
#गुमला #हाथियोंकाआतंक — चैनपुर अनुमंडल के श्रीनगर गांव में जंगली हाथियों ने मचाई तबाही, विजय केरकेट्टा की फसल पूरी तरह बर्बाद
- श्रीनगर गांव में कई दिनों से सक्रिय है हाथियों का झुंड
- किसान विजय केरकेट्टा की धान और मक्का की फसल पूरी तरह नष्ट
- ग्रामीणों ने वन विभाग से गश्ती बढ़ाने और मुआवजे की मांग की
- रात में खेतों में घुसकर हाथी मचाते हैं कई घंटों तक उत्पात
- प्रशासनिक चुप्पी से ग्रामीणों में नाराज़गी, आंदोलन की चेतावनी
खेतों में तबाही का दृश्य, किसानों की मेहनत पर पानी
गुमला जिले के चैनपुर अनुमंडल स्थित श्रीनगर गांव के किसानों पर इन दिनों जंगली हाथियों का कहर टूट पड़ा है। पिछले कुछ दिनों से हाथियों का एक झुंड गांव के आसपास के खेतों में घुसकर फसलों को रौंद रहा है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सबसे ज्यादा नुकसान किसान विजय केरकेट्टा को हुआ है, जिनकी धान और मक्का की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। पीड़ित विजय केरकेट्टा ने बताया कि:
विजय केरकेट्टा ने कहा: “रात के अंधेरे में हाथियों का झुंड आता है और हमारी महीनों की मेहनत एक ही रात में खत्म कर देता है। हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।”
डर और नुकसान दोनों का कहर
ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों की सक्रियता से न केवल फसलों को नुकसान हो रहा है, बल्कि लोगों की जान पर भी खतरा मंडरा रहा है। गांववासी रात में अपने घरों से बाहर निकलने से डरते हैं। बच्चों और बुजुर्गों को लेकर विशेष चिंता जताई जा रही है।
किसानों ने बताया कि अगर जल्द ही वन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो स्थिति और अधिक भयावह हो सकती है। लोग अब निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था की मांग कर रहे हैं।
वन विभाग की चुप्पी से ग्रामीणों में आक्रोश
इस पूरे घटनाक्रम में अब तक प्रशासन या वन विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिससे ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। श्रीनगर गांव के लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर हाथियों को नियंत्रित करने के लिए तत्काल उपाय नहीं किए गए, तो आंदोलन और सड़क जाम जैसे कदम उठाने पड़ सकते हैं।
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि फसलों के नुकसान का सही आकलन कर प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाए ताकि उनकी आर्थिक स्थिति कुछ हद तक सुधर सके।

न्यूज़ देखो: जंगली जीवन बनाम ग्रामीण जीवन की टकराहट
श्रीनगर गांव की स्थिति बताती है कि किस तरह वन्य जीवों और ग्रामीण समाज के बीच संतुलन की कमी खतरनाक रूप ले सकती है। हाथियों की यह अनियंत्रित घुसपैठ केवल कृषि को नहीं, बल्कि ग्रामीण जीवन की पूरी सुरक्षा को चुनौती देती है। न्यूज़ देखो प्रशासन से मांग करता है कि शीघ्र गश्ती दल तैनात किए जाएं, ड्रोन सर्वे कराया जाए और मुआवजा प्रक्रिया तेज की जाए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
एकजुटता और सजगता से ही मिलेगा समाधान
हाथियों से सुरक्षा सिर्फ सरकारी जिम्मेदारी नहीं, समाज और प्रशासन दोनों को मिलकर समाधान खोजना होगा। हर किसान की मेहनत की कीमत है। आइए इस खबर को साझा करें, अपनी राय नीचे दें और प्रशासन तक अपनी आवाज पहुंचाएं।