
#अरुणाचल #विधानसभाप्रतिनिधिमंडल
झारखंड के विधायकों ने अरुणाचल प्रदेश विधानसभा का दौरा कर स्थानीय नीति और नियोजन तंत्र को जाना
- तमाड़ विधायक विकास सिंह मुंडा के नेतृत्व में अरुणाचल दौरे पर झारखंड के विधायक
- डुमरी विधायक जयराम महतो और जामा विधायक लुईस मरांडी भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल
- अरुणाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने किया भव्य स्वागत
- स्थानीय नीति, नियोजन और आर्थिक स्रोतों पर हुई विस्तृत चर्चा
- 80/20 नियोजन नीति और भूमि खरीद नियमों की जानकारी साझा की गई
विधानसभा निर्देश पर नीति अध्ययन दौरा
झारखंड विधानसभा अध्यक्ष माननीय रविंद्रनाथ महतो जी के निर्देश पर झारखंड के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने अरुणाचल प्रदेश विधानसभा का दौरा किया। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व खाद्य आपूर्ति समिति के चेयरमैन और तमाड़ विधायक विकास सिंह मुंडा ने किया, उनके साथ जामा विधायक व पूर्व मंत्री श्रीमती लुईस मरांडी और डुमरी विधायक जयराम कुमार महतो भी शामिल रहे।
विधानसभा परिसर में हुआ आत्मीय स्वागत
अरुणाचल प्रदेश विधानसभा भवन पहुंचने पर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा झारखंड के प्रतिनिधिमंडल का आत्मीय स्वागत और सम्मान किया गया। इस दौरान दोनों राज्यों के बीच नीति, योजना और संसाधन प्रबंधन से जुड़े मुद्दों पर संवाद हुआ।
स्थानीय नियोजन नीति पर विस्तार से जानकारी
बैठक में अरुणाचल प्रदेश की स्थानीय नीति और नियोजन प्रणाली पर विशेष चर्चा हुई। अरुणाचल विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि—
“राज्य में 80/20 की नियोजन नीति लागू है। इसके तहत 80% नौकरियां स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित हैं। इसके अलावा बाहरी राज्यों के नागरिक यहां भूमि नहीं खरीद सकते हैं। यह कानून राज्य की सांस्कृतिक और आर्थिक संरचना की रक्षा के लिए बनाए गए हैं।”
ज्ञान और अनुभव का हुआ आदान-प्रदान
इस दौरे का उद्देश्य अन्य राज्यों की सफल नीतियों को समझना और झारखंड के लिए संभावित उपायों पर विचार करना रहा। प्रतिनिधिमंडल ने अरुणाचल की नीतियों के व्यावहारिक पहलुओं की जानकारी लेकर झारखंड में भी समान संरचनाओं पर विमर्श की संभावनाएं तलाशी।
न्यूज़ देखो: विधायकों का यह दौरा राज्य नीति में ला सकता है नई ऊर्जा
झारखंड के जनप्रतिनिधियों का यह अध्ययन दौरा भविष्य की नीति निर्माण में अहम भूमिका निभा सकता है। अन्य राज्यों के अनुभवों से सीखकर झारखंड को सामाजिक-आर्थिक दिशा में सशक्त किया जा सकता है। न्यूज़ देखो ऐसे रचनात्मक संवादों को सदैव मंच प्रदान करता रहेगा।
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नीति और संवाद से ही बनता है प्रगतिशील राज्य
जब जनप्रतिनिधि दूसरे राज्यों की योजनाओं से सीखने निकलते हैं, तो वह राज्य हित में दूरदर्शिता का परिचायक होता है। झारखंड को नीति और नियोजन के स्तर पर सशक्त करने के लिए ऐसे अध्ययन यात्राएं बेहद उपयोगी हैं।