
#महुआडांड़ #पर्यटनस्थलविवाद : इको विकास समिति पर अनियमितता के आरोप, पुलिया धंसने से पर्यटकों की सुरक्षा पर सवाल
- लोध फॉल का एंट्री काउंटर बंद, आपसी विवाद के चलते कार्रवाई।
- जिप सदस्य इस्तेला नगेसिया और ग्राम प्रधान की उपस्थिति में सील किया गया।
- विकास कार्य न होने, एंट्री शुल्क के उपयोग पर उठे सवाल।
- धंसी पुलिया, खराब शौचालय और सुविधाओं की कमी पर ग्रामीण नाराज़।
- हिसाब-किताब सार्वजनिक होने तक काउंटर बंद रहेगा।
महुाडांड़ प्रखंड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल लोध फॉल में बुधवार को बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया गया, जब इको विकास समिति द्वारा संचालित एंट्री काउंटर को स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों की मौजूदगी में बंद करा दिया गया। कार्रवाई का नेतृत्व जिला परिषद सदस्य इस्तेला नगेसिया और ग्राम प्रधान फ्रांसीस केरकेट्टा ने किया। बताया गया कि लंबे समय से गांव में समिति को लेकर विवाद चल रहा था और विकास कार्यों पर गंभीर सवाल उठ रहे थे।
एंट्री शुल्क वसूली के बावजूद विकास कार्य शून्य
जिप सदस्य इस्तेला नगेसिया ने आरोप लगाया कि लोध फॉल से प्रतिदिन एंट्री शुल्क के रूप में पैसा वसूला जा रहा है, लेकिन गांव और पर्यटन स्थल के विकास में इसका उपयोग नहीं दिखाई देता। उन्होंने कहा कि समिति ने अब तक पारदर्शी तरीके से हिसाब नहीं दिया, जबकि पिछले कई वर्षों से राशि संग्रह का काम जारी है।
धंसी पुलिया से पर्यटकों की जान को खतरा
सबसे गंभीर मुद्दों में लोध जलप्रपात की मुख्य पुलिया का पिछले चार महीनों से धंसा होना शामिल है। ग्रामीणों के अनुसार पुलिया की मरम्मत न होने से पर्यटकों की सुरक्षा खतरे में है। कई बार हादसे की आशंका व्यक्त की गई, लेकिन इसके बावजूद मरम्मत कार्य शुरू नहीं हुआ।
इसके साथ ही पर्यटन स्थल पर शौचालयों की दयनीय स्थिति, कूड़ा प्रबंधन की कमी और अन्य बुनियादी सुविधाओं के अभाव को लेकर भी लोगों ने नाराज़गी जताई।
किसानों पर जंजीर लगाकर रोकने का गंभीर आरोप
ग्रामीणों ने इको विकास समिति पर आरोप लगाया कि कुछ सदस्यों ने रास्ते में जंजीर लगाकर किसानों को खेत तक जाने से रोक दिया, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ। इसके बावजूद आज तक किसी को मुआवजा नहीं मिला।
हिसाब-किताब साफ होने तक एंट्री काउंटर बंद रहेगा
ग्राम प्रधान फ्रांसीस केरकेट्टा ने साफ कहा कि जब तक ग्राम सभा में आपसी विवाद का समाधान और पांच वर्षों का पूरा हिसाब सार्वजनिक नहीं हो जाता, तब तक एंट्री काउंटर बंद रहेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि ग्रामीणों को अब पारदर्शिता के बिना कोई व्यवस्था स्वीकार नहीं होगी।
वन विभाग का बयान—प्रस्ताव नहीं मिला
वन विभाग के अधिकारी कुणाल कुमार ने बताया कि लोध ग्राम के विकास के लिए कई बार समिति और ग्रामीणों से प्रस्ताव मांगा गया, लेकिन कोई ठोस योजना प्रस्तुत नहीं की गई। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पूर्व अध्यक्ष द्वारा हिसाब न देने से विवाद गहराया है।
न्यूज़ देखो: पर्यटन स्थलों की जवाबदेही सुनिश्चित करना जरूरी
लोध फॉल जैसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल पर अनियमितताओं के कारण विकास कार्य रुकना केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था ही नहीं, बल्कि सुरक्षा और पर्यटक अनुभव पर भी सीधा असर डालता है। पारदर्शिता और जवाबदेही बहाल होना आवश्यक है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जिम्मेदारी समझें, क्षेत्र के विकास में भागीदारी बढ़ाएँ
पर्यटन स्थलों का संरक्षण सामूहिक जिम्मेदारी है। आप भी अपनी राय दें—क्या एंट्री शुल्क का हर पैसे का हिसाब जनता को मिलना चाहिए? खबर को साझा करें और अपनी आवाज प्रशासन तक पहुँचाएँ।





