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हाइलाइट्स:
- हिंडाल्को पर ट्रक अनलोडर मजदूरों को बेरोजगार करने का आरोप
- चार माह से अनलोडिंग स्टेशन बंद, मजदूरों के सामने भुखमरी की स्थिति
- मजदूर संघ ने 11 मार्च को चक्का जाम की घोषणा की
- मजदूर नेता आलोक साहू ने कंपनी पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया
- सांसद सुखदेव भगत से मदद की अपील, मुख्यमंत्री व श्रम मंत्री से वार्ता की तैयारी
हिंडाल्को अनलोडिंग स्टेशन में ट्रक अनलोडर मजदूर संघ लोहरदगा की एक महत्वपूर्ण बैठक प्रेमचंद महतो की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में मुख्य रूप से मजदूर नेता आलोक कुमार साहू उपस्थित थे। मौके पर मजदूरों ने अपनी समस्याओं को रखते हुए रोजगार की बहाली और न्याय की मांग की।
मजदूर नेता आलोक कुमार साहू ने कहा कि हिंडाल्को कंपनी ने दोहरा चरित्र अपनाकर मजदूरों का शोषण किया है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सैकड़ों ट्रक अनलोडर मजदूर 17 वर्षों से काम कर रहे थे, लेकिन चार महीने पहले बिना किसी सूचना के अनलोडिंग स्टेशन बंद कर दिया गया। इससे हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए और उनके सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई।
मजदूरों के समक्ष गंभीर संकट
बेरोजगारी के कारण मजदूर अपने बच्चों की स्कूल फीस तक नहीं दे पा रहे हैं। मजदूरों का कहना है कि अगर प्रदूषण की वजह से ट्रकों का संचालन रोका गया है, तो रोपवे से भी प्रदूषण होता है, लेकिन हिंडाल्को ने उसे बंद नहीं किया। कंपनी के इस रवैये से साफ है कि वह मजदूरों को दरकिनार करना चाहती है।
आलोक साहू ने कहा कि यदि हिंडाल्को को अनलोडिंग स्टेशन बंद करना ही था, तो उसे मजदूरों के लिए वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था करनी चाहिए थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर मजदूरों के पेट पर लात मारी जाएगी, तो इसे किसी भी हाल में सहन नहीं किया जाएगा।
11 मार्च को होगा चक्का जाम
मजदूरों ने बताया कि दो महीने पहले हिंडाल्को प्रशासन को ज्ञापन दिया गया था, जिसके बाद अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय में बैठक हुई थी। हिंडाल्को के अधिकारियों ने 10 दिनों में समाधान का आश्वासन दिया था, लेकिन 20 दिन से अधिक बीतने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
इसलिए मजदूर संघ ने 11 मार्च को अनलोडिंग स्टेशन के समक्ष चक्का जाम करने का निर्णय लिया है। मजदूर संघ ने साफ कहा है कि इस आंदोलन की पूरी ज़िम्मेदारी हिंडाल्को प्रशासन की होगी।
इस बैठक में विनोद उरांव, रवि महली, प्रदीप उरांव, बुद्धिमान टोप्पो, ननका अंसारी, रूपा उरांव, फूलमनी उरांव, सुधा उरांव, विमला उरांव, धर्मदेव उरांव, मोहन उरांव, करमचंद उरांव सहित सैकड़ों मजदूर उपस्थित थे।
न्यूज़ देखो: मजदूरों की लड़ाई को मिलेगी आवाज़
हजारों मजदूरों का भविष्य अंधकार में है, उनके परिवार दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हिंडाल्को प्रबंधन ने अब तक कोई समाधान नहीं दिया है, जिससे मजदूरों के आक्रोश का विस्फोट होना तय है। क्या प्रशासन मजदूरों की आवाज सुनेगा, या यह संघर्ष और लंबा खिंचेगा?
क्या 11 मार्च का चक्का जाम सरकार और प्रशासन को मजबूर करेगा कि वे मजदूरों के हक में फैसला लें? न्यूज़ देखो इस आंदोलन से जुड़ी हर खबर पर नजर बनाए रखेगा। रोजगार, अधिकार और न्याय की इस लड़ाई में न्यूज़ देखो आपके साथ है!