
#चंदवा #भूमिअधिग्रहण : CBA एक्ट के अनुसार ट्रेंच कटिंग कर भौतिक कब्जा लेने की प्रक्रिया भूमि स्वामियों की उपस्थिति में शुरू की गई।
- पीवीयूएनएल बनहरदी परियोजना में भूमि अधिग्रहण निर्णायक चरण में प्रवेश।
- CBA ACT 1957 के तहत ट्रेंच कटिंग कर अर्जित भूमि पर भौतिक कब्जा शुरू।
- 27 नवंबर 2025 को ग्राम एटे में भूमि स्वामियों की उपस्थिति में कार्रवाई संपन्न।
- कार्यक्रम में एम. चंद्रशेखर, आर. बी. सिंह, सिद्धार्थ शंकर, अमरेश चंद्र राउल, विनेश कुमार, अमित द्विवेदी सहित अधिकारी मौजूद।
- प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी, कानूनी नियमों के अनुरूप—रैयतों को आगे मुआवजा भुगतान किया जाएगा।
चंदवा व लातेहार अंचल में पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) की बनहरदी कोयला खनन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण अब सक्रिय और निर्णायक चरण में पहुंच चुका है। कोयला धारक क्षेत्र अधिनियम, 1957 (CBA ACT) के तहत चल रही अधिग्रहण प्रक्रिया के अंतर्गत 27 नवंबर 2025 को ग्राम एटे में ट्रेंच कटिंग कर अर्जित भूमि पर भौतिक कब्जा लेने की कार्रवाई व्यवस्थित रूप से शुरू की गई। यह पहल परियोजना क्रियान्वयन में तेजी लाने और विकासात्मक गतिविधियों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण चरण मानी जा रही है।
पूरी प्रक्रिया भूमि स्वामियों की मौजूदगी में की गई, जिससे इस कार्रवाई में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित हुई। अधिकारियों ने रैयतों को मुआवजा निर्धारण, अधिग्रहण की कानूनी प्रक्रिया और आगे की आवश्यक कार्यवाही से जुड़े बिंदुओं की विस्तार से जानकारी दी। इससे भूमि स्वामियों के बीच विश्वास मजबूत हुआ और सहयोग की भावना विकसित हुई।
बनहरदी परियोजना में भूमि अधिग्रहण क्यों महत्वपूर्ण
पीवीयूएनएल की बनहरदी कोयला खनन परियोजना झारखंड में ऊर्जा उत्पादन श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण घटक है। इस परियोजना के तहत आवश्यक भूमि चिन्हित कर उसकी अधिग्रहण प्रक्रिया लंबे समय से जारी थी, जो अब अपने तकनीकी क्रियान्वयन चरण में प्रवेश कर चुकी है।
ट्रेंच कटिंग के माध्यम से भू-भाग को स्पष्ट रूप से पहचानकर आगे के विकास कार्यों के लिए इसे चिह्नित किया जाता है। यह प्रक्रिया अधिग्रहण के अगले चरण—मुआवजा भुगतान, भूमि विकास और खनन की प्रारंभिक तैयारी—के लिए आधार तैयार करती है। अधिकारियों के अनुसार CBA एक्ट के तहत अधिग्रहित भूमि पर कब्जा प्राप्त करना खनन परियोजना शुरू होने का सबसे महत्वपूर्ण कदम है।
वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति ने बढ़ाई प्रक्रिया की विश्वसनीयता
ग्राम एटे में आयोजित इस प्रक्रिया में परियोजना प्रबंधन की ओर से कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे। इनमें अपर महाप्रबंधक श्री एम. चंद्रशेखर, श्री आर. बी. सिंह, श्री सिद्धार्थ शंकर, उप महाप्रबंधक श्री अमरेश चंद्र राउल, वरिष्ठ प्रबंधक श्री विनेश कुमार, और कार्यपालक भू-अर्जन अधिकारी श्री अमित द्विवेदी उपस्थित थे।
अधिकारियों ने रैयतों को यह भरोसा दिया कि पूरी कार्यवाही सरकारी नियमों का पालन करते हुए, सभी आवश्यक प्रक्रियाओं का दस्तावेजीकरण कर, न्यायसंगत एवं पारदर्शी तरीके से की जाएगी। स्थानीय स्तर पर यह संदेश भी दिया गया कि मुआवजा भुगतान निर्धारित मानकों और कानूनी प्रावधानों के अनुसार होगा, ताकि सभी भूमि स्वामियों को उचित लाभ मिल सके।
भूमि स्वामियों की उपस्थिति ने बढ़ाया विश्वास
ट्रेंच कटिंग के दौरान भूमि स्वामियों की प्रत्यक्ष मौजूदगी इस प्रक्रिया की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता रही। इससे न केवल अधिग्रहण कार्यवाही में पारदर्शिता बढ़ी, बल्कि रैयतों ने भी इसे भरोसे और संवाद की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना। सहयोगपूर्ण माहौल में यह कार्यवाही संपन्न होना परियोजना और समुदाय दोनों के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।
परियोजना से जुड़े आने वाले चरण
अधिकारियों के अनुसार ट्रेंच कटिंग के बाद मुआवजा भुगतान प्रक्रिया तेज होगी, जिसके बाद परियोजना क्षेत्र में प्रारंभिक खनन गतिविधियाँ शुरू की जाएंगी। बनहरदी परियोजना से स्थानीय स्तर पर रोजगार, आधारभूत संरचना और आर्थिक गतिविधियों में तेज वृद्धि होने की संभावना जताई गई है। यह क्षेत्र के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
न्यूज़ देखो: पारदर्शी अधिग्रहण से बढ़ रहा है विकास का भरोसा
भूमि अधिग्रहण जैसी संवेदनशील प्रक्रियाएँ तभी सफल होती हैं जब उनमें पारदर्शिता, संवाद और नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए। पीवीयूएनएल द्वारा ग्राम एटे में पूरी कानूनी प्रक्रिया के तहत, भूमि स्वामियों की उपस्थिति में ट्रेंच कटिंग शुरू करना इसी दिशा में एक मजबूत कदम है। इससे न केवल परियोजना को गति मिलेगी बल्कि स्थानीय समुदाय के साथ विश्वास भी मजबूत होगा।
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