब 900 महिला खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में शामिल हुई थीं। गिरिडीह की सफलता ने झारखंड के खेल परिदृश्य को मजबूती दी है।

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  • बोकारो के गुरुगोबिंद सिंह पब्लिक स्कूल में 27–29 दिसंबर तक प्रतियोगिता।
  • 19 राज्यों की 900 महिला खिलाड़ी रहीं शामिल।
  • गिरिडीह की 8 में से 7 खिलाड़ियों ने जीते पदक।
  • द बैलेंस पाथ एकेडमी और के टाइगर ताइक्वांडो एकेडमी की शानदार उपलब्धि।
  • कोच आकाश कुमार स्वर्णकार के मार्गदर्शन में झारखंड टीम का प्रतिनिधित्व।

बोकारो के गुरुगोबिंद सिंह पब्लिक स्कूल परिसर में आयोजित प्रथम महिला राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता गिरिडीह के लिए ऐतिहासिक साबित हुई। इस प्रतियोगिता में देशभर के 19 राज्यों से लगभग 900 महिला ताइक्वांडो खिलाड़ियों ने भाग लिया, जहां कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच गिरिडीह की बेटियों ने अपने कौशल, आत्मविश्वास और अनुशासन से सभी का ध्यान आकर्षित किया।

राष्ट्रीय मंच पर गिरिडीह की मजबूत मौजूदगी

गिरिडीह जिला ताइक्वांडो संघ के महासचिव अमित स्वर्णकार ने जानकारी देते हुए बताया कि गिरिडीह से कुल 8 महिला खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में शामिल हुई थीं, जो कोच आकाश कुमार स्वर्णकार के नेतृत्व में झारखंड टीम का प्रतिनिधित्व कर रही थीं। कठिन मुकाबलों के बावजूद इन खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 7 पदक अपने नाम किए, जो जिले के खेल इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

स्वर्ण, रजत और कांस्य से सजी पदक तालिका

प्रतियोगिता में गिरिडीह की खिलाड़ियों ने विभिन्न भार वर्गों और कैटेगरी में दमदार खेल दिखाया।
द बैलेंस पाथ एकेडमी की

  • ज्योति राज ने स्वर्ण पदक,
  • साक्षी कुमारी, अंजुम आरा और शिवानी कुमारी ने रजत पदक अपने नाम किए।

वहीं के टाइगर ताइक्वांडो एकेडमी की

  • सोनाक्षी कुमारी और आयशा बिंत अफजल ने स्वर्ण पदक,
  • जबकि तनीषा आर्य ने कांस्य पदक जीतकर गिरिडीह की पदक संख्या को और मजबूत किया।

इन पदकों ने यह साबित कर दिया कि गिरिडीह की महिला खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर किसी से कम नहीं हैं।

वर्ष की अंतिम प्रतियोगिता में शानदार समापन

महासचिव अमित स्वर्णकार ने बताया कि यह प्रतियोगिता वर्ष 2025 की अंतिम राष्ट्रीय प्रतियोगिता थी।
उन्होंने कहा:

“हमेशा की तरह इस बार भी गिरिडीह की खिलाड़ियों ने उम्मीद से बढ़कर प्रदर्शन किया है। इन बेटियों ने न सिर्फ गिरिडीह बल्कि पूरे झारखंड का नाम राष्ट्रीय मंच पर रोशन किया है।”

उनका कहना था कि यह सफलता निरंतर अभ्यास, अनुशासन और कोचिंग सिस्टम का परिणाम है।

संघ पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की शुभकामनाएं

राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली इन खिलाड़ियों को गिरिडीह जिला ताइक्वांडो संघ के अध्यक्ष सुमीर शर्मा,
उपाध्यक्ष सह टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो,
संरक्षक पूर्व विधायक निर्भय कुमार शाहबादी,
महासचिव अमित स्वर्णकार सहित संघ के राहुल कुमार, पंकज कुमार, शशिकांत विश्वकर्मा, मनोहर बर्मा, तपन भट्टाचार्य, पार्थो मन्ना, मोहम्मद अली, राजकुमार साव, रोहित राय ने बधाई दी।

इसके अलावा ताइक्वांडो खिलाड़ियों श्वेता कुमारी, सुजाता कुमारी, नित्या, राध्या, अंशुमान, नयन भट्टाचार्य, आस्था गुप्ता सहित अन्य खिलाड़ियों और पदाधिकारियों ने भी विजेता खिलाड़ियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

महिला खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनीं गिरिडीह की बेटियां

गिरिडीह की इन महिला खिलाड़ियों की सफलता न केवल खेल उपलब्धि है, बल्कि यह सामाजिक संदेश भी देती है कि बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद राष्ट्रीय मंच पर पदक जीतना आने वाली पीढ़ी की महिला खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है।

न्यूज़ देखो: झारखंड की खेल प्रतिभा को मिला नया मुकाम

यह उपलब्धि दर्शाती है कि गिरिडीह जैसे जिलों से भी राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी तैयार हो रही हैं। यदि प्रशिक्षण, संसाधन और प्रोत्साहन लगातार मिलता रहा, तो झारखंड महिला ताइक्वांडो में देश का अग्रणी राज्य बन सकता है। अब जरूरत है कि प्रशासन और खेल संगठनों द्वारा ऐसे खिलाड़ियों को और बेहतर सुविधाएं दी जाएं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

बेटियों की जीत, समाज की ताकत

राष्ट्रीय मंच पर गिरिडीह की बेटियों की यह जीत हर अभिभावक और युवा खिलाड़ी के लिए प्रेरणा है। खेल को करियर के रूप में अपनाने का यह सही समय है। अपनी राय साझा करें, इस गौरवशाली उपलब्धि को आगे बढ़ाएं और महिला खिलाड़ियों के हौसले को और मजबूत करें।

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Surendra Verma

डुमरी, गिरिडीह

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