
#सिमडेगा #दुर्गा_पूजा : महासप्तमी की संध्या बेला में प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में पूजा पंडाल का हुआ शुभारंभ
- उपायुक्त कंचन सिंह और पुलिस अधीक्षक एम. अर्शी ने पंडाल का उद्घाटन किया।
- दोनों अधिकारियों ने मां दुर्गा के चरणों में शीश झुकाकर आशीर्वाद लिया।
- उपायुक्त ने कहा सालभर लोगों के प्रति सम्मान जरूरी है।
- अतिथियों का स्वागत मां की चुनरी से किया गया।
- कार्यक्रम में पूर्व मंत्री विमला प्रधान, ओम प्रकाश साहू और थाना प्रभारी रोहित कुमार रजक भी उपस्थित रहे।
सिमडेगा जिले में नवरात्र की महासप्तमी की संध्या विशेष रंगों में सराबोर रही, जब उपायुक्त श्रीमती कंचन सिंह और पुलिस अधीक्षक एम. अर्शी ने नगर भवन स्थित ओंकार दुर्गा पूजा समिति के भव्य पंडाल का फीता काटकर उद्घाटन किया। इस दौरान उपस्थित जनसमूह ने तालियों और जयकारों से स्वागत किया।
धार्मिक आस्था और प्रशासनिक उपस्थिति
उद्घाटन के पश्चात उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक ने मां दुर्गा के चरणों में शीश नवाकर जिलेवासियों की सुख-समृद्धि और शांति की मंगलकामना की। इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि नवरात्र सिर्फ नौ दिनों तक सीमित नहीं है, बल्कि हमें पूरे वर्ष भर मां भगवती के सभी रूपों में लोगों के प्रति सम्मान और करुणा की भावना रखनी चाहिए।
कंचन सिंह ने कहा: “हमें नवरात्र के 9 दिन ही नहीं, बल्कि वर्ष के 365 दिन मां भगवती के रूपों के प्रति सम्मान की भावना रखनी चाहिए।”
अतिथियों का स्वागत और पारंपरिक आयोजन
समिति की ओर से अध्यक्ष सोनी वर्मा और पदाधिकारियों ने अतिथियों का स्वागत मां की चुनरी भेंट कर किया। पूरा माहौल भक्ति और श्रद्धा से ओतप्रोत हो गया। पंडाल की सजावट और वातावरण ने उपस्थित श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी
कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण लोग मौजूद रहे। पूर्व मंत्री विमला प्रधान, ओम प्रकाश साहू, और थाना प्रभारी रोहित कुमार रजक की उपस्थिति ने आयोजन की गरिमा को और बढ़ा दिया।

न्यूज़ देखो: उत्सव में प्रशासन की सहभागिता
सिमडेगा में दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किया जाना दर्शाता है कि धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में समाज और प्रशासन एकजुट होकर सहभागिता निभा रहे हैं। इससे नागरिकों में विश्वास और सुरक्षा का माहौल बनता है।
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सांस्कृतिक परंपरा और सामाजिक एकता का प्रतीक
नवरात्र सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और आपसी सम्मान का प्रतीक भी है। ऐसे आयोजनों से समाज में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है और प्रशासन व जनता के बीच भरोसे की डोर मजबूत होती है। अब समय है कि हम सब इस भावना को आगे बढ़ाएं। अपनी राय कमेंट करें, खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें और इस उत्सव का संदेश समाज में फैलाएं।