
#रांची #कैबिनेट_बैठक : सरकार ने धान खरीद का रास्ता साफ करते हुए एमएसपी 2450 रुपये तय किया और 48 घंटे में भुगतान का आश्वासन दिया
- धान खरीद का सरकारी रेट 2450 रुपये तय।
- किसानों को 48 घंटे में पूर्ण भुगतान का प्रावधान।
- धान अधिप्राप्ति योजना के लिए 48.60 करोड़ स्वीकृत।
- सिविल सेवा प्रोत्साहन राशि बढ़कर डेढ़ लाख।
- पर्यटन महोत्सव के लिए अधिकतम 80 लाख की सीमा।
रांची। झारखंड में इस वर्ष सरकारी धान खरीद को लेकर स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो गई है। सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में धान खरीद के लिए इस वर्ष 2450 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया। कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि किसानों को अब भुगतान किश्तों में नहीं देना होगा, बल्कि धान बेचने के 48 घंटे के भीतर पूर्ण भुगतान उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए कुल 48 करोड़ 60 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। संभावना है कि राज्य में धान खरीद प्रक्रिया 15 दिसंबर से शुरू हो जाएगी।
किसानों के लिए बड़ा निर्णय: 48 घंटे में पूरी राशि
सरकार ने धान अधिप्राप्ति योजना में इस वर्ष तेजी लाने और किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दी है। अब किसानों को अलग-अलग चरण में पैसे का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। खरीद केंद्रों पर सत्यापन के बाद भुगतान सीधे किसानों के खाते में भेजा जाएगा। यह निर्णय ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की नकद आवश्यकताओं को देखते हुए लिया गया है।
सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना में बढ़ोतरी
कैबिनेट ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के छात्रों के लिए बड़ी राहत देते हुए मुख्यमंत्री सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना की राशि बढ़ा दी है।
पहले यह राशि एक लाख रुपये थी, जिसे बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये किया गया है। यह धनराशि यूपीएससी द्वारा आयोजित पीटी परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार की तैयारी के लिए दी जाती है।
कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने बताया कि यह बढ़ोतरी छात्रों को उच्च प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं की तैयारी में मदद करेगी और राज्य में सफल प्रतिभाओं की संख्या बढ़ाने में सहायक साबित होगी।
पर्यटन महोत्सव और सांस्कृतिक मेलों के लिए नई गाइडलाइन
कैबिनेट ने राज्य में राजकीय मेलों के आयोजन को लेकर संशोधित मार्गदर्शिका को मंजूरी दी।
- पर्यटन महोत्सव के लिए अधिकतम राशि: 80 लाख रुपये
- सांस्कृतिक मेला के लिए अधिकतम राशि: 70 लाख रुपये
इस नई व्यवस्था का उद्देश्य झारखंड की कला, संस्कृति और पर्यटन को एक नए ढांचे और बेहतर वित्तीय सहयोग के साथ बढ़ावा देना है।
कैबिनेट के अन्य प्रमुख निर्णय
राज्य सरकार ने बैठक में कुल 33 प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की, जिनमें कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक और शैक्षणिक निर्णय शामिल हैं:
1. शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर
- लातेहार के बालूमाथ में डिग्री कॉलेज निर्माण के लिए 38,82,08,000 रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति।
- रांची विश्वविद्यालय और इसके अधीन कॉलेजों में शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक पदों के पुनर्गठन को मंजूरी।
- संस्कृत महाविद्यालयों के शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मियों को पंचम, छठा और सप्तम वेतनमान का लाभ।
2. प्रशासनिक और वित्तीय निर्णय
- वर्ष 2026 के लिए सरकारी दफ्तरों, निगमों और बैंकों के सार्वजनिक अवकाश को मंजूरी।
- झारखंड डैम सेफ्टी कमेटी के पुनर्गठन को हरी झंडी।
- भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की रिपोर्ट को आगामी विधानसभा सत्र में प्रस्तुत करने की स्वीकृति।
- रिम्स, रांची के सह-प्राध्यापकों को 01.07.2019 से प्राध्यापक पद पर प्रोन्नति।
इन सभी निर्णयों को झारखंड के किसानों, छात्रों, सरकारी कर्मचारियों, यात्रियों और नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
न्यूज़ देखो: किसानों और शिक्षा क्षेत्र के लिए अहम कैबिनेट निर्णय
इस वर्ष झारखंड सरकार ने किसानों को राहत देने और धान खरीद को सुचारू बनाने पर जोर दिया है। एमएसपी निर्धारण और तेज भुगतान प्रक्रिया ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देगी। वहीं शिक्षा और सरकारी सेवाओं में लिए गए निर्णय राज्य के संसाधनों और मानव पूंजी को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
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