
#घाटशिला #उपचुनाव_परिणाम : कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना जारी, 18वें राउंड बाद स्पष्ट बढ़त के साथ नतीजे अंतिम चरण में।
- मतगणना 20 राउंड में हो रही है और स्थल पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था।
- 15 टेबल और 45 सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में पूरी प्रक्रिया संचालित।
- उपचुनाव में कुल 13 प्रत्याशी मैदान में।
- 18 राउंड पूरे होते ही नतीजों की तस्वीर साफ होने लगी।
- जीत का अंतर अब हजारों मतों तक पहुंच चुका है।
घाटशिला उपचुनाव की मतगणना सोमवार सुबह से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हुई। पूरे मतगणना स्थल पर तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है और बिना पास किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है। 20 राउंड की गिनती के लिए 15 टेबल लगाए गए हैं और पूरी प्रक्रिया 45 सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में संपन्न हो रही है। उपचुनाव में कुल 13 प्रत्याशियों के भविष्य का फैसला ईवीएम में बंद था और सुबह से ही प्रत्याशियों व समर्थकों में उत्सुकता बनी हुई थी।
18 राउंड की गिनती पूरी, साफ हुई तस्वीर
मतगणना के 18 राउंड पूरे होते ही नतीजों की तस्वीर लगभग साफ हो गई। इतने राउंड की गिनती पूरी होने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी सोमेश चंद्र सोरेन निर्णायक बढ़त बना चुके हैं। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार उन्हें अब तक 94,351 वोट मिल चुके हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन 59,703 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर हैं।
जीत का अंतर बढ़ा, अब सिर्फ औपचारिक घोषणा बाकी
18 राउंड की गिनती के बाद स्पष्ट हो गया है कि उपचुनाव में मुख्य मुकाबला जेएमएम और बीजेपी के बीच रहा। लेकिन चुनावी गणित के अनुसार सोमेश चंद्र सोरेन की जीत अब सिर्फ औपचारिक घोषणा भर रह गई है। शेष राउंड में भी नतीजों के रुझान में बदलाव की संभावना बेहद कम है।
मतगणना स्थल पर कड़ी निगरानी और सख्त प्रोटोकॉल
प्रशासन ने मतगणना स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया है। सीसीटीवी कैमरों के लाइव मॉनिटरिंग रूम से हर टेबल पर चल रही मतगणना पर निगरानी रखी जा रही है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए सभी मानकों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है।
न्यूज़ देखो: मतगणना में बढ़त जितनी स्पष्ट, लोकतंत्र उतना ही सशक्त
घाटशिला उपचुनाव की मतगणना में जिस तरह रुझान साफ है, वही लोकतंत्र की मजबूती को भी दर्शाता है। जनता ने अपना फैसला स्पष्ट दिया है और अब प्रशासन की जिम्मेदारी है कि परिणामों की घोषणा शांति और पारदर्शिता के साथ पूरी की जाए।
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