
#बरवाडीह #आवास_योजना : रजत जयंती समारोह के मौके पर 15 पंचायतों के 150 लाभुकों ने विधिवत गृह प्रवेश किया, नेताओं और अधिकारियों की मौजूदगी में बढ़ी उत्सव की रौनक।
- झारखंड राज्य के रजत जयंती समारोह के दूसरे दिन बरवाडीह प्रखंड में हुआ गृह प्रवेश कार्यक्रम।
- प्रधानमंत्री आवास, अबूआ आवास, जन मन आवास और अंबेडकर आवास योजना के तहत तैयार घरों में लाभुकों ने किया प्रवेश।
- लगभग 150 लाभुकों ने 15 पंचायतों में पूरे विधि-विधान से गृह प्रवेश किया।
- मुख्य कार्यक्रम में शामिल रहे संतोषी शेखर, दीपक राज, प्रेम सिंह पिंटू, कालो देवी और प्रवीण कुमार।
- अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने कहा—यह योजनाएं गरीबों के जीवन में नया सवेरा लेकर आई हैं।
झारखंड राज्य के रजत जयंती समारोह के दूसरे दिन बुधवार को बरवाडीह प्रखंड क्षेत्र में उत्साह और गर्व का माहौल रहा। इस दिन सरकार की चार महत्वाकांक्षी योजनाओं—प्रधानमंत्री आवास, अबूआ आवास, जन मन आवास और अंबेडकर आवास योजना के तहत निर्मित घरों का गृह प्रवेश समारोह संपन्न हुआ। पूरे प्रखंड में करीब 15 पंचायतों के 150 से अधिक लाभुकों ने अपने नए घर में विधिवत प्रवेश किया। राज्य सरकार की इस पहल ने ग्रामीण इलाकों में खुशहाली और आत्मनिर्भरता की भावना को और मजबूत किया है।
प्रखंड मुख्यालय में हुआ मुख्य आयोजन
बरवाडीह प्रखंड मुख्यालय स्थित कार्यक्रम स्थल पर अबूआ आवास योजना के पाँच लाभुकों के गृह प्रवेश का उद्घाटन ज़िला परिषद सदस्य संतोषी शेखर, सांसद प्रतिनिधि दीपक राज, विधायक प्रतिनिधि प्रेम सिंह पिंटू, मुखिया कालो देवी और पंचायत समिति सदस्य प्रवीण कुमार ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम के दौरान लाभुक परिवारों के चेहरे पर खुशी झलक रही थी, जिन्होंने लंबे समय से अपने घर का सपना देखा था।
ज़िप सदस्य संतोषी शेखर ने कहा: “राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने पर जरूरतमंद परिवारों को आवास मिलना सरकार की ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह उस सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम है जिसकी झारखंड ने परिकल्पना की थी।”
पंचायत स्तर पर भी हुई उत्सव की गूंज
इसी कड़ी में खुरा पंचायत में भी विशेष समारोह आयोजित हुआ। यहां प्रखंड प्रमुख सुशीला देवी, उप प्रमुख बीरेंद्र जयसवाल, और मुखिया जितेंद्र सिंह ने आवास योजना के लाभुकों का विधिवत गृह प्रवेश कराया। स्थानीय ग्रामीणों ने पुष्प और मंगल गीतों से नवगृही परिवारों का स्वागत किया।
सांसद प्रतिनिधि दीपक राज ने कहा: “प्रधानमंत्री आवास योजना ने देश के लाखों गरीब परिवारों को अपने घर का सपना पूरा करने का अवसर दिया है। सरकार की मंशा है कि कोई भी परिवार खुले आसमान के नीचे न रहे।”
विधायक प्रतिनिधि प्रेम सिंह पिंटू ने कहा: “अबूआ आवास योजना झारखंड सरकार की सबसे प्रभावी पहल है, जो यह सुनिश्चित करती है कि राज्य का कोई भी परिवार बेघर न रहे।”
सरकारी योजनाओं ने बदली ग्रामीणों की तस्वीर
कार्यक्रम में मौजूद लाभुकों ने बताया कि इन योजनाओं से उन्हें जीवन में स्थायित्व और सुरक्षा की नई अनुभूति मिली है। बरवाडीह प्रखंड के अंतर्गत आने वाले सभी पंचायतों में जब गृह प्रवेश की प्रक्रिया पूरी हुई तो गांवों में त्यौहार जैसा माहौल बन गया। लोग एक-दूसरे के घर जाकर बधाई देते नजर आए।
इस अवसर पर आवास समन्वयक शिव प्रसाद यादव, पंचायत समन्वयक आनंद प्रसाद, क्रिस्टीना, सुनील सिंह, वेदानंद मिश्र और शिशुपाल उरांव सहित कई अन्य कर्मी और जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे। सभी ने योजनाओं के सफल क्रियान्वयन और पारदर्शिता पर संतोष जताया।
विकास की दिशा में सरकार की प्राथमिकता
गृह प्रवेश कार्यक्रम ने स्पष्ट किया कि झारखंड सरकार ग्रामीण विकास को लेकर गंभीर और प्रतिबद्ध है। चाहे केंद्र की प्रधानमंत्री आवास योजना हो या राज्य की अबूआ आवास और अंबेडकर आवास जैसी योजनाएं—इनका मकसद हर नागरिक को छत उपलब्ध कराना है। इन योजनाओं के माध्यम से न केवल आवास, बल्कि सम्मान और सुरक्षा की भावना को भी सशक्त किया जा रहा है।
न्यूज़ देखो: जनकल्याण की जमीनी मिसाल
बरवाडीह में आयोजित गृह प्रवेश समारोह ने यह साबित किया कि जब योजनाएं सही नीयत और पारदर्शी प्रणाली से लागू होती हैं, तो उनका असर सीधा जनता के जीवन पर पड़ता है। आवास योजनाओं के जरिये सरकार ने गरीब और वंचित तबकों के सपनों को पंख दिए हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
खुशहाली के इस अभियान में बने सहभागी
बरवाडीह की इस ऐतिहासिक पहल से यह संदेश जाता है कि जब प्रशासन और जनता मिलकर काम करते हैं, तो बदलाव निश्चित होता है। आइए हम सब भी इस सकारात्मक परिवर्तन में अपनी भूमिका निभाएं—चाहे जानकारी साझा कर, योजनाओं में भाग लेकर, या जरूरतमंद की मदद करके।
अब वक्त है कि हर नागरिक “अपने झारखंड” को सशक्त, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए।
अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें और जागरूकता फैलाएं ताकि हर परिवार तक खुशहाली की यह रौशनी पहुंचे।





