
#बांनो #पर्यटन_संभावना : देवनदी किनारे बसा कुंडदह प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक रहस्यों से भरपूर स्थल है।
सिमडेगा जिले के बांनो प्रखंड अंतर्गत बिंतुका पंचायत के ग्राम टूडयू सतबोरा में स्थित कुंडदह नववर्ष पर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है। प्रखंड मुख्यालय से मात्र 13 किलोमीटर दूर देवनदी किनारे स्थित यह स्थल प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक कथाओं से जुड़ा है। जंगलों से गुजरती नदी की कलकल धारा और शांत वातावरण यहां आने वालों को सुकून का अनुभव कराती है। स्थानीय लोग इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग कर रहे हैं।
- बांनो प्रखंड के बिंतुका पंचायत में स्थित है कुंडदह।
- देवनदी किनारे जंगलों से घिरा मनोरम प्राकृतिक स्थल।
- राजाओं के विश्राम स्थल से जुड़ी ऐतिहासिक मान्यताएं।
- चट्टानों पर शेर व घोड़े के पदचिह्न आज भी मौजूद।
- गुफाओं में छिपे हैं कई रहस्य।
- पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग तेज।
सिमडेगा जिले के बांनो प्रखंड में स्थित कुंडदह प्राकृतिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण स्थल के रूप में उभर रहा है। नववर्ष के आगमन के साथ यह स्थान सुकून, शांति और प्रकृति के करीब समय बिताने की चाह रखने वाले लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। घने जंगलों से गुजरती देवनदी की कलकल करती जलधाराएं इस स्थान की सुंदरता को और भी खास बना देती हैं।
देवनदी किनारे बसा प्राकृतिक सौंदर्य का केंद्र
बिंतुका पंचायत के ग्राम टूडयू सतबोरा में स्थित कुंडदह, बांनो प्रखंड मुख्यालय से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। देवनदी के किनारे बसा यह स्थल चारों ओर हरियाली और जंगलों से घिरा हुआ है। यहां पहुंचते ही बहती नदी की मधुर ध्वनि और ठंडी हवा मन को शांति प्रदान करती है। यही कारण है कि स्थानीय लोग इसे प्राकृतिक विश्राम स्थल के रूप में देखते हैं।
ऐतिहासिक मान्यताएं और राजसी कथाएं
स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, प्राचीन काल में राजा या उनके मंत्री अपने लाव-लश्कर के साथ यहां विश्राम किया करते थे। आसपास की चट्टानों पर आज भी ऐसे निशान देखे जा सकते हैं, जो इन कथाओं की ओर इशारा करते हैं। चट्टानों पर उकेरे गए शेर और घोड़े के पदचिह्न इस स्थान की ऐतिहासिक महत्ता को और भी रहस्यमय बनाते हैं।
रहस्यमयी गुफाएं बढ़ाती हैं आकर्षण
कुंडदह क्षेत्र में स्थित गुफाएं भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। कहा जाता है कि इन गुफाओं के भीतर कई ऐतिहासिक और रहस्यमयी तथ्य छिपे हुए हैं। हालांकि इन गुफाओं पर अब तक कोई व्यवस्थित शोध नहीं हो पाया है, लेकिन स्थानीय लोग इन्हें विरासत का हिस्सा मानते हैं।
स्थानीय लोगों का पसंदीदा पिकनिक स्थल
आज भी कुंडदह स्थानीय लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। विभिन्न अवसरों पर परिवार के साथ लोग यहां पिकनिक मनाने आते हैं। शांत वातावरण, खुली प्रकृति और मनमोहक दृश्य इसे पारिवारिक भ्रमण के लिए उपयुक्त बनाते हैं। हालांकि प्रचार-प्रसार की कमी के कारण यह स्थल अभी तक व्यापक पहचान नहीं बना सका है।
जेएलकेएम प्रखंड अध्यक्ष का बयान
जेएलकेएम के प्रखंड अध्यक्ष रविंद्र सिंह ने कहा:
“सतबोरा स्थित कुंडदह एक बेहद शांत, सुंदर और दिल को छू लेने वाला स्थल है। यहां की प्राकृतिक दृश्यावली लोगों को सहज ही आकर्षित करती है, लेकिन जानकारी और प्रचार के अभाव में लोग इससे अनजान हैं।”
पर्यटन विकास की मांग
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि कुंडदह को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए। यदि यहां सड़क, सुरक्षा, संकेतक बोर्ड और आधारभूत सुविधाएं विकसित की जाएं, तो यह स्थान न केवल स्थानीय लोगों बल्कि बाहरी पर्यटकों को भी आकर्षित कर सकता है। इससे क्षेत्र के युवाओं को रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सकती है।
न्यूज़ देखो: उपेक्षित धरोहर में छिपी पर्यटन की बड़ी संभावना
सतबोरा का कुंडदह यह दर्शाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। जरूरत है प्रशासनिक इच्छाशक्ति और योजनाबद्ध विकास की। यदि समय रहते पहल की जाए, तो यह स्थल सिमडेगा जिले का प्रमुख पर्यटन केंद्र बन सकता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
नए साल में प्रकृति से जुड़ने का अवसर
नववर्ष केवल उत्सव का नहीं, बल्कि अपनी विरासत और प्रकृति को पहचानने का भी समय है। कुंडदह जैसे स्थल हमें याद दिलाते हैं कि सुकून और सौंदर्य बड़े शहरों से दूर भी मौजूद है।





