
#मेदिनीनगर #पेसा_नियमावली : ग्राम सभा को मिले वास्तविक अधिकार, आदिवासी स्वशासन की दिशा में बड़ा कदम
- झारखंड कैबिनेट ने पेसा नियमावली को दी स्वीकृति।
- अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा होगी और अधिक सशक्त।
- जल, जंगल और जमीन से जुड़े आदिवासी अधिकारों को मिलेगी कानूनी सुरक्षा।
- सहभागी लोकतंत्र और ग्राम स्वराज को मिलेगा नया आधार।
- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में आदिवासी स्वशासन को मिला सम्मान।
महागठबंधन सरकार ने झारखंड के आदिवासी समाज और अनुसूचित क्षेत्रों के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए पेसा (PESA) नियमावली को झारखंड कैबिनेट से मंजूरी दे दी है। यह फैसला ग्राम सभा को वास्तविक अधिकार प्रदान करने, स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने और आदिवासी समाज के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक मील का पत्थर माना जा रहा है। लंबे समय से चली आ रही आदिवासी समाज की मांगों को इस निर्णय से ठोस समाधान मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
पेसा नियमावली की स्वीकृति के साथ ही आदिवासी समाज के जल, जंगल और जमीन से जुड़े अधिकारों को कानूनी संरक्षण प्राप्त होगा। यह निर्णय न केवल प्रशासनिक सुधार की दिशा में अहम है, बल्कि इससे उन समुदायों को आत्मनिर्णय का अधिकार भी मिलेगा, जो वर्षों से अपनी परंपराओं और संसाधनों की रक्षा के लिए संघर्ष करते रहे हैं।
ग्राम सभा को मिलेगी निर्णायक भूमिका
पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन से झारखंड में सहभागी लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी। अब ग्राम सभा विकास योजनाओं के चयन, क्रियान्वयन, प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन से जुड़े निर्णयों में निर्णायक भूमिका निभा सकेगी। इससे ग्राम स्तर पर पारदर्शिता बढ़ेगी और स्थानीय नेतृत्व को सशक्त आधार मिलेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि पेसा नियमावली से ग्राम स्वराज की अवधारणा को वास्तविक स्वरूप मिलेगा। स्थानीय जरूरतों के अनुरूप योजनाएं बनने से विकास अधिक समावेशी होगा और उसका लाभ सीधे ग्रामीणों तक पहुंचेगा।
वादों से आगे, धरातल पर बदलाव
महागठबंधन सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय इस बात का संकेत है कि सरकार केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि जमीनी स्तर पर बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है। पेसा नियमावली की मंजूरी से यह स्पष्ट संदेश गया है कि आदिवासी अधिकार, परंपराएं और स्वशासन सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल हैं।
मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद को बधाई
इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता हृदयानंद मिश्रा ने माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्य मंत्रिपरिषद को हृदय से बधाई एवं जोहार दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आदिवासी समाज को उसका वास्तविक सम्मान और अधिकार मिला है, जिसके वे लंबे समय से हकदार रहे हैं।
हृदयानंद मिश्रा ने इसे आदिवासी स्वाभिमान, सामाजिक न्याय और संवैधानिक मूल्यों की जीत करार दिया। उनका कहना है कि यह फैसला आने वाली पीढ़ियों के लिए न्यायपूर्ण, सहभागी और सशक्त शासन की मजबूत नींव रखेगा।

न्यूज़ देखो: पेसा से बदलेगा झारखंड का ग्राम शासन
पेसा नियमावली की मंजूरी झारखंड के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में शासन व्यवस्था को नई दिशा देगी। ग्राम सभा की बढ़ती ताकत से नीतियों में स्थानीय सहभागिता सुनिश्चित होगी।
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