
#कोडरमा #रेलविकास : जसीडीह-कोडरमा वाया चकाई रेल परियोजना अंतिम चरण में – फिजिबिलिटी रिपोर्ट को जल्द मिलेगी मंजूरी
- जसीडीह से कोडरमा वाया चकाई नई रेल लाइन परियोजना का सर्वे अंतिम चरण में पहुंचा।
- रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सांसद डॉ. निशिकांत दुबे को पत्र भेजकर दी जानकारी।
- फिजिबिलिटी स्टडी लगभग पूरी, रिपोर्ट को जल्द दी जाएगी मंजूरी।
- संताल परगना और अंग प्रदेश के पिछड़े इलाके होंगे सीधे रेल नेटवर्क से जुड़े।
- जसीडीह से रांची की दूरी लगभग 55 किलोमीटर घटेगी, यात्रा समय में बड़ी कमी।
जसीडीह से कोडरमा वाया चकाई नई रेल लाइन परियोजना अब अंतिम पड़ाव पर है। लंबे समय से प्रतीक्षित यह परियोजना अब “विकसित भारत 2047” के विजन के अनुरूप साकार होती नजर आ रही है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे को पत्र लिखकर बताया है कि इस रेल परियोजना की फिजिबिलिटी स्टडी (व्यवहार्यता अध्ययन) लगभग पूरी हो चुकी है और रिपोर्ट को जल्द ही स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।
संताल परगना और अंग प्रदेश के लिए नई उम्मीद
यह नई रेल लाइन संताल परगना और अंग प्रदेश के कई पिछड़े इलाकों को पहली बार सीधे रेल नेटवर्क से जोड़ेगी। अब तक इन क्षेत्रों के लोग रांची, पटना या कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों तक पहुंचने के लिए लंबी सड़क यात्रा पर निर्भर थे। नई लाइन के बन जाने से इन इलाकों के लोगों को रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं तक त्वरित पहुंच मिलेगी।
सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने कहा: “यह परियोजना आजादी से पहले से लंबित थी। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अब यह सपना हकीकत बनने जा रहा है। यह संताल परगना और अंग प्रदेश दोनों के लिए ऐतिहासिक पल है।”
क्षेत्रीय विकास को नई रफ्तार
इस नई रेल लाइन के पूरा हो जाने से गिरिडीह, चकाई, बटिया, सोन्हो और झाझा जैसे इलाकों को पहली बार रेल संपर्क मिलेगा। स्थानीय व्यापार, पर्यटन और कृषि क्षेत्र में नए अवसर पैदा होंगे। इससे जसीडीह और रांची के बीच की दूरी लगभग 55 किलोमीटर कम हो जाएगी, जिससे यात्रियों को समय और किराये दोनों में लाभ मिलेगा।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, सर्वे के बाद रिपोर्ट को जल्द ही रेलवे बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा और निर्माण कार्य के लिए बजट आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस लाइन के निर्माण से पूर्व-मध्य रेलवे और पूर्व-रेलवे जोन के बीच बेहतर संपर्क स्थापित होगा।
रेल मंत्रालय की प्राथमिकता में यह परियोजना
रेल मंत्रालय ने इस लाइन को अपनी प्राथमिक परियोजनाओं में शामिल किया है। इसके निर्माण से देवघर, गिरिडीह, कोडरमा और जमुई जिलों का संपर्क सीधे मध्य एवं उत्तर भारत के प्रमुख रेल मार्गों से होगा। विशेष रूप से कोडरमा के माध्यम से यह लाइन दिल्ली-हावड़ा मुख्य रेलखंड से जुड़ जाएगी, जिससे संताल परगना का देश के बाकी हिस्सों से रेल कनेक्शन मजबूत होगा।
न्यूज़ देखो: विकास की पटरी पर बढ़ता संताल परगना
जसीडीह-कोडरमा वाया चकाई रेल परियोजना सिर्फ एक लाइन नहीं, बल्कि संताल परगना के सामाजिक और आर्थिक विकास का प्रतीक है। यह उन इलाकों तक विकास की रेल पहुंचाएगी जो अब तक उपेक्षा का शिकार रहे। सांसद निशिकांत दुबे का प्रयास और रेल मंत्रालय की तत्परता यह संकेत देती है कि आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र का भूगोल और भाग्य दोनों बदलने वाले हैं।
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संताल परगना और अंग प्रदेश का रेल कनेक्शन भारत के विकास की धारा को और व्यापक बनाएगा। ऐसे प्रोजेक्ट सिर्फ रेल नहीं, बल्कि जीवन की दिशा बदलते हैं। अब समय है कि हम सब इस बदलाव के साक्षी बनें और जागरूक नागरिक के रूप में विकास कार्यों की निगरानी करें।
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