
#महुआडांड़ #अंबेडकर_पुण्यतिथि : स्थानीय चौक स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण कर जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि
- महुआडांड़ प्रखंड में डॉ. आंबेडकर की पुण्यतिथि श्रद्धापूर्वक मनाई गई।
- स्थानीय चौक पर बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।
- कार्यक्रम में विधायक रामचन्द्र सिंह सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित।
- सभी वक्ताओं ने समता, न्याय और शिक्षा को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
- पूरा वातावरण “बाबा साहेब अमर रहें” के नारों से गूंज उठा।
महुआडांड़ प्रखंड में भारतीय संविधान के महान शिल्पकार डॉ. भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि शनिवार को पूर्ण श्रद्धा के साथ मनाई गई। सुबह से ही स्थानीय चौक पर लोगों की भीड़ उमड़ने लगी और जैसे-जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ा, माहौल “जय भीम, जय भारत” के नारों से गूंजता रहा। मुख्य रूप से कार्यक्रम में पहुंचे विधायक रामचन्द्र सिंह ने बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। वहीं कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय ग्रामीणों की उपस्थिति ने आयोजन को और भी गरिमामय बना दिया।
कार्यक्रम का विस्तृत विवरण
महुआडांड़ चौक पर स्थित बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष बड़ी संख्या में लोग सुबह से ही इकट्ठा होना शुरू हो गए थे। सबसे पहले सामूहिक रूप से पुष्प अर्पित कर डॉ. आंबेडकर के आदर्शों को स्मरण किया गया। प्रतिमा स्थल को फूलों और नीले-सफेद रंग की सजावट से अलंकृत किया गया था, जिससे पूरा वातावरण श्रद्धामय हो उठा।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे विधायक रामचन्द्र सिंह। उनके साथ कांग्रेस प्रदेश प्रतिनिधि इफ्तेखार अहमद, उपप्रमुख अभय मिंज, आदिवासी कांग्रेस जिला अध्यक्ष अजीत पाल कुजूर, मंडल अध्यक्ष नूरुल हसन अंसारी, युवा प्रखंड अध्यक्ष अमीर सुहेल, शहीद खान, किशोर तिर्की, रामनरेश ठाकुर और कई जनप्रतिनिधि, कांग्रेस कार्यकर्ता एवं ग्रामीण शामिल हुए।
नेताओं के विचार और संदेश
कार्यक्रम के दौरान सभी वक्ताओं ने डॉ. आंबेडकर के जीवन संघर्ष, उनकी समानता, न्याय और स्वतंत्रता की विचारधारा पर प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि विधायक रामचन्द्र सिंह ने अपने संबोधन में कहा—
“डॉ. भीमराव आंबेडकर ने भारत को समानता, न्याय और स्वतंत्रता का जो मार्ग दिखाया, वह आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। संविधान में मिले अधिकारों की रक्षा करना और अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुँचाना ही बाबा साहेब के सपनों का भारत है।”
उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे शिक्षा को अपनाएँ और समाज में भाईचारा व समता स्थापित करने में अग्रणी भूमिका निभाएँ।
जनभागीदारी और माहौल
आज के कार्यक्रम में सबसे अधिक उत्साह युवाओं और महिलाओं में देखा गया। बड़ी संख्या में ग्रामीण अपने परिवारों के साथ पहुँचकर बाबा साहेब को श्रद्धांजलि देने आए। “बाबा साहेब अमर रहें” और “जय भीम” के नारों ने पूरे कार्यक्रम को एकता और सम्मान की भावना से भर दिया।
पारंपरिक वेशभूषा में आए कई लोग सांस्कृतिक अंदाज़ में भी श्रद्धांजलि अर्पित करते नजर आए। ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि डॉ. आंबेडकर के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने संविधान निर्माण के समय थे।
बाबा साहेब के मार्ग पर चलने का संकल्प
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने सामूहिक रूप से दो मिनट का मौन रखकर बाबा साहेब को नमन किया। साथ ही यह संकल्प लिया गया—
“हम शिक्षा, समानता और सामाजिक न्याय के लिए सदैव कार्य करते रहेंगे और अंबेडकर के बताए मार्ग पर चलेंगे।”
न्यूज़ देखो: सामाजिक चेतना का प्रेरक आयोजन
महुआडांड़ में आयोजित यह कार्यक्रम न केवल श्रद्धांजलि था बल्कि सामाजिक जागरूकता का भी संदेश लेकर आया। जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति और युवाओं की बड़ी भागीदारी इस बात का संकेत है कि अंबेडकर विचारधारा की प्रासंगिकता लगातार बढ़ रही है। शिक्षा और समानता पर दिया गया जोर आने वाले समय में समाज को मजबूत दिशा प्रदान कर सकता है।
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जागरूक बनें, समाज को दिशा दें
बाबा साहेब की शिक्षाएँ हमें हर दिन याद दिलाती हैं कि शिक्षा और समानता ही समाज का असली आधार हैं। अपने आसपास के बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करें, समाज में भाईचारा बढ़ाएँ और भेदभाव के हर रूप का विरोध करें।
यदि आप भी इस तरह के आयोजनों में शामिल होते हैं या अपने क्षेत्र में किसी समस्या/घटना को देखते हैं, तो हमें ज़रूर बताएं।
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