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जूनियर कैम्ब्रिज स्कूल सिमडेगा में स्वर्ण जयंती वर्ष पर भव्य स्कूल डे समारोह का आयोजन

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#सिमडेगा #शिक्षा_उत्सव : जूनियर कैम्ब्रिज स्कूल ने मनाया स्वर्ण जयंती वर्ष का गौरवशाली स्कूल डे – बच्चों की शानदार प्रस्तुतियों और अतिथियों के प्रेरक संदेशों से गूंजा समारोह
  • जूनियर कैम्ब्रिज स्कूल, सिमडेगा में स्वर्ण जयंती वर्ष पर भव्य स्कूल डे समारोह का आयोजन हुआ।
  • कार्यक्रम का शुभारंभ 51 दीपों के प्रज्वलन और पुष्पांजलि के साथ हुआ।
  • विद्यार्थियों ने नृत्य, नाटक और फैंसी ड्रेस के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
  • प्रधानाचार्य प्रभा केरकेट्टा ने संस्थापक स्व. शीतल प्रसाद जी को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
  • मुख्य अतिथि डॉ. पद्मराज और विशिष्ट अतिथि साध्वी वसुंधरा ने शिक्षा के समग्र विकास पर विचार रखे।

सिमडेगा के प्रतिष्ठित जूनियर कैम्ब्रिज स्कूल में स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में विद्यालय प्रांगण रंग, रोशनी और उत्साह से जगमगा उठा। विद्या वनस्थली शिक्षा समिति द्वारा संचालित और लीड के सहयोग से आयोजित इस समारोह में विद्यार्थियों ने अपनी कला और संस्कारों की मनमोहक झलक प्रस्तुत की। कार्यक्रम का शुभारंभ पुष्पांजलि और 51 दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें सभी अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर विद्यालय की प्रगति और उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

मंच पर झलका प्रतिभा और संस्कृति का संगम

कार्यक्रम की शुरुआत पैंकी नृत्य से हुई, जिसने पूरे वातावरण में उमंग भर दी। इसके बाद विद्यार्थियों ने फैंसी ड्रेस शो प्रस्तुत किया, जिसमें बच्चों ने विभिन्न चरित्रों का जीवंत अभिनय कर सभी का मन मोह लिया। नाटक ‘मोबाइल बुरी बला’ ने समाज में बढ़ते मोबाइल के दुष्प्रभाव का सशक्त संदेश दिया, जबकि ‘संस्कार का महत्व’ पर आधारित नाट्य प्रस्तुति ने अभिभावकों को बच्चों के जीवन मूल्यों की अहमियत की याद दिलाई।

देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत ‘भारत की बेटी’ और सौंदर्य से भरे ‘मैंने कहा फूलों से’ पर हुए नृत्यों ने समारोह को और भी विशेष बना दिया। कार्यक्रम के समापन में प्रस्तुत नागपुरी नृत्य ने पूरे वातावरण को झूमने पर मजबूर कर दिया।

संस्थापक के सपनों को साकार कर रहा विद्यालय

प्रधानाचार्य प्रभा केरकेट्टा ने विद्यालय के संस्थापक दिवंगत शीतल प्रसाद जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्हीं की दूरदर्शिता और समर्पण से विद्यालय की मजबूत नींव पड़ी। उन्होंने कहा कि “उनका अनुशासन, दृष्टिकोण और समर्पण आज भी हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।”

मुख्य अतिथि डॉ. पद्मराज ने कहा कि सच्ची शिक्षा वही है जो शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक चारों दिशाओं में व्यक्ति का विकास करे। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे इन चारों पहलुओं में संतुलन बनाकर जीवन में सफलता प्राप्त करें।

डॉ. पद्मराज ने कहा: “शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान प्राप्त करना नहीं, बल्कि जीवन को सुंदर, संतुलित और उपयोगी बनाना है।”

शिक्षकों और अभिभावकों को मिला सम्मान

विशिष्ट अतिथि साध्वी वसुंधरा ने कहा कि किसी भी विद्यालय की सफलता के पीछे संस्थापक के सपने, शिक्षकों की मेहनत और अभिभावकों का सहयोग ही असली ताकत है। उन्होंने कहा कि “विद्यालय की 50 वर्षों की यात्रा इस बात का प्रमाण है कि यह संस्थान केवल शिक्षा नहीं, बल्कि संस्कारों का भी केंद्र है।”

अभिभावक पिंकी कुमारी ने कहा कि विद्यालय ने बच्चों में आत्मविश्वास और नैतिक मूल्यों को विकसित करने का जो कार्य किया है, वह सराहनीय है। वहीं अतिथि सुशीला देवी, रेखा रानी और माया अग्रवाल ने भी विद्यालय की उपलब्धियों की प्रशंसा की और संस्थापक स्व. शीतल प्रसाद जी को श्रद्धांजलि दी।

कार्यक्रम संचालन और समापन

कार्यक्रम का स्वागत भाषण अकादमिक कोऑर्डिनेटर राहुल कुमार ने दिया, जिन्होंने विद्यालय की 50 वर्षों की गौरवशाली यात्रा का परिचय कराया। कार्यक्रम का संचालन सुमैया ने किया, जिनका साथ मुनुरेन, लता, अंजू, छोटेलाल, लक्ष्मी, रिजवाना, देवांती और कलावती ने दिया। कुमारी सोनी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का समापन जन गण मन के सामूहिक गायन से हुआ, जिसके साथ पूरा वातावरण देशभक्ति से गूंज उठा।

न्यूज़ देखो: शिक्षा और संस्कार का सुनहरा संगम

जूनियर कैम्ब्रिज स्कूल, सिमडेगा का यह स्वर्ण जयंती समारोह शिक्षा, संस्कृति और समर्पण का सुंदर उदाहरण बना। यह कार्यक्रम न केवल विद्यालय की उपलब्धियों का उत्सव था, बल्कि उस शिक्षा दर्शन का भी प्रतीक था जो ज्ञान और संस्कार को साथ लेकर चलता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

नई पीढ़ी को प्रेरणा देने वाला स्वर्ण अध्याय

विद्यालय की यह 50 वर्षीय यात्रा यह सिखाती है कि समर्पण और शिक्षा से ही समाज का स्वर्ण भविष्य निर्मित होता है।
अब समय है कि हम सब अपने बच्चों के भीतर भी वही मूल्य और संस्कार जगाएं जो ज्ञान को व्यवहार में बदलते हैं।
अपनी राय कमेंट करें, खबर साझा करें और शिक्षा के इस उत्सव में सहभागिता निभाएं ताकि सिमडेगा की यह प्रेरक गूंज दूर-दूर तक पहुंचे।

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Birendra Tiwari

कोलेबिरा, सिमडेगा

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