Palamau

कांदू मुहल्ला की घटना पर शर्मिला वर्मा का तीखा सवाल: सिर्फ बेटियों को नहीं, बेटों की परवरिश पर भी हो ध्यान

Join News देखो WhatsApp Channel

#Palamu #ShockingCrime: शर्मिला वर्मा ने उठाया सवाल — समाज में दानवता क्यों बढ़ रही है?

  • डाल्टनगंज के कांदू मुहल्ले में नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म व हत्या की दर्दनाक घटना
  • मातृत्व संघ की अध्यक्ष शर्मिला वर्मा ने कहा — समाज दानवता की ओर बढ़ रहा है
  • उन्होंने उठाया सवाल — क्या दोष सिर्फ मोबाइल और लड़कियों की कमजोरी का है?
  • बेटियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देने पर जोर
  • बेटों की परवरिश और अभिभावकों की भूमिका पर भी दिया बल

डाल्टनगंज के कांदू मुहल्ले में एक मासूम बच्ची के साथ हुई दुष्कर्म और हत्या की घटना ने पूरे पलामू जिले को झकझोर दिया है। मासूम की अस्मिता को कुचलने के बाद उसकी हत्या कर दी गई, जो कि मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है।

शर्मिला वर्मा का कड़ा बयान

वरदान चैरिटेबल ट्रस्ट की सचिव एवं मातृत्व संघ पलामू की अध्यक्ष शर्मिला वर्मा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा:

“अब सिर्फ बेटियों की मांओं को ही नहीं, बेटों की मांओं को भी जागरूक होने की जरूरत है। आज समाज जिस दिशा में जा रहा है, वह खतरनाक है।”

उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की घटनाओं के पीछे कई कारण हो सकते हैं — मोबाइल की लत, नशा, संस्कारहीन शिक्षा, कमजोर कानून व्यवस्था, और समाज की निष्क्रियता।

त्वरित न्याय की मांग

शर्मिला वर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि:

“सबसे बड़ा कारण है, तुरंत कार्रवाई न होना। सख्त कानून तब ही असरदार होंगे जब उन पर तुरंत अमल हो।”

उन्होंने कहा कि आरोपियों को सजा देने में पैसे, पैरवी और जमानत का खेल ही इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति का मूल कारण है।

सेल्फ डिफेंस की अनिवार्यता

बेटियों को आत्मरक्षा के लिए जूडो-कराटे जैसी ट्रेनिंग देना जरूरी बताया गया। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी स्कूलों में सेल्फ डिफेंस को अनिवार्य विषय बनाया जाए। उन्होंने ये भी कहा:

“माता-पिता बेटियों को नृत्य और संगीत के साथ आत्मरक्षा भी सिखाएं। बेटियां अब डरने वाली नहीं, मुकाबला करने वाली बनें।”

सिर्फ मोमबत्ती नहीं, कार्रवाई चाहिए

कई बार समाज कैंडल मार्च, विरोध प्रदर्शन, या मुआवजे पर ही संतोष कर लेता है, पर शर्मिला वर्मा ने इसे समाधान नहीं, बहकाव बताया। उन्होंने दो टूक कहा:

कठोर से कठोर सजा, वो भी त्वरित, ही एकमात्र उपाय है। समाज को अब चेतना होगा।”

जब समाज में जागरूकता ही बचाव का रास्ता है

इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि सिर्फ कानून नहीं, समाज की चेतना और पारिवारिक जिम्मेदारी ही असली समाधान है। शर्मिला वर्मा जैसी सामाजिक कार्यकर्ता की अपील सिर्फ माताओं से नहीं, हर नागरिक से जवाब मांग रही है।

क्या आप सहमत हैं?

क्या आपको लगता है कि बेटों की परवरिश में लापरवाही भी इस समस्या की जड़ है?
क्या सेल्फ डिफेंस सभी स्कूलों में अनिवार्य होना चाहिए?
अपने विचार जरूर शेयर करें और खबर को रेट करना न भूलें।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

20250923_002035
IMG-20250925-WA0154
1000264265
IMG-20250723-WA0070
IMG-20250610-WA0011
IMG-20250604-WA0023 (1)
Radhika Netralay Garhwa
Engineer & Doctor Academy
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें

Related News

Back to top button
error: