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लातेहार: उत्पाद निरीक्षक के समर्थन में खड़े होना पड़ा भारी, शराब दुकान के तीन कर्मियों की सेवा समाप्त

#लातेहार_शराब_विवाद #उत्पाद_विभाग : कंपनी की कार्रवाई से कर्मियों में नाराज़गी, वेतन विवाद और अंदरूनी खींचतान से बढ़ा मामला

  • उत्पाद निरीक्षक के समर्थन में आए तीन कर्मियों को नौकरी से हटाया गया
  • विवाद मल्टी सिटी प्राइवेट लिमिटेड और निरीक्षक सोनू कुमार के बीच हुआ था
  • कंपनी ने कर्मचारियों को हटाने से पहले उत्पाद अधीक्षक को मेल भेजा था
  • कर्मियों ने दुकान हैंडओवर से किया इनकार, देर शाम वेतन भुगतान के बाद हटाए गए
  • अन्य कर्मचारियों का आरोप- छह महीने से नहीं मिला वेतन

जांच विवाद के बाद शुरू हुआ था टकराव

लातेहार के अम्वाटिकर मोड़ स्थित अंग्रेजी शराब दुकान में 26 मार्च को मल्टी सिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि मनोज कुमार, उनके सहयोगियों और उत्पाद निरीक्षक सोनू कुमार के बीच जांच को लेकर तीखा विवाद हुआ था। इसके बाद दोनों पक्षों ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

इस दौरान दुकान में कार्यरत आयुष कुमार, सूरज कुमार और विनोद यादव ने उत्पाद निरीक्षक के पक्ष में बयान दिया था। इसी वजह से मल्टी सिटी कंपनी की ओर से तीनों कर्मचारियों को सेवा से मुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई।

बिना नोटिस और वेतन के हटाए गए कर्मचारी

“हम लोगों को ना तो कोई नोटिस मिला है, और ना ही पिछले महीनों का वेतन। ऐसे में हम दुकान हैंडओवर नहीं करेंगे।”
– आयुष, सूरज, विनोद (दुकान कर्मी)

शनिवार को सुबह दुकान के ऑडिटर निमेंद्र गुप्ता, उत्पाद अधीक्षक रंजन तिवारी और निरीक्षक सोनू कुमार दुकान पर पहुंचे और हैंडओवर की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही। मगर तीनों कर्मचारियों ने किसी भी तरह का आधिकारिक नोटिस ना मिलने और वेतन न दिए जाने की बात कहकर इंकार कर दिया।

हंगामा, बहस और अंत में वेतन भुगतान के बाद हटाया गया

इस विवाद के बीच दुकान पर कई बार तीखी बहस हुई और देर शाम तक माहौल तनावपूर्ण बना रहा। अंततः कंपनी ने तीनों कर्मियों का वेतन भुगतान किया और उसके बाद उन्हें हटाकर नव नियुक्त कर्मियों को स्थानांतरित कर दिया गया।

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कर्मचारियों में असंतोष, एग्रमेंट खत्म होने से हटाए जाने की आशंका

“कंपनी का एग्रमेंट अंतिम चरण में है, इसी रणनीति के तहत एक-एक कर सभी को हटाया जा रहा है। छह महीने से वेतन भी नहीं मिला है।”
– नागेंद्र गुप्ता, अन्य कर्मचारी

दूसरे कर्मचारियों ने बताया कि कंपनी लगातार देरी से भुगतान कर रही है और कार्यसमाप्ति समझौते से पहले कर्मियों को हटाकर जिम्मेदारी टाली जा रही है।

अधिकारियों का पक्ष

“तीनों कर्मियों को हटाने का आदेश ऊपर से मिला है। हमने बस निर्देशानुसार कार्रवाई की है।”
– निमेंद्र गुप्ता, ऑडिटर

“नए कर्मचारियों की नियुक्ति हेतु पूर्व में आदेश प्राप्त हुआ था। उसी के अनुरूप कार्रवाई की गई है।”
– रंजन तिवारी, उत्पाद अधीक्षक

न्यूज़ देखो : रोज़गार के अधिकार की रक्षा जरूरी

कार्यस्थल पर पारदर्शिता, वेतन भुगतान और उचित नोटिस देना हर कंपनी की ज़िम्मेदारी होती है। ‘न्यूज़ देखो’ अपील करता है कि कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा हेतु सभी नियामक संस्थाएं समय पर हस्तक्षेप करें और न्यायसंगत कार्रवाई सुनिश्चित करें।

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