
#गिरिडीह #जिला_विकास : समाहरणालय सभागार में आयोजित डीएलसीसी बैठक में उपायुक्त ने योजनाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा कर बैंकर्स व अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।
- उपायुक्त रामनिवास यादव की अध्यक्षता में DLCC बैठक आयोजित।
- नाबार्ड, पीएमईजीपी, मुद्रा योजना, केसीसी सहित कई योजनाओं की समीक्षा।
- डेयरी, मत्स्य, बकरी, सूअर पालन को प्रोत्साहन देने पर जोर।
- बैंकों को लक्ष्यों को शत-प्रतिशत पूरा करने का निर्देश।
- SHG क्रेडिट लिकेज पर सख्त समीक्षा कर सुधार के निर्देश।
गिरिडीह समाहरणालय सभागार में जिला उपायुक्त रामनिवास यादव की अध्यक्षता में जिला स्तरीय सलाहकार समिति (DLCC) की अहम बैठक आयोजित हुई, जिसमें जिले में विभिन्न वित्तीय एवं विकास संबंधी योजनाओं की प्रगति पर व्यापक चर्चा की गई। उपायुक्त ने सभी संबंधित विभागों और बैंक अधिकारियों से उपलब्धियों की अद्यतन रिपोर्ट मांगी और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। बैठक में विशेष रूप से किसान क्रेडिट कार्ड, पीएमईजीपी, मुद्रा योजना, स्वयं सहायता समूहों की क्रेडिट लिकेज की स्थिति तथा वार्षिक ऋण योजना की प्रगति पर विस्तार से समीक्षा की गई।
सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की गहन समीक्षा
बैठक में नाबार्ड योजनाओं, पीएलपी 2025–26, किशान क्रेडिट कार्ड, स्टैंड-अप इंडिया, आरसेटी की उपलब्धियों और एनपीए की स्थिति पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। उपायुक्त ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में डेयरी, मत्स्य पालन, बकरी पालन, सूअर पालन जैसे आजीविका उन्मुख गतिविधियों को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए बैंकर्स और संबंधित विभागों के बीच समन्वय बेहद जरूरी है।
बैंकर्स को लक्ष्य पूर्ण करने का स्पष्ट निर्देश
बैठक में पीएमईजीपी के लक्ष्य प्राप्ति को लेकर उपायुक्त ने सभी बैंकर्स को जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक के साथ समन्वय स्थापित करने को कहा। वार्षिक ऋण योजना के द्वितीय तिमाही की समीक्षा के दौरान उन्होंने बैंकों से अपने-अपने लक्ष्य शत-प्रतिशत प्राप्त करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए बैंकों की सक्रियता अत्यंत आवश्यक है।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना पर विशेष ध्यान
उपायुक्त ने बैठक के दौरान किसान क्रेडिट कार्ड योजना की प्रगति का मूल्यांकन किया और निर्देश दिया कि किसानों को समय पर केसीसी ऋण उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र की मजबूती जिले के समग्र विकास की नींव है, इसलिए केसीसी के माध्यम से किसानों को सुलभ ऋण उपलब्ध कराना प्राथमिकता है।
स्वयं सहायता समूहों की क्रेडिट लिकेज की समीक्षा
बैठक में SHG क्रेडिट लिकेज पर भी व्यापक चर्चा हुई। उपायुक्त ने एलडीएम को निर्देश दिया कि प्रत्येक बैंक में सप्ताह में एक दिन क्रेडिट लिकेज समाधान हेतु निर्धारित किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी आवेदन को रिसीव करने से पहले उसकी पूरी जांच की जाए, ताकि त्रुटियों की गुंजाइश न रहे। उन्होंने कहा कि क्रेडिट लिकेज की समस्या को खत्म करने से स्वयं सहायता समूहों की आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी।
बैंक उपसमिति की बैठकों में तेजी लाने का निर्देश
उपायुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि बैंकों की उपसमिति की बैठकें नियमित तौर पर आयोजित की जाएं, जिसमें जमा-साख अनुपात सुधारने की रणनीति तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि बैंकों के सहयोग से ही विकास योजनाओं को धरातल पर उतारा जा सकता है और जिले की प्रगति को दिशा मिल सकती है।
न्यूज़ देखो: विकास योजनाओं की गति पर असर डालने वाले बिंदुओं पर तीखी नजर
DLCC बैठक से साफ है कि जिला प्रशासन जमीन पर योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर बेहद गंभीर है। बैंकर्स और अधिकारियों को दिए गए निर्देश यह दर्शाते हैं कि सरकार की योजनाओं में गति लाना अब प्राथमिकता है। कृषि, पशुपालन और आजीविका से जुड़ी योजनाओं पर जोर देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में प्रशासन ने सकारात्मक संकेत दिए हैं।
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विकास की राह में भागीदारी जरूरी
गिरिडीह प्रशासन ने योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए जिस गंभीरता से समीक्षा की, वह जिला विकास के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अब जरूरत है कि बैंकर्स, विभागीय अधिकारी और आम नागरिक मिलकर योजनाओं को ज़मीन पर सफल बनाएं ताकि किसान, महिलाएं और युवा लाभान्वित हो सकें। आप भी अपने इलाके की योजनाओं की जानकारी रखें, अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को आगे बढ़ाकर जागरूकता फैलाएं।





