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बढ़ती ठंड में मानवीय पहल, बनहरदी परियोजना ने जरूरतमंदों को बांटे कंबल

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#लातेहार #सामाजिक_सेवा : पीवीयूएनएल की बनहरदी कोयला परियोजना का सीएसआर अभियान — ठंड से राहत के लिए चेतर पंचायत में 140 लोगों के बीच कंबल वितरण।
  • पीवीयूएनएल बनहरदी कोयला खनन परियोजना की ओर से सीएसआर पहल के तहत कंबल वितरण।
  • ग्राम पंचायत चेतर में आयोजित कार्यक्रम में 140 बुजुर्ग और असहाय व्यक्तियों को मिला गर्माहट का सहारा।
  • कार्यक्रम में मुखिया प्रकाश सिंह, अपर महाप्रबंधक आर.बी. सिंह और वरिष्ठ प्रबंधक विनेश कुमार रहे मौजूद।
  • लाभुकों ने इस मानवीय पहल को बताया ठंड से राहत देने वाला कदम।
  • आसपास के अन्य गांवों में भी अभियान को जल्द विस्तार देने की योजना।

लातेहार जिले में ठंड के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पीवीयूएनएल की बनहरदी कोयला खनन परियोजना ने जरूरतमंदों के बीच राहत पहुंचाने की दिशा में सराहनीय कदम उठाया है। सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत बुधवार को ग्राम पंचायत चेतर में कंबल वितरण शिविर का आयोजन किया गया, जहां 140 बुजुर्ग एवं असहाय व्यक्तियों को गर्म कंबल वितरित किए गए।

चेतर पंचायत में उमड़ा मानवीयता का माहौल

कंबल वितरण कार्यक्रम के दौरान गांव में एक सौहार्दपूर्ण माहौल देखने को मिला। ठंड से जूझ रहे कई वृद्ध और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों ने जब गर्म कंबल अपने हाथों में थामा, तो उनके चेहरों पर राहत और खुशी दोनों झलक रही थी।

इस अवसर पर ग्राम पंचायत मुखिया प्रकाश सिंह, बनहरदी परियोजना के अपर महाप्रबंधक आर.बी. सिंह, और वरिष्ठ प्रबंधक विनेश कुमार ने संयुक्त रूप से वितरण कार्य का संचालन किया।

अपर महाप्रबंधक आर.बी. सिंह ने कहा: “ठंड के इस मौसम में हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति सिर्फ संसाधनों की कमी के कारण कठिनाई न झेले। बनहरदी परियोजना सदैव जनसेवा की भावना के साथ कार्य करती है।”

सीएसआर के तहत निरंतर सेवा की दिशा में प्रयास

बनहरदी कोयला खनन परियोजना द्वारा यह कार्यक्रम केवल एक दिन का आयोजन नहीं, बल्कि व्यापक सामाजिक उत्तरदायित्व कार्यक्रम का हिस्सा है। प्रबंधन ने बताया कि आने वाले दिनों में आसपास के अन्य गांवों — विशेष रूप से ठंड से प्रभावित इलाकों — में भी इसी तरह के कंबल वितरण शिविर आयोजित किए जाएंगे।

परियोजना प्रबंधन का कहना है कि सीएसआर पहल का उद्देश्य सिर्फ आर्थिक विकास नहीं, बल्कि स्थानीय समुदायों के जीवन स्तर में सुधार लाना है। इस कार्यक्रम के माध्यम से कंपनी यह संदेश दे रही है कि कॉर्पोरेट विकास तभी सार्थक है, जब समाज के अंतिम व्यक्ति तक उसका लाभ पहुंचे।

ग्रामीणों ने जताई सराहना, मिली राहत की अनुभूति

शिविर में शामिल लाभुकों ने परियोजना प्रबंधन का धन्यवाद व्यक्त किया। कई बुजुर्गों ने कहा कि ठंड के इस मौसम में जब रात्रि का तापमान गिरने लगा है, तब यह पहल उन्हें बड़ी राहत दे रही है।

ग्रामीणों का कहना था कि जब कंपनियां केवल उत्पादन और लाभ के बजाय समाज के उत्थान की दिशा में भी योगदान देती हैं, तो विकास का वास्तविक अर्थ साकार होता है।

न्यूज़ देखो: कॉर्पोरेट जिम्मेदारी का मानवीय उदाहरण

बनहरदी परियोजना की यह पहल इस बात का उदाहरण है कि उद्योग केवल आर्थिक विकास के नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव के भी वाहक बन सकते हैं। जब कॉर्पोरेट क्षेत्र स्थानीय जरूरतों को समझकर सहयोग करता है, तब समाज में विश्वास और सहभागिता दोनों बढ़ते हैं। ऐसी पहलें ठंड जैसी आपदा में असहाय लोगों के लिए जीवनरेखा साबित होती हैं।

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आइए, सामाजिक जिम्मेदारी को जीवन का हिस्सा बनाएं

ठंड के इस मौसम में कई लोग हमारी तरह सुविधाओं से वंचित हैं। बनहरदी परियोजना की तरह अगर हर संस्था और नागरिक अपनी क्षमता के अनुसार किसी जरूरतमंद की मदद करें, तो कोई भी व्यक्ति ठंड में ठिठुरने को मजबूर नहीं होगा।
अब समय है कि हम सब मानवीयता की इस श्रृंखला को आगे बढ़ाएं। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और दूसरों को भी प्रेरित करें ताकि मदद का यह सिलसिला और व्यापक हो सके।

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Ravikant Kumar Thakur

चंदवा, लातेहार

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