
#महुआडांड #झारखंडदिवस : संत जेवियर्स कॉलेज में चार दिवसीय सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक कार्यक्रमों के साथ झारखंड की अस्मिता और संस्कृति का भव्य उत्सव आयोजित।
- संत जेवियर्स कॉलेज महुआडांड़ में झारखंड स्थापना दिवस समारोह गरिमा के साथ संपन्न हुआ।
- कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज गीत व लोकगीत से हुई—परिसर में उत्सव का माहौल।
- मुख्य अतिथि रामचंद्र सिंह (विधायक, मनिका) ने युवाओं को शिक्षा, तकनीक व सामाजिक जागरूकता में अग्रसर होने को प्रेरित किया।
- प्राचार्य डॉ. फादर एम. के. जोस ने झारखंड दिवस को संघर्ष और अस्मिता की यात्रा का प्रतीक बताया।
- पेंटिंग, भाषण, निबंध, क्विज़, कॉलाज, वाद-विवाद सहित चार दिनों तक विविध प्रतियोगिताएँ आयोजित हुईं।
- झारखंडी लोकनृत्य और गीत-संगीत की प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
संत जेवियर्स कॉलेज, महुआडांड़ में झारखंड स्थापना दिवस का समारोह इस वर्ष विशेष उत्साह, सांस्कृतिक विविधता और भव्यता के साथ मनाया गया। समारोह की शुरुआत कॉलेज गीत और पारंपरिक लोकगीत से हुई, जिससे पूरा परिसर उत्सव के रंग में रंग गया। छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और अतिथियों की उपस्थिति में कार्यक्रम का वातावरण ऊर्जा और उल्लास से भर गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मनिका विधायक रामचंद्र सिंह ने कहा कि झारखंड की पहचान उसकी आदिवासी संस्कृति, प्राकृतिक सौंदर्य और संघर्ष की विरासत में है। उन्होंने युवाओं को शिक्षा, तकनीक, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक जागरूकता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की प्रेरणा दी।
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. फादर एम. के. जोस ने अपने संबोधन में कहा कि झारखंड दिवस केवल राजनीतिक उपलब्धि का उत्सव नहीं, बल्कि यह संघर्ष, अस्मिता, आत्मसम्मान और सामूहिक पहचान की लंबी यात्रा का प्रतीक है। उन्होंने प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को सराहते हुए बताया कि ऐसे आयोजन नेतृत्व क्षमता, रचनात्मकता और आत्मविश्वास विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
चार दिवसीय प्रतियोगिताएँ—विद्यार्थियों में उत्साह और शानदार सहभागिता
कॉलेज परिसर में लगातार चार दिनों तक पेंटिंग, भाषण, निबंध लेखन, क्विज़, कॉलाज और वाद-विवाद जैसी प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं। इन प्रतियोगिताओं में कॉलेज के विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया।
इन गतिविधियों ने विद्यार्थियों में न केवल प्रतिस्पर्धात्मक भावना को बढ़ावा दिया, बल्कि झारखंड की सांस्कृतिक अस्मिता और इतिहास को समझने के लिए भी प्रेरित किया।
झारखंडी लोकनृत्य—संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन
कार्यक्रम में आयोजित झारखंडी लोकनृत्य और गीत-संगीत की रंगारंग प्रस्तुतियों ने दर्शकों का दिल जीत लिया। पारंपरिक डांस, ढोल-मांदर की धुनें और स्थानीय कला की झलक ने समारोह को और भी भव्य बना दिया।
शिक्षकों, विद्यार्थियों और अतिथियों के सामूहिक सहयोग से यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ और झारखंड की गौरवशाली संस्कृति, इतिहास और संघर्ष की यात्रा का सम्मानपूर्वक उत्सव मनाया गया।
न्यूज़ देखो: शिक्षा और संस्कृति का सुंदर संगम
संत जेवियर्स कॉलेज का यह आयोजन दर्शाता है कि जब शिक्षा और संस्कृति साथ चलें, तब विद्यार्थियों में मूल्य, जागरूकता और नेतृत्व क्षमता और अधिक निखरती है। झारखंड दिवस जैसे आयोजनों से युवा अपनी जड़ों से जुड़ते हैं और समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना मजबूत होती है।
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संस्कृति की पहचान—युवा शक्ति की जिम्मेदारी
झारखंड की समृद्ध संस्कृति और संघर्ष की विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है। इस विरासत को समझना, संजोना और आगे बढ़ाना हर युवा की जिम्मेदारी है। आइए, ऐसे आयोजनों से मिली सीख को जीवन में उतारें और समाज के विकास में सक्रिय भूमिका निभाएं।
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