
#गुमला #लापता_व्यक्ति : नवडीहा निवासी कुंदन भगत स्कूटी लेकर निकले थे, 13 तारीख से लापता, परिजनों की चिंता बढ़ी
- नवडीहा बारटोली, घाघरा थाना क्षेत्र के कुंदन भगत लापता।
- 12 तारीख को बेंगलुरु से घर लौटे, अगले दिन स्कूटी लेकर निकले थे।
- परिजनों ने बताया—कहा था “आधे घंटे में लौट आऊंगा”, लेकिन वापस नहीं आए।
- कुंदन का मोबाइल स्विच ऑफ, आसपास व रिश्तेदारों के यहां खोजबीन बेनतीजा।
- पत्नी सुषमा खाखा ने घाघरा थाना में लिखित आवेदन देकर बरामदगी की मांग की।
- पुलिस ने आवेदन लेकर जांच शुरू कर दी है।
गुमला जिले के घाघरा थाना क्षेत्र के नवडीहा बारटोली में रहने वाले कुंदन भगत के अचानक लापता हो जाने से पूरा परिवार सदमे और तनाव में है। कुंदन की पत्नी सुषमा खाखा ने घाघरा थाना में लिखित आवेदन देकर अपने पति की जल्द से जल्द खोज कराने की गुहार लगाई है। यह घटना तब हुई जब कुंदन 12 तारीख को बेंगलुरु से कमाकर अपने घर लौटे और अगले ही दिन 13 तारीख को स्कूटी लेकर घर से थोड़ी देर घूमने की बात कहकर निकले थे। उन्होंने परिजनों से कहा था कि वे आधे घंटे में वापस आ जाएंगे, लेकिन इसके बाद वे अब तक घर नहीं लौटे।
परिजन परेशान, मोबाइल बंद, खोजबीन के बाद भी कोई सुराग नहीं
परिजनों के अनुसार कुंदन भगत का मोबाइल फोन लगातार स्विच ऑफ आ रहा है, जिससे किसी प्रकार का संपर्क संभव नहीं हो पा रहा है। परिवारवालों ने आसपास के क्षेत्रों, रिश्तेदारों और पहचान वालों के यहां व्यापक खोजबीन की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। अचानक इस तरह लापता हो जाने से घर का माहौल गमगीन है। पत्नी सुषमा खाखा सहित परिवार के सभी सदस्य रो-रोकर बेहाल हैं और किसी अनहोनी की आशंका से डरे हुए हैं।
पुलिस जांच में जुटी, पत्नी ने लगाई सुरक्षा की गुहार
सुषमा खाखा ने घाघरा पुलिस प्रशासन से आग्रह किया है कि उनके पति कुंदन भगत का जल्द से जल्द पता लगाया जाए और सुरक्षित बरामदगी सुनिश्चित की जाए। पुलिस ने आवेदन प्राप्त कर मामले की जांच शुरू कर दी है और संभावित स्थानों की जानकारी जुटाई जा रही है।
ग्रामीणों में भी बढ़ी चिंता
घटना के बाद क्षेत्र में भी चिंता की स्थिति बनी हुई है। ग्रामीण परिवार के साथ सहानुभूति जता रहे हैं और कुंदन को जल्द खोज निकालने की उम्मीद कर रहे हैं।
न्यूज़ देखो: लापता नागरिकों की खोज—परिवार की पीड़ा समझना प्रशासन की जिम्मेदारी
ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई, समयबद्ध जांच और तकनीकी साधनों का उपयोग बेहद आवश्यक है।
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मुश्किल घड़ी में उम्मीद ही सबसे बड़ा सहारा
समय है कि समाज और प्रशासन मिलकर ऐसे परिवारों को सहारा दें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर कर जागरूकता फैलाएं।





