
#रांची #CGLपरीक्षा पेपर लीक – नेपाल के वीरगंज में अभ्यर्थियों को पढ़ाया गया प्रश्नपत्र, CID ने डिजिटल ट्रांजेक्शन के सुराग से जोड़े तार
- नेपाल के वीरगंज में हुआ था पेपर और उत्तर का रट्टा अभ्यास
- एक अभ्यर्थी ने 14 दिसंबर को भेजे 50 हजार रुपये
- ट्रांजेक्शन गूगल पे से मोबाइल नंबर पर किया गया
- गिरफ्तार आरोपियों ने CID को दी नेपाल ट्रिप की जानकारी
- जेएसएससी की CGL परीक्षा 21-22 सितंबर को आयोजित हुई थी
- CID की जांच में अब अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से भी हो सकता है समन्वय
नेपाल में रची गई थी सुनियोजित साजिश
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की बहुप्रतीक्षित CGL परीक्षा से जुड़े पेपर लीक मामले में एक चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। CID की जांच में यह खुलासा हुआ है कि अभ्यर्थियों को नेपाल के वीरगंज ले जाकर पेपर और उत्तर याद कराए गए थे। यह तैयारी परीक्षा से ठीक दो-तीन दिन पहले यानी 19 से 21 सितंबर के बीच की गई थी।
गूगल पे ट्रांजेक्शन ने खोला पेपर लीक का राज
जांच में 14 दिसंबर को एक अभ्यर्थी द्वारा गूगल पे से एक मोबाइल नंबर पर 50 हजार रुपये भेजने का रिकॉर्ड सामने आया है। यह भुगतान पेपर लीक के बदले में किया गया था। अब इस मोबाइल नंबर के माध्यम से पूरा नेटवर्क खंगाला जा रहा है। CID ने इस डिजिटल ट्रांजेक्शन को महत्वपूर्ण सबूत मानते हुए आगे की जांच में शामिल किया है।
“हमारे पास जो डेटा और ट्रांजेक्शन डिटेल्स आए हैं, उससे यह स्पष्ट होता है कि नेपाल में इस पूरे रैकेट की प्लानिंग की गई थी।”
— सीआईडी अधिकारी
गिरफ्तार आरोपियों ने किए अहम खुलासे
CID को पहले से गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ में नेपाल यात्रा की पुष्टि मिली थी। आरोपियों ने माना कि वे अभ्यर्थियों को सीमा पार ले गए थे, जहां उन्हें सुनियोजित तरीके से प्रश्न और उत्तर रटवाए गए। यह स्पष्ट करता है कि यह केवल राज्य नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित रैकेट हो सकता है।
सीआईडी कांड संख्या 1/2025 बना पेपर लीक केस की नींव
झारखंड CID द्वारा दर्ज सीआईडी थाना कांड संख्या 1/2025 के तहत इस पूरे प्रकरण की जांच जारी है। यह मामला राज्य में सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं की पारदर्शिता को गहरे सवालों में डालता है। अब जांच एजेंसी अन्य डिजिटल ट्रांजेक्शन, कॉल डिटेल्स और पासपोर्ट मूवमेंट की भी समीक्षा कर रही है।
अभ्यर्थियों की उम्मीदों पर फिरा पानी
21 और 22 सितंबर को आयोजित CGL परीक्षा में लाखों युवाओं ने भाग लिया था, जिनमें से कई अब इस पेपर लीक के कारण मानसिक तनाव और भविष्य की अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं। छात्रों और अभिभावकों ने सरकार से परीक्षा को रद्द कर दोबारा आयोजन कराने की मांग की है।
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