
#लचरागढ़ #करममहोत्सव : लोकगायकों की प्रस्तुति और अखाड़े में सात मंडलियों की करमा डाली पूजन के साथ हुआ विसर्जन
- विवेकानंद शिशु/विद्या मंदिर लचरागढ़ में करमा महोत्सव का भव्य आयोजन।
- मुख्य अतिथि देवराज प्रसाद, विशिष्ट अतिथि जगदीश बड़ाइक समेत अनेक गणमान्य उपस्थित।
- सात मंडलियों में करमा डाली की पूजा, वैदिक मंत्रोच्चार और अखाड़े की सजावट रही आकर्षण का केंद्र।
- लोकगायक जगदीश बड़ाइक, रूपेश बड़ाइक और गोपाल बारला के गीतों ने श्रोताओं को झूमने पर विवश किया।
- देव नदी में करम राजा का विसर्जन और शोभायात्रा के साथ हुआ समापन।
लचरागढ़ के विवेकानंद शिशु/विद्या मंदिर उच्च विद्यालय में इस वर्ष करमा महोत्सव का आयोजन अभूतपूर्व रहा। वनवासी कल्याण केंद्र की शैक्षिक इकाई श्री हरि वनवासी विकास समिति, झारखंड के बैनर तले आयोजित इस पर्व ने न केवल ग्रामीण अंचल बल्कि पूरे क्षेत्र को उत्साह और उल्लास से भर दिया। विद्यालय प्रांगण को विद्युत सज्जा, पारंपरिक अखाड़ों और विशेष सेल्फी प्वाइंट से सजाया गया था, जहां हजारों श्रद्धालु जुटे।
दीप प्रज्वलन और पारंपरिक शुरुआत
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि देवराज प्रसाद (प्राचार्य, सिमडेगा महाविद्यालय), विशिष्ट अतिथि लोकगायक जगदीश बड़ाइक, विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजेंद्र प्रसाद साहू, समाजसेवी राजकुमार साहू और अजय साहू ने संयुक्त रूप से किया। भारत माता और सरस्वती माता की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलन किया गया।
अखाड़ा और पूजा का आयोजन
विद्यालय परिसर में सात स्थानों पर अखाड़ा गाड़ा गया था, जहां पंडित संजय पाठक ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ करमा पूजन कराया। मांदर, नगाड़ा और शहनाई की गूंज ने पूरे वातावरण को धार्मिक और सांस्कृतिक रंग में रंग दिया।
जगदीश बड़ाइक ने कहा: “करमा पर्व हमारी संस्कृति और प्रकृति की आराधना का पर्व है, यह हमें अपनी जड़ों से जोड़ता है।”
लोकगीतों और नृत्यों ने बांधा समां
लोकप्रिय गायक जगदीश बड़ाइक, रूपेश बड़ाइक और गोपाल बारला की संगीतमय प्रस्तुतियों ने देर रात तक श्रोताओं को झूमने पर मजबूर किया। वहीं बाराबरपानी से आई महिलाओं ने पारंपरिक गीत-नृत्य पेश कर सबका मन मोह लिया।
सम्मान और सहभागिता
विद्यालय प्रबंधन समिति की ओर से मंचासीन अतिथियों, लोकगायकों और पत्रकार अनुज कुमार साहू को झारखंडी पुष्पमाला और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। आयोजन को सफल बनाने में विकास साहू (साउंड), सुरेश द्विवेदी (लाइट), विनीत मित्तल एवं कुणाल (प्रसाद), मुकेश श्रीवास्तव (मांदर) का योगदान अहम रहा।
विसर्जन और समापन
महोत्सव का समापन शोभायात्रा के साथ हुआ, जिसमें करम राजा की डाली को पूरे उत्साह के साथ देव नदी तक ले जाकर विसर्जित किया गया। धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेंद्र साहू ने किया और मंच संचालन प्रमोद पाणिग्राही ने किया।
प्रमुख उपस्थिति
महोत्सव में राजेश अग्रवाल, रिक्की अग्रवाल, राजकुमार साहू, अजय साहू, आनंद कोठारी, एएसआई जितेंद्र सिंह, प्रवीण साहू, चिकु साहू, विनीत पंडा, परमानंद सिंह, धनंजय सोनी, शालिक साहू, पवन अग्रवाल, विवेक अग्रवाल, गजेंद्र साहू, रमेश ओहदार समेत कई सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय लोग उपस्थित रहे।



न्यूज़ देखो: करमा पर्व ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
लचरागढ़ में करमा महोत्सव ने एक बार फिर साबित किया कि यह पर्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक है। विद्यालय द्वारा आयोजित इस भव्य आयोजन ने आने वाली पीढ़ी को संस्कृति और प्रकृति संरक्षण का संदेश दिया।
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संस्कृति से जुड़े रहें और प्रकृति की रक्षा करें
करमा पर्व हमें बताता है कि हमारी खुशहाली सीधे प्रकृति और संस्कृति से जुड़ी है। इस पर्व पर हम सबको पर्यावरण की रक्षा और अपनी परंपराओं को संजोने का संकल्प लेना चाहिए। अपनी राय कमेंट करें और खबर को दोस्तों के बीच साझा करें ताकि यह संदेश दूर तक पहुंचे।