लोहरदगा। रविवार सुबह लोहरदगा के शहरी क्षेत्र में बॉक्साइट ढुलाई के दौरान बड़ा हादसा हुआ। हिंडाल्को कंपनी द्वारा बगडू से लोहरदगा तक बॉक्साइट ढुलाई के लिए इस्तेमाल किए जा रहे रोपवे की करीब एक दर्जन ट्रॉलियां टूटकर नीचे गिर गईं। गनीमत रही कि हादसे के समय ट्रॉलियां गिरने वाली जगह पर कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था, जिससे बड़ा नुकसान टल गया।
कैसे हुआ हादसा?
हिंडाल्को कंपनी, जो ब्रिटिश काल से रोपवे का संचालन कर रही है, ने बॉक्साइट की ढुलाई के लिए बड़े आकार की ट्रॉलियों का उपयोग शुरू किया है। स्थानीय लोगों के अनुसार, रोपवे का रखरखाव लंबे समय से सही तरीके से नहीं किया जा रहा था। हादसा उस समय हुआ जब ट्रॉलियां शहरी इलाके से गुजर रही थीं।
रिहायशी इलाकों में खतरा
स्थानीय निवासियों का कहना है कि ट्रॉलियों के गिरने की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। रिहायशी इलाकों से बॉक्साइट की ढुलाई के दौरान कई बार ट्रॉलियां टूटकर गिर चुकी हैं। लगभग 15 साल पहले ऐसी ही एक घटना में एक बच्चे की मौत हो गई थी। उस समय हिंडाल्को कंपनी ने परिवार को मात्र ढाई लाख रुपये देकर मामला शांत कर दिया था।
लोगों में आक्रोश
घटना के बाद स्थानीय लोगों में हिंडाल्को कंपनी के प्रति भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि कंपनी केवल अपने मुनाफे पर ध्यान देती है और सुरक्षा के मानकों की अनदेखी करती है। हादसे के तीन घंटे बाद भी हिंडाल्को के किसी वरिष्ठ अधिकारी या कर्मचारी ने घटनास्थल का दौरा नहीं किया।
सुरक्षा पर सवाल
हिंडाल्को कंपनी की लापरवाही को लेकर स्थानीय लोगों ने सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि कंपनी को रोपवे के लिए कितनी जमीन ली गई है और सुरक्षा मानकों को कैसे लागू किया जा रहा है, इसे सार्वजनिक करना चाहिए।
पिछले हादसे की यादें ताजा
15 साल पहले ट्रॉली गिरने से एक बच्चे की मौत ने लोगों को झकझोर दिया था। इसके बावजूद, कंपनी ने इस दिशा में सुधार के लिए ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
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