
#चंदवा #मजदूर_आंदोलन : चंदवा में आयोजित झारखंड दैनिक मज़दूर यूनियन की विस्तारित बैठक में स्थापना दिवस, सदस्यता अभियान और मजदूर अधिकारों को लेकर अहम निर्णय लिए गए।
- चंदवा स्थित यूनियन कार्यालय स्व. रामजतन भवन में विस्तारित बैठक का आयोजन।
- बैठक की अध्यक्षता साथी जीतवाहन मुंडा ने की।
- शैलेश कुमार के आकस्मिक निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि।
- 21 नवंबर 2025 से लागू चार लेबर कोड को बताया गया मजदूर विरोधी।
- 11 जनवरी 2026 को यूनियन का स्थापना दिवस मनाने का निर्णय।
- 1 जनवरी से 28 फरवरी तक सदस्यता अभियान चलाने की घोषणा।
लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड में झारखंड दैनिक मज़दूर यूनियन की एक महत्वपूर्ण विस्तारित बैठक शुक्रवार 12 दिसंबर 2025 को आयोजित की गई। यह बैठक चंदवा स्थित यूनियन कार्यालय स्व. रामजतन भवन में संपन्न हुई, जिसमें जिले और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में यूनियन से जुड़े साथी उपस्थित हुए। बैठक का उद्देश्य संगठन की आगामी रणनीति, मजदूर हितों से जुड़े मुद्दों और कार्यक्रमों पर सामूहिक चर्चा करना रहा।
शैलेश कुमार को भावपूर्ण श्रद्धांजलि
बैठक की शुरुआत भारतीय जन नाट्य संघ इप्टा के पूर्व पलामू जिला अध्यक्ष एवं मजदूर आंदोलन के सक्रिय साथी शैलेश कुमार के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए की गई। सभी उपस्थित सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत साथी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
यूनियन की ओर से कहा गया कि शैलेश कुमार का मजदूर आंदोलन और सांस्कृतिक जगत से गहरा और जीवनपर्यंत जुड़ाव रहा। वे मजदूरों की आवाज को जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे। उनका असामयिक निधन मजदूर आंदोलन और समाज के लिए अपूरणीय क्षति है।
चार लेबर कोड पर तीखी प्रतिक्रिया
बैठक को संबोधित करते हुए यूनियन अध्यक्ष प्रमोद साहू ने केंद्र सरकार द्वारा 21 नवंबर 2025 को लागू किए गए चार लेबर कोड की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि इन लेबर कोड के माध्यम से पुराने 29 श्रम कानूनों को समाप्त कर दिया गया है, जो वर्षों से मजदूरों को सुरक्षा और अधिकार प्रदान करते थे।
यूनियन अध्यक्ष प्रमोद साहू ने कहा: “चार लेबर कोड मजदूरों के अधिकारों पर आजादी के बाद का सबसे बड़ा हमला है। यह व्यवस्था पूंजीपतियों को खुली छूट देती है और मजदूरों की नौकरी, मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा को खतरे में डालती है।”
उन्होंने मजदूरों से आह्वान किया कि वे अपने हक, सम्मान और रोजगार की सुरक्षा के लिए एकजुट हों और संगठित संघर्ष को और तेज करें।
स्थापना दिवस और सदस्यता अभियान का निर्णय
बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि झारखंड दैनिक मज़दूर यूनियन का स्थापना दिवस 11 जनवरी 2026 को मनाया जाएगा। इस अवसर पर संगठन की उपलब्धियों, संघर्षों और भविष्य की रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
इसके साथ ही संगठन को मजबूत करने के उद्देश्य से 1 जनवरी से 28 फरवरी 2026 तक एक व्यापक सदस्यता अभियान चलाने का फैसला लिया गया। अभियान के तहत अधिक से अधिक दैनिक मजदूरों, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और युवाओं को यूनियन से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
मजदूर एकता पर दिया गया विशेष जोर
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि मौजूदा समय में मजदूर वर्ग पर बढ़ते हमलों को देखते हुए संगठन की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है। यूनियन के विस्तार, सक्रिय सदस्यता और जमीनी स्तर पर संघर्ष को मजबूत किए बिना मजदूरों के अधिकारों की रक्षा संभव नहीं है।
सदस्यों ने सुझाव दिया कि गांव और कार्यस्थल स्तर पर बैठकें आयोजित कर मजदूरों को उनके अधिकारों, कानूनों और यूनियन की भूमिका से अवगत कराया जाए।
बड़ी संख्या में सदस्य रहे उपस्थित
इस विस्तारित बैठक में यूनियन के कई वरिष्ठ और सक्रिय सदस्य मौजूद रहे। प्रमुख रूप से उपस्थित सदस्यों में—
ओमप्रकाश गुप्ता, माखन प्रसाद चौरसिया, संजय कुमार, संजय गोप, मछिंद्र लोहार, बाबूलाल गंझू, धनेश्वर तुरी, रविंद्र भोक्ता, रथु गंझू, अजय कुमार, रामकिशोर भगत, सनोज लोहार, आह्लाद यादव, नंदलाल सिंह भोक्ता, बालेश्वर गंझू, सुरेश बासपती, मानकु गंझू, प्रमोद टोप्पो, हिंदू भूषण रजक, टिक्का गंझू समेत कई अन्य साथी शामिल रहे।
सभी सदस्यों ने संगठन को मजबूत करने और मजदूर हितों की लड़ाई को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
उत्साहपूर्ण माहौल में संपन्न हुई बैठक
बैठक के अंत में संगठन की एकजुटता और सक्रियता पर संतोष व्यक्त किया गया। वक्ताओं ने कहा कि आने वाला समय चुनौतियों से भरा है, लेकिन मजबूत संगठन और एकजुट संघर्ष के माध्यम से मजदूर अपने अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं। बैठक उत्साह, संकल्प और नई ऊर्जा के साथ संपन्न हुई।
न्यूज़ देखो: मजदूर आवाज को संगठित करने की कोशिश
चंदवा में हुई यह बैठक साफ दिखाती है कि झारखंड दैनिक मज़दूर यूनियन मजदूर हितों को लेकर लगातार सक्रिय है। लेबर कोड जैसे मुद्दों पर खुलकर चर्चा और संगठन विस्तार के निर्णय यह संकेत देते हैं कि यूनियन आने वाले समय में आंदोलन को और धार दे सकती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
संगठित मजदूर ही सुरक्षित मजदूर
जब मजदूर संगठित होते हैं, तभी उनके अधिकार सुरक्षित रहते हैं। झारखंड दैनिक मज़दूर यूनियन का यह प्रयास मजदूर एकता को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
अब जरूरत है कि अधिक से अधिक मजदूर इस अभियान से जुड़ें और अपने हक की लड़ाई में सहभागी बनें।
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