Gumla

घाघरा प्रखंड में ‘रन ऑफ झारखंड’ के साथ झारखंड स्थापना दिवस उत्सव का आगाज़

Join News देखो WhatsApp Channel
#गुमला #झारखंडस्थापनादिवस : बिरसा मुंडा जयंती और रजत जयंती पर छात्रों और ग्रामीणों ने उत्साह से लगाई दौड़
  • घाघरा प्रखंड में झारखंड स्थापना दिवस के 25वें वर्षगांठ और बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर उत्सव का शुभारंभ।
  • कार्यक्रम की शुरुआत “रन ऑफ झारखंड” से हुई, जिसे प्रखंड विकास पदाधिकारी दिनेश कुमार और बीपीओ पुष्पा टोप्पो ने हरी झंडी दिखाकर शुरू किया।
  • बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं, शिक्षक, सरकारी कर्मी और ग्रामीण शामिल हुए।
  • दौड़ के माध्यम से दी गई एकता, संस्कृति और विकास की प्रेरणा।
  • 15 नवंबर तक चलेगा सांस्कृतिक, खेलकूद और जनजागरूकता कार्यक्रमों का सिलसिला

गुमला जिले के घाघरा प्रखंड में मंगलवार को झारखंड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती और धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर कार्यक्रमों की भव्य शुरुआत हुई।
इस दौरान पूरे क्षेत्र में जनभागीदारी और उत्सव का माहौल रहा।
स्थानीय प्रशासन और स्कूलों के सहयोग से “रन ऑफ झारखंड” कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य राज्य की गौरवशाली परंपरा, एकता और विकास की भावना को आगे बढ़ाना था।

रन ऑफ झारखंड से हुआ उत्सव का शुभारंभ

कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातः 8 बजे घाघरा प्रखंड मुख्यालय से हुआ।
प्रखंड विकास पदाधिकारी दिनेश कुमार और बीपीओ पुष्पा टोप्पो ने झंडा दिखाकर रैली को रवाना किया।
इस मौके पर बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं, शिक्षक, सरकारी कर्मचारी और ग्रामीण शामिल हुए।
दौड़ के दौरान प्रतिभागियों ने झारखंडी संस्कृति, विकास और एकता के नारे लगाए —
हमारा झारखंड, हमारी पहचान”, “धरती आबा का राज्य महान”।

प्रतिभागियों में उत्साह का आलम ऐसा था कि छोटे बच्चे से लेकर वरिष्ठ नागरिक तक दौड़ में शामिल हुए।
रैली घाघरा बाजार और आस-पास के इलाकों से गुजरते हुए पंचायत मैदान में संपन्न हुई।

एकता, संस्कृति और विकास का संदेश

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य झारखंड के गौरवशाली इतिहास और आदिवासी नायकों के योगदान को याद करना था।
साथ ही राज्य निर्माण की भावना को जन-जन तक पहुंचाना रहा।
कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों ने कहा कि झारखंड की आत्मा उसकी विविध संस्कृति और मेहनतकश जनता में बसती है, और ऐसे कार्यक्रम उस एकता को और मजबूत बनाते हैं।

बीडीओ दिनेश कुमार ने कहा: “धरती आबा बिरसा मुंडा के सपनों का झारखंड तभी साकार होगा जब हर नागरिक विकास और एकता के पथ पर साथ चले।”

बीपीओ पुष्पा टोप्पो ने कहा: “इस दौड़ का मकसद न केवल शारीरिक फिटनेस बढ़ाना है, बल्कि समाज में जागरूकता और एकजुटता का संदेश देना भी है।”

15 नवंबर तक विविध कार्यक्रमों की रूपरेखा

स्थानीय प्रशासन द्वारा 15 नवंबर तक कई कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई है।
इनमें सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं, खेलकूद आयोजन, जनजागरूकता अभियान और ग्रामीण प्रतिभाओं का सम्मान समारोह शामिल है।
इन सभी कार्यक्रमों का उद्देश्य झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजना और राज्य के विकास पथ में नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करना है।

न्यूज़ देखो: रजत जयंती पर दौड़ती झारखंडी एकता

झारखंड की स्थापना दिवस पर आयोजित “रन ऑफ झारखंड” न सिर्फ एक खेल आयोजन था, बल्कि यह राज्य के लोगों की एकजुटता, संस्कृति और आत्मगौरव का प्रतीक बन गया।
घाघरा जैसे ग्रामीण क्षेत्र में इस स्तर की भागीदारी यह साबित करती है कि झारखंड की नई पीढ़ी अपनी जड़ों से जुड़ी हुई है और विकास की दिशा में आगे बढ़ रही है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

झारखंड की दौड़ — एकता और विकास की ओर

धरती आबा के सपनों का झारखंड तब बनेगा जब हम सब एकजुट होकर इसे आगे बढ़ाने में योगदान देंगे।
हर नागरिक अपने स्तर पर राज्य की तरक्की में भागीदार बने, यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी बिरसा मुंडा को।
आइए, इस स्थापना दिवस पर हम सब झारखंड को ऊर्जा, एकता और प्रगति की ओर ले जाने का संकल्प लें।
अपनी राय कमेंट करें, खबर शेयर करें और झारखंड की इस प्रेरक यात्रा को सब तक पहुंचाएं।

📥 Download E-Paper

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

1000264265
IMG-20250925-WA0154
IMG-20251017-WA0018
IMG-20250610-WA0011
IMG-20250723-WA0070
IMG-20250604-WA0023 (1)

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Related News

ये खबर आपको कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया दें

Back to top button
error: