
#बगोदर #धरना_विरोध : JLKM ने कहा—जनशिकायतों का समय पर निष्पादन न होने से कार्यक्रम हो रहा है बेअसर
- 20 नवंबर को बगोदर बस पड़ाव में JLKM द्वारा शांतिपूर्ण सांकेतिक धरना प्रस्तावित।
- धरना की सूचना हेतु उपायुक्त गिरिडीह के नाम आवेदन एसडीओ बगोदर-सरिया को सौंपा गया।
- JLKM का आरोप—सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में शिकायतों का समाधान नहीं, जनता के भरोसे पर आघात।
- दो मुख्य मांगें—समाधान की अंतिम तिथि और लापरवाह अधिकारियों पर प्राथमिकी का प्रावधान।
- आवेदन उमेश कुमार महतो द्वारा 18 नवंबर 2025 को प्रस्तुत किया गया।
गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड एवं अंचल कार्यालय परिसर में झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) ने आगामी 20 नवंबर को सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के विरोध में सांकेतिक धरना आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में JLKM प्रतिनिधि उमेश कुमार महतो ने दिनांक 18/11/2025 को एक विस्तृत आवेदन उपायुक्त गिरिडीह के नाम अनुमंडल पदाधिकारी बगोदर-सरिया को सौंपकर प्रशासन को औपचारिक रूप से सूचित किया। JLKM का कहना है कि वर्षों से चल रहे सरकार आपके द्वार शिविरों में जनता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों का समाधान समय पर नहीं हो रहा, जिससे कार्यक्रम अपनी सार्थकता खो रहा है और आम नागरिकों के विश्वास को चोट पहुंचा रहा है।
JLKM ने उठाए गंभीर सवाल
आवेदन में JLKM ने कहा है कि सरकार से लेकर स्थानीय प्रशासन तक बार-बार इस कार्यक्रम का आयोजन तो कराते हैं, परंतु वास्तविक समस्या निवारण की गति बेहद धीमी रहती है। उनका आरोप है कि शिकायतें, सुझाव और जनसमस्याएँ वर्षों तक लंबित रहती हैं, जिससे यह कार्यक्रम “जनभावनाओं के साथ मज़ाक” जैसा प्रतीत होता है। JLKM का कहना है कि जब तक शिकायतों के समाधान की प्रक्रिया समयबद्ध नहीं होगी, तब तक यह कार्यक्रम सिर्फ औपचारिकता रहेगा।
धरने का उद्देश्य और पृष्ठभूमि
20 नवंबर को प्रस्तावित JLKM का यह शांतिपूर्ण धरना बगोदर बस पड़ाव में आयोजित होगा। इसका मुख्य उद्देश्य जनता की आवाज़ प्रशासन तक मजबूती से पहुंचाना और शिकायतों के समाधान के लिए एक स्पष्ट समय सीमा तय करवाना है। JLKM की प्रखंड इकाई का कहना है कि वे किसी प्रकार की अव्यवस्था नहीं चाहते, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित करना चाहते हैं।
JLKM की प्रमुख मांगें
1. शिकायतों के समाधान की अंतिम तिथि अनिवार्य हो
पार्टी ने मांग की है कि 21 नवंबर 2025 से शुरू होने वाले सरकार आपके द्वार शिविर से दर्ज होने वाली प्रत्येक शिकायत के समाधान के लिए एक स्पष्ट अंतिम तिथि तय की जाए। JLKM का कहना है कि बिना डेडलाइन के न तो समाधान होता है और न ही संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय होती है।
2. समय पर निष्पादन न करने वाले अधिकारी पर प्राथमिकी दर्ज हो
दूसरी मांग में JLKM ने कहा है कि यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर समाधान नहीं होता, तो संबंधित अधिकारी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(घ) एवं भारतीय न्याय संहिता की धारा 255, 256, 257 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाए। JLKM का मानना है कि जब तक कानूनी जिम्मेदारी तय नहीं होगी, तब तक लापरवाही पर रोक लगाना मुश्किल है।
आवेदन देने वाले प्रतिनिधि
यह आवेदन JLKM की ओर से
उमेश कुमार महतो
जीरो नंबर: 62015/78702
द्वारा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक समाधान प्रक्रिया मजबूत नहीं की जाती, पार्टी विरोध के माध्यम से जनता की बात उठाती रहेगी।
स्थानीय स्तर पर संभावित प्रभाव
बगोदर क्षेत्र में लंबे समय से पेंशन, राशन, भूमि विवाद, आवास और योजनाओं से जुड़ी कई शिकायतें लंबित हैं। ऐसे में JLKM का यह कदम स्थानीय लोगों की भावनाओं से जुड़ा माना जा रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह आंदोलन प्रशासन और सरकार दोनों पर समाधान प्रक्रिया तेज करने का दबाव बढ़ाएगा।
न्यूज़ देखो: जवाबदेही के बिना जनकल्याण कार्यक्रम अधूरे
यह घटना बताती है कि केवल योजनाएं घोषित करने से व्यवस्था नहीं सुधरती—उनके प्रभावी क्रियान्वयन की भी जिम्मेदारी तय करनी होती है। सरकार आपके द्वार जैसे कार्यक्रम तभी सफल हो सकते हैं जब जनता की शिकायतें समय पर हल हों। JLKM का यह कदम प्रशासन को वास्तविकता के आईने में झांकने के लिए मजबूर करता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जनता की जागरूकता ही असली बदलाव की कुंजी
जब जनता अपनी समस्याओं को लेकर एकजुट होती है, तो प्रशासन भी सक्रिय होना पड़ता है। बगोदर में जनता और संगठनों की यह पहल स्पष्ट करती है कि अब लोग अधिकारों को लेकर समझदार और सजग हैं।
आइए, हम भी इस जागरूकता का हिस्सा बनें—अपनी समस्याएं दर्ज कराएं, उनके समाधान की मांग करें और प्रशासन को जवाबदेह बनाएं।
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