
#सिमडेगा #सुशासन_अभियान : लोक शिकायतों के त्वरित निवारण और सेवा वितरण को सशक्त बनाने के लिए जिले में विशेष अभियान की शुरुआत की गई।
सिमडेगा जिले में लोक शिकायतों के त्वरित समाधान और सेवा वितरण प्रणाली को मजबूत करने के उद्देश्य से ‘सुशासन सप्ताह 2025’ एवं ‘प्रशासन गांव की ओर’ अभियान का शुभारंभ किया गया। उपायुक्त कंचन सिंह के निर्देशन में यह अभियान जिले के सभी प्रखंडों में प्रारंभ हुआ। इसके तहत प्रशासन को सीधे गांवों तक पहुंचाकर आम जनता की समस्याएं सुनी जाएंगी और उनका प्राथमिकता के आधार पर समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। यह पहल प्रशासन और नागरिकों के बीच सीधा संवाद स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
- उपायुक्त कंचन सिंह के निर्देशन में सुशासन सप्ताह 2025 की शुरुआत।
- जिले के सभी प्रखंडों और पंचायतों में अभियान का एकसाथ शुभारंभ।
- प्रशासन गांव की ओर अभियान के तहत गांवों में विशेष शिविर और चौपाल।
- लंबित जन शिकायतों के समयबद्ध निस्तारण पर विशेष फोकस।
- आवास, पेंशन, प्रमाण-पत्र और आयुष्मान कार्ड जैसी सेवाओं का त्वरित निष्पादन।
सिमडेगा जिले में प्रशासनिक कार्यप्रणाली को जनोन्मुखी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। ‘सुशासन सप्ताह 2025’ और ‘प्रशासन गांव की ओर’ अभियान के माध्यम से जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। अभियान की शुरुआत जिले के सभी प्रखंडों में प्रखंड विकास पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में की गई, जिससे यह संदेश गया कि प्रशासन अब जनता के द्वार तक पहुंचेगा।
सुशासन सप्ताह 2025 का उद्देश्य
सुशासन सप्ताह 2025 का मुख्य उद्देश्य लोक शिकायतों का त्वरित निवारण, सेवा वितरण प्रणाली को प्रभावी बनाना और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाना है। इस अभियान के तहत उन शिकायतों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जो लंबे समय से लंबित हैं। जिला प्रशासन का मानना है कि समय पर समाधान से जनता का विश्वास मजबूत होता है और शासन व्यवस्था अधिक प्रभावी बनती है।
प्रशासन गांव की ओर अभियान से बदलेगा संवाद
‘प्रशासन गांव की ओर’ अभियान के तहत अधिकारियों और कर्मियों को सीधे गांवों में जाकर लोगों की समस्याएं सुनने के निर्देश दिए गए हैं। गांव स्तर पर आयोजित विशेष शिविर और चौपाल के माध्यम से नागरिक अपनी शिकायतें और आवेदन सीधे प्रशासन के समक्ष रख सकेंगे। इससे बिचौलियों की भूमिका कम होगी और समस्याओं का समाधान तेज गति से हो सकेगा।
शिकायत निवारण पर विशेष फोकस
सुशासन सप्ताह के अंतर्गत सीपीजीआरएएम, राज्य स्तरीय पोर्टल और अन्य समर्पित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर प्राप्त शिकायतों के निस्तारण पर विशेष जोर दिया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा इन पोर्टलों पर दर्ज शिकायतों, ऑनलाइन सेवा वितरण से जुड़ी सेवाओं और स्वीकृत आवेदनों का डेटा साझा किया जा रहा है। इन सभी मामलों का समाधान 19 से 25 दिसंबर के बीच सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है।
ई-कचरा और रिकॉर्ड प्रबंधन में सुधार
अभियान के तहत केवल शिकायत निवारण ही नहीं, बल्कि प्रशासनिक सुधारों पर भी ध्यान दिया जा रहा है। ई-कचरा एवं स्क्रैप के व्यवस्थित प्रबंधन के साथ-साथ रिकॉर्ड प्रबंधन में सुधार की पहल की जा रही है। इससे कार्यालयी कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी और सेवाओं के निष्पादन में तेजी आएगी।
योजनाओं और सेवाओं का त्वरित निष्पादन
उपायुक्त कंचन सिंह ने बताया कि अभियान के दौरान कई महत्वपूर्ण सेवाओं का त्वरित निष्पादन किया जा रहा है। इनमें प्रमुख रूप से:
- आवास योजना में पात्र लाभार्थियों के नाम सर्वे सूची में शामिल करना।
- वृद्धावस्था, विधवा एवं दिव्यांग पेंशन योजनाओं की स्वीकृति।
- जाति, आय, निवास प्रमाण-पत्र का निर्गमन।
- जन्म और मृत्यु प्रमाण-पत्र की प्रक्रिया।
- दिव्यांग प्रमाण-पत्र एवं आयुष्मान कार्ड का त्वरित निर्माण।
इन सेवाओं को लेकर अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी पात्र व्यक्ति को अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाए।
अधिकारियों को सख्त निर्देश
उपायुक्त ने सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मियों को निर्देश दिया है कि जनता की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी कहा कि अभियान की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि कितनी पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ शिकायतों का समाधान किया जाता है। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई है।
गांव स्तर पर बढ़ेगी सहभागिता
इस अभियान से गांव स्तर पर प्रशासनिक सहभागिता बढ़ने की उम्मीद है। ग्रामीणों को अपने ही क्षेत्र में समाधान मिलने से समय और संसाधनों की बचत होगी। साथ ही, योजनाओं की वास्तविक स्थिति का आकलन भी प्रशासन को मौके पर ही मिल सकेगा, जिससे भविष्य की नीतियों को बेहतर बनाया जा सकेगा।
जनता में दिखी उम्मीद
अभियान की शुरुआत के साथ ही आम जनता में यह उम्मीद जगी है कि उनकी समस्याएं अब फाइलों में दबकर नहीं रहेंगी। गांवों में आयोजित शिविरों और चौपालों के माध्यम से लोग अपनी बात खुलकर रख पा रहे हैं, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करता है।
न्यूज़ देखो: प्रशासन को जनता के करीब लाने की सार्थक पहल
सुशासन सप्ताह 2025 और प्रशासन गांव की ओर अभियान यह दिखाता है कि प्रशासनिक इच्छाशक्ति हो तो व्यवस्था को जनोन्मुखी बनाया जा सकता है। शिकायत निवारण, सेवा वितरण और पारदर्शिता—तीनों पर एक साथ काम करना इस अभियान की बड़ी ताकत है। अब यह देखना अहम होगा कि निर्धारित समयसीमा में कितनी शिकायतों का वास्तविक समाधान होता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जब शासन जनता तक पहुंचे, तभी सुशासन साकार होता है
सुशासन केवल नीतियों से नहीं, बल्कि जमीन पर उनके प्रभाव से मापा जाता है। गांवों तक पहुंचता प्रशासन लोगों के विश्वास को मजबूत करता है और लोकतंत्र को सशक्त बनाता है।







