लोहरदगा जिले के कोलसिमरी गांव में सिमडेगा पुलिस लाइन में तैनात जवान रामू महतो ने छुट्टी के दौरान फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। रामू 13 दिसंबर को छुट्टी लेकर घर आए थे और 22 दिसंबर को ड्यूटी पर लौटने वाले थे। लेकिन इससे पहले ही उन्होंने यह कदम उठा लिया। इस घटना के बाद पुलिस ने बताया कि पारिवारिक कारणों के चलते उन्होंने आत्महत्या की।
12 जवानों की आत्महत्या का मामला
लोहरदगा जिले में इस साल जवानों की आत्महत्या का यह 12वां मामला है। झारखंड में तनाव और पारिवारिक समस्याओं के कारण जवानों की आत्महत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
हालिया घटनाएं:
- 9 दिसंबर: धनबाद जिले में टुंडी थाना क्षेत्र में सीआरपीएफ हवलदार नंदकिशोर सिंह ने खुद की राइफल से गोली मार ली।
- 26 नवंबर: धनबाद के बलियापुर में आईटीबीपी जवान संदीप कुमार सिंह ने खुद को गोली मारकर जान दी।
- 5 नवंबर: लोहरदगा के भंडरा थाना क्षेत्र में एसएसबी जवान अनप्पा दुग्गाल ने इंसास राइफल से आत्महत्या की।
पहले भी कई जवान बने तनाव का शिकार
- 2 अक्टूबर: रांची के नगड़ी क्षेत्र में सीआरपीएफ जवान राहुल कुमार ने खुद की राइफल से जान दी।
- 18 जून: बोकारो में सीआईएसएफ जवान संजीत ने पत्नी की हत्या के बाद आत्महत्या की।
- 25 जुलाई: चतरा में सीआरपीएफ जवान आशीष कुमार ने फांसी लगाई।
क्या है आत्महत्याओं की वजह?
जांच रिपोर्ट्स के मुताबिक, अधिकतर जवान तनाव, पारिवारिक विवाद, और काम के बढ़ते दबाव का शिकार हो रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है:
जवानों को मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
पारिवारिक और कार्यस्थल की समस्याओं के समाधान के लिए काउंसलिंग जरूरी है।
अधिकारियों को जवानों के लिए मानसिक राहत और सहयोग के उपाय लागू करने चाहिए।
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