
#पांकी #जेंडर_समानता : महिलाओं के प्रति हिंसा रोकने और लैंगिक भेदभाव समाप्त करने के उद्देश्य से नयी चेतना 4.0 अभियान शुरू
- पांकी थाना परिसर में नयी चेतना 4.0 अभियान का शुभारंभ।
- घरेलू हिंसा, डायन प्रथा, बाल विवाह व लैंगिक उत्पीड़न पर जागरूकता।
- जेएसएलपीएस व जीसीआरपी कैडर की ओर से कार्यक्रम आयोजित।
- जेंडर सीआरपी पुष्पा देवी ने जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया।
- कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को हिंसा रोकने की शपथ दिलाई गई।
पलामू जिले के पांकी थाना परिसर में महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा, सामाजिक कुप्रथाओं और लैंगिक उत्पीड़न को समाप्त करने के उद्देश्य से नयी चेतना 4.0 अभियान की शुरुआत की गई। यह जागरूकता कार्यक्रम जेएसएलपीएस के तहत दिनांक 9 दिसंबर, मंगलवार को जीसीआरपी कैडर द्वारा आयोजित किया गया। अभियान का उद्देश्य ग्रामीण समाज में जेंडर समानता को बढ़ावा देना और महिलाओं के अधिकारों को लेकर व्यापक जागरूकता फैलाना है।
जागरूकता ही बदलाव की कुंजी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेंडर सीआरपी पुष्पा देवी ने बताया कि समाज में आज भी घरेलू हिंसा, डायन कुप्रथा, बाल विवाह, और लैंगिक उत्पीड़न जैसी गंभीर समस्याएं पूरी तरह समाप्त नहीं हुई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार और जिला प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इन कुरीतियों के उन्मूलन के लिए सबसे बड़ी भूमिका जागरूकता निभाती है। इसी उद्देश्य से नयी चेतना 4.0 अभियान गांव-गांव में चलाया जा रहा है, ताकि लोग हिंसा से दूर रहें और दूसरों को भी जागरूक करते रहें।
महिलाओं के प्रति हिंसा रोकने की शपथ
कार्यक्रम में महिलाओं के उत्पीड़न को सामाजिक तनाव की बड़ी वजह बताया गया और उपस्थित समुदाय को हिंसा रोकने और समानता को बढ़ावा देने की शपथ दिलाई गई। अभियान ने महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयासों पर बल दिया।
कार्यक्रम में सक्रिय सहभागिता
इस अवसर पर कई महिला समूहों की सक्रिय उपस्थिति रही। कार्यक्रम में पुष्पा देवी, संध्या देवी, नंदनी कुमारी, रीमा कुमारी, रूपा देवी, मंजू देवी, फुल कुमारी, ममता कुमारी, सोनी कुमारी, कमला देवी, संजना कुमारी, मीरा कुमारी सहित पुलिस प्रशासन के कई सदस्य मौजूद रहे। सभी ने मिलकर समाज में समानता और हिंसा-रहित वातावरण बनाने का संकल्प लिया।
न्यूज़ देखो: महिलाओं की सुरक्षा पर सामुदायिक जागरूकता ज़रूरी
नयी चेतना 4.0 जैसा अभियान ग्रामीण समाज में वास्तविक परिवर्तन लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। जब समुदाय स्वयं आगे बढ़कर कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाता है, तभी स्थायी बदलाव संभव होता है।
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समानता का संकल्प—समाज की जिम्मेदारी
घरेलू हिंसा विरोधी संदेश को अपने गांव-समाज में फैलाएँ।
महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
कुरीतियों के विरुद्ध आवाज उठाएँ और दूसरों को प्रेरित करें।
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