Giridih

फायर मॉक ड्रिल से सलूजा गोल्ड इंटरनेशनल स्कूल में सीखा जीवन बचाने का पाठ

Join News देखो WhatsApp Channel
#गिरिडीह #DisasterManagement : स्कूल में फायर मॉक ड्रिल से बच्चों को दिया गया जीवनरक्षक प्रशिक्षण
  • सलूजा गोल्ड इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित हुआ आपदा प्रबंधन अभ्यास
  • दमकल अधिकारी रंजीत कुमार पांडेय और शशिभूषण सिंह ने दी प्रशिक्षण
  • एलपीजी आग, शॉर्ट सर्किट, ज्वलनशील पदार्थों के प्रयोग पर दी गई जानकारी।
  • आग पर काबू पाने की तकनीक का लाइव प्रदर्शन हुआ।
  • छात्रों और स्टाफ को व्यवहारिक तरीके से सिखाया गया सुरक्षा का मंत्र

अग्निकांड से निपटने की मिली व्यवहारिक ट्रेनिंग

गिरिडीह स्थित सलूजा गोल्ड इंटरनेशनल स्कूल में गुरुवार को वार्षिक आपदा प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत फायर मॉक ड्रिल का आयोजन हुआ। इस ड्रिल में अग्निशमन विभाग की टीम ने विद्यार्थियों, शिक्षकों और स्कूल स्टाफ को आग लगने की स्थिति में जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के उपायों की जानकारी दी।

इस अभ्यास का नेतृत्व दमकल सहायक अधिकारी रंजीत कुमार पांडेय और अग्निशमन पदाधिकारी शशिभूषण सिंह ने किया। उन्होंने छात्रों को व्यवहारिक प्रशिक्षण देते हुए बताया कि आपदा के समय घबराने की बजाय धैर्य और सही जानकारी से नुकसान को कम किया जा सकता है।

दमकल पदाधिकारी रंजीत कुमार पांडेय ने कहा: “आग लगने पर घबराने की बजाय शांत रहकर प्राथमिक उपाय अपनाएं, जिससे जानमाल की रक्षा की जा सके।”

एलपीजी, शॉर्ट सर्किट और ज्वलनशील पदार्थों से सावधानी जरूरी

प्रशिक्षण के दौरान विद्यार्थियों को बताया गया कि गैस सिलेंडर में आग, बिजली के शॉर्ट सर्किट, और ज्वलनशील पदार्थों के अनुचित प्रयोग से कैसे आग की घटना घट सकती है। ऐसे में इन परिस्थितियों में क्या-क्या सावधानियां और उपाय अपनाने चाहिए, इसकी जानकारी विस्तार से दी गई।

शशिभूषण सिंह ने कहा: “विद्यालयों, घरों और कार्यालयों में छोटी लापरवाही बड़े हादसे का कारण बन सकती है। ऐसी स्थितियों के लिए तैयारी जरूरी है।”

लाइव डेमो से समझी आग बुझाने की तकनीक

कार्यक्रम में एलपीजी गैस से आग लगने की स्थिति का लाइव प्रदर्शन किया गया। इस दौरान छात्रों को बताया गया कि कैसे घरेलू और आस-पास की वस्तुओं की मदद से आग पर प्रारंभिक नियंत्रण पाया जा सकता है। फायर एक्सटिंग्विशर के साथ-साथ गीला बोरा, बालू, और पानी का उपयोग किस परिस्थिति में करना चाहिए, यह भी सिखाया गया।

छात्रों में दिखा आत्मविश्वास

इस फायर मॉक ड्रिल के आयोजन से छात्रों में आपात स्थिति से निपटने का आत्मविश्वास देखने को मिला। स्कूल प्रशासन ने भी इस तरह के अभ्यास को आवश्यक और नियमित बताते हुए कहा कि इससे न सिर्फ छात्रों, बल्कि पूरे स्टाफ की आपदा प्रतिक्रिया क्षमता मजबूत होती है।

न्यूज़ देखो: बच्चों को सिखाएं सुरक्षा के मूल मंत्र

फायर मॉक ड्रिल जैसे अभ्यास केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि भविष्य की संभावित आपदाओं के प्रति तैयार रहने का अहम माध्यम हैं। न्यूज़ देखो मानता है कि यदि विद्यालय स्तर पर ही बच्चों को जीवनरक्षक तकनीकों की जानकारी दी जाए, तो वे न सिर्फ खुद को, बल्कि औरों को भी बचा सकते हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सजग समाज की नींव बनाएं जागरूक बच्चे

आपदा की घड़ी में जान बचाने से बड़ा कोई ज्ञान नहीं। ऐसे कार्यक्रम बच्चों में जिम्मेदारी, सतर्कता और आत्मबल का संचार करते हैं। आइए, इस खबर को शेयर कर औरों को भी जागरूक करें।
कमेंट करें, साझा करें, और सजग नागरिक बनने में सहयोग करें।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

1000264265
IMG-20250925-WA0154
IMG-20250610-WA0011
IMG-20250723-WA0070
IMG-20251017-WA0018
IMG-20250604-WA0023 (1)
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Surendra Verma

डुमरी, गिरिडीह

Related News

Back to top button
error: